- सीएम योगी के विजन अनुसार, कंसल्टेंसी के माध्यम से प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग यूनिट का होगा गठन जो निवेश लाने के साथ ही विभिन्न पहलुओं की करेगा निगरानी
- उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीएलसी) को आईटी व इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग द्वारा सौंपा गया है कंसल्टेंसी निर्धारण व पीएमयू के संचालन का जिम्मा
- लखनऊ के अमौसी इंडस्ट्रियल एरिया में 40 एकड़ क्षेत्र में आईटी पार्क, एसटीपीआई पार्क, इनक्यूबेशन सेंटर, स्टेट डाटा सेंटर समेत विभिन्न सुविधाओं का होगा विकास
- प्रोजेक्ट के अंतर्गत ‘इलेक्ट्रॉनिक्स निकेतन’ का भी निर्माण व विकास होगा जहां यूपीडेस्को, यूपीएलसी व श्रीट्रॉन जैसी संस्थाओं की तमाम यूनिट्स का होगा ऑफिस
रविवार दिल्ली नेटवर्क
लखनऊ : उत्तर प्रदेश को उद्यम व उन्नत प्रदेश बनाने के लिए संकल्पबद्ध योगी सरकार ने प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थापित होने वाली इंटीग्रेटेड आईटी पार्क व इनक्यूबेशन सेंटर परियोजना को वास्तविकता की शक्ल देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उल्लेखनीय है कि सीएम योगी के विजन अनुसार, लखनऊ के अमौसी इंडस्ट्रियल एरिया में 40 एकड़ प्रसार क्षेत्र में आईटी पार्क, एसटीपीआई पार्क, इनक्यूबेशन सेंटर, स्टेट डाटा सेंटर समेत विभिन्न सुविधाओं के विकास की कार्ययोजना तैयार की थी। इस कार्ययोजना को अमलीजामा पहनाने के लिए अब कंसल्टेंसी फर्म की नियुक्ति के जरिए प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग यूनिट (पीएमयू) का गठन किया जाएगा। इस कार्य को आईटी व इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग द्वारा उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीएलसी) को सौंपा गया है जिसके द्वारा कंसल्टेंसी फर्म की निर्धारण प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
निवेश आकर्षित करने के लिए रोडमैप होगा तैयार
परियोजना के अंतर्गत नियुक्त होने वाली पीएमयू खासतौर पर इंटीग्रेटेड आईटी पार्क व इनक्यूबेशन सेंटर परियोजना के अंतर्गत होने वाले विभिन्न विकास व निर्माण कार्यों की मॉनिटरिंग तो करेगी ही, साथ ही देश व दुनिया के बड़े निवेशकों का निवेश भी परियोजना में आकर्षित करने का रोडमैप तैयार करेगी। उल्लेखनीय है कि परियोजना के अंतर्गत यहां इलेक्ट्रॉनिक्स निकेतन नाम से एक आधुनिक सुविधा युक्त इमारत का निर्माण किया जाएगा जिसमें आईटी व इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग, यूपीडेस्को, सीईजी, यूपीएलसी व श्रीट्रॉन जैसी संस्थाओं से जुड़ी पीएमयू व अन्य संबंधित यूनिट्स के ऑफिस इस्टैबलिश किए जाएंगे।
राज्य के सबसे बड़े इनक्यूबेशन सेंटर की स्थापना का मार्ग होगा प्रशस्त
सीएम योगी के विजन अनुसार, इंटीग्रेटेड आईटी पार्क व इनक्यूबेशन सेंटर परियोजना के अंतर्गत प्रदेश के सबसे बड़े इनक्यूबेशन सेंटर की स्थापना का मार्ग प्रशस्त होगा। यह इनक्यूबेटर फैसिलिटी 2 लाख स्क्वेयर फीट से ज्यादा क्षेत्र में विकसित की जाएगी। जबकि, 30 एकड़ में आईटी पार्क, 2 से 3 एकड़ में एसटीपीआई तथा 2 से 3 एकड़ में स्टेट डाटा सेंटर का निर्माण किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, आडिटोरियम युक्त 20 सीटर कन्वेंशन सेंटर, 100 सीटर मीटिंग हॉल, बोर्ड रूम, कॉमर्शियल व इंडस्ट्रियल वर्क स्पेसेस, ऑफिस, रेजिडेंशियल कॉम्पलेक्स, पार्क व ग्रीन स्पेसेस, एटीएम मशीन इंस्टॉलेशन तथा कैफेटेरिया समेत विभिन्न प्रकार की सुविधाओं का निर्माण व विकास किया जाएगा। इन सभी कार्यों को पूरा करने के साथ ही आईटी पार्क समेत यहां संचालित होने वाले सभी प्रकार के डाटा सेंटरों में निवेश की प्रक्रिया को पूरा करने का मार्ग पीएसयू के निर्धारण से प्रशस्त होगा।
6 चरणों में प्रक्रिया को बढ़ाया जाएगा आगे
आईटी पार्क व इनक्यूबेशन सेंटर परियोजना के विकास के बनी कार्ययोजना के अनुसार, 6 चरणों में प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। पहले चरण में लखनऊ समेत प्रदेश में विभिन्न आईटी पार्क की स्थापना के दावेदारों को चिह्नित किया जाएगा। लखनऊ में आईटी पार्क के लिए इनवेस्टमेंट प्रमोशन केपेबिलिटीज पर काम किया जाएगा। वहीं, निर्माण प्रक्रिया के दौरान फील्ड स्टडी, कॉन्सेप्ट डेवलपमेंट, आरएफपी मैनेजमेंट, प्रोजेक्ट सुपरविजन, स्टेकहोल्डर कंसल्टेशन, थर्ड पार्टी फर्म्स की सिलेक्शन व मॉनिटरिंग, नॉलेज मैनेजमेंट प्रमोशन, मार्केटिंग प्रमोशन, इनवेस्टमेंट प्रमोशन व आउटरीच जैसी प्रक्रियाओं को पूरा किया जाएगा। इसके बाद, आईटी पार्क की पोस्ट डेवलपमेंट प्रक्रिया शुरू होगी जिसमें सभी निर्माण प्रक्रिया की कार्यप्रणाली को की परफॉर्मेंस इंडिकेटर्स (केपीआई) के आधार पर मापा जाएगा।