अत्यधिक महत्वपूर्ण जल स्रोतों का संरक्षण एवं पुनर्जीवीकरण को शीर्ष प्राथमिकता में रखते हुए कार्य करने के निर्देश

Instructions to work keeping conservation and revitalization of very important water sources as top priority

रविवार दिल्ली नेटवर्क

देहरादून : अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में स्प्रिंग एंड रिवर रिजूविनेशन प्राधिकरण, उत्तराखण्ड की 11वीं जनपद एवं अर्न्तविभागीय समीक्षा बैठक में प्रतिभाग किया। इस दौरान अपर मुख्य सचिव ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्राकृतिक जल स्रोतों, नौलों – धारों और नदियों के संरक्षण एवं उन्हें पुनर्जीवित करने के लिए बेहतर एवं प्रभावी कार्य योजनाएं बनाकर शासन को भेजें। सभी जिले एवं विभाग बेस्ट प्रैक्टिस अपनाते हुए ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में जल स्रोतों के संरक्षण हेतु लघु एवं दीर्घ कालीन नीतियों पर कार्य करें। उन्होंने कहा कि संबंधित क्षेत्र के अत्यधिक महत्वपूर्ण जल स्रोतों का संरक्षण एवं पुनर्जीवीकरण को शीर्ष प्राथमिकता में रखते हुए कार्य किए जाएं। इसके साथ ही चिन्हित किए गए जल स्रोतों एवं नदियों का जिओ – हाइड्रोलॉजिकल अध्ययन करवा कर उसकी नियमित समीक्षा की जाए। अपर मुख्य सचिव ने सभी जिला अधिकारियों को जिलों के विभिन्न स्थानों पर बनाए गए अमृत सरोवर के ग्राउंड वेरिफिकेशन कराने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सारा से संबंधित कार्य योजनाओं में किसी तरह की दिक्कत आने पर तुरंत शासन में संबंधित विभाग को अवगत करवाया जाए एवं सभी संबंधित विभाग आपसी सहयोग से जल संरक्षण के कार्य को करें।उन्होंने कहा कि सारा के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों की जिओ – टैगिंग अनिवार्य रूप से की जाए। सूखाग्रस्त क्षेत्रों में भू-जल रिचार्ज के दृष्टिगत प्रस्तावित कार्यों को तेज़ी से अमल में लाया जाए। वर्षा आधारित सहायक नदियों/धाराओं की उपचार योजनाओं का निरूपण वैज्ञानिक विधि से किया जाए और ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित जल स्रोतों का सतत् रूप से अनुरक्षण सामुदायिक सहभागिता से सुनिश्चित किया जाए।

बैठक में अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीमती नीना ग्रेवाल ने बताया कि राज्य में ग्राम स्तर पर 5421 जल स्रोतों, विकासखण्ड स्तर पर 929 क्रिटिकल सूख रहे जल स्रोत, एवं जनपद स्तर पर 292 सहायक नदियों/धाराओं की उपचार गतिविधियां संचालित हैं। इस प्रकार कुल 6350 चिन्हित जल स्रोत का उपचार कार्य गतिमान है। उन्होंने बताया कि जल संरक्षण अभियान 2024 के अंतर्गत 2.51 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी को रिचार्ज करने का लक्ष्य रखा गया था, जिसके सापेक्ष लगभग 2.38 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी को रिचार्ज कर लिया गया है।