तीस लाख रिश्वत मांगने वाला इंस्पेक्टर गिरफ्तार

Inspector arrested for demanding bribe of Rs 30 lakh

इंद्र वशिष्ठ

नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस में भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा। दिल्ली पुलिस की विजिलेंस यूनिट ने ग्रेटर कैलाश थाने में तैनात इंस्पेक्टर जितेंद्र सिंह यादव और उसके साथी धर्मवीर को गिरफ्तार किया है। इंस्पेक्टर जितेंद्र सिंह यादव ने तीस लाख रुपए रिश्वत मांगी थी।

एक लाख रुपए रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया धर्मवीर खुद को वकील बता रहा था।

ग्रेटर कैलाश की रहने वाली महिला ने विजिलेंस यूनिट को दी अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि उसके और उसके पति के खिलाफ थाना ग्रेटर कैलाश में एफआईआर दर्ज की गई थी। उस मामले के आईओ इंस्पेक्टर जितेंद्र सिंह यादव मामले में उनका पक्ष लेने के लिए उनसे रिश्वत मांग रहे हैं। सौदेबाजी के बाद रिश्वत की रकम 30 लाख रुपए तय हुई है। शिकायतकर्ता ने आगे बताया कि इंस्पेक्टर जितेंद्र सिंह यादव ने उसे धर्मवीर को रिश्वत की रकम देने का निर्देश दिया है, जिसने खुद को वकील बताया है।

एसीपी, विजिलेंस की देखरेख में एक टीम गठित की गई। 23 जून को विजिलेंस टीम ने एक लाख रुपए रिश्वत लेते हुए बाद धर्मवीर निवासी खिड़की एक्सटेंशन, मालवीय नगर‌ को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद इंस्पेक्टर जितेंद्र सिंह यादव को भी गिरफ्तार किया गया। विजिलेंस को जांच के दौरान पता चला कि धर्मवीर रजिस्टर्ड वकील नहीं है और वह खुद को वकील के तौर पर गलत तरीके से पेश कर रहा है।

दिल्ली पुलिस की विजिलेंस यूनिट ने 10 जून को गोविंद पुरी थाने के एएसआई सुशील शर्मा और उसकी महिला सहयोगी को शिकायतकर्ता से 5 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। गिरफ्तार महिला की थाने के बाहर चाय की दुकान है। एएसआई सुशील शर्मा उसके जरिये रिश्वत लेता था। एफआईआर से दिहाड़ी मजदूर शिकायतकर्ता के परिवार के सदस्यों के नाम हटाने के लिए एएसआई सुशील शर्मा ने दस हजार रुपए रिश्वत मांगी।