गणि राजेन्द्र विजय को प्रदान किया जाएगा अंतरराष्ट्रीय स्वामी प्रज्ञानंद अवार्ड

International Swami Pragyananda Award will be given to Gani Rajendra Vijay

रविवार दिल्ली नेटवर्क

नई दिल्ली : विश्व संत महामंडलेश्वर स्वामी प्रज्ञानंदजी की स्मृति में प्रति वर्ष प्रदत्त किये जाने वाला ‘अंतरराष्ट्रीय स्वामी प्रज्ञानंद अवार्ड-2024’ आदिवासी उत्थान एवं उन्नयन के लिए डाॅ. गणि राजेन्द्र विजयजी को प्रदत्त किया जाएगा। विश्व माता गायत्री ट्रस्ट की प्रमुख साध्वी विभानंद गिरि द्वारा स्थापित अंतरराष्ट्रीय स्वामी प्रज्ञानंद अवार्ड से इस वर्ष गणि राजेन्द्र विजयजी के अतिरिक्त चिकित्सा के क्षेत्र में नेत्ररोग विशेषज्ञ डाॅ. पवन स्थापक (मध्यप्रदेश), सुरक्षा, जनरक्षा एवं सामाजिक समरसता के लिए श्री घनश्याम बंसल आईपीएस (दिल्ली), कला के क्षेत्र में श्री राजेश कुमार एवं साहित्य के क्षेत्र में श्रीमती पुष्पा सिंह विसेन (उत्तरप्रदेश) को भी यह प्रतिष्ठित सम्मान प्रदत्त किया जाएगा।

अंतरराष्ट्रीय स्वामी प्रज्ञानंद सम्मान समिति के संयोजक डाॅ. महेश चैधरी ने बताया कि 3 सितम्बर 2024 को यह सम्मान समारोह दिल्ली के सीरी फोर्ट आॅडिटोरियम में आयोजित होगा जिसमें चिकित्सा, शिक्षा, सेवा, अध्यात्म, सामाजिक समरसता, पर्यावरण, कला, संस्कृति, नशामुक्ति के क्षेत्र से जुड़ी देश एवं विदेश की अनेक प्रतिभाओं के साथ-साथ बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन भाग लेंगे।

विदित हो कि गणि राजेन्द्र विजय सुखी परिवार फाउंडेशन के माध्यम से परिवार संस्था, संस्कृति एवं राष्ट्रीयता को मजबूत करते हुए गुजरात के आदिवासी जनजीवन के उन्नयन एवं उत्थान के लिए प्रयत्नशील हैं। बीस से अधिक पुस्तकों के लेखक एवं करीब पन्द्रह स्कूलांे का नेतृत्व करनेवाले गणि राजेन्द्र विजयजी जैनधर्म में दीक्षित साधु हैं। वे आदिवासियों के मूल अधिकार जल, जंगल और जमीन के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित किये हुए हैं। गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश, झारखण्ड, उड़ीसा, बिहार, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र आदि प्रांतों के आदिवासी समुदाय अपनी समस्याओं के समाधान के लिए उन्हीं से मार्गदर्शन लेते हैं। आप आदिवासी संस्कृति, कला, भाषा, गीत-संगीत, खान-पान आदि को जीवंत बनाये रखने के लिए भी निरंतर जनजागृति का माहौल निर्मित कर रहे हैं। इसके लिए वे पदयात्रा, राजनीतिक-बौद्धिक संपर्क, गोष्ठियां, सम्मेलन आदि आयोजित करते हैं। उनके नेतृत्व में गुजरात के आदिवासी क्षेत्र कवांट, बलद, बोडेली में अनेक शिक्षा, सेवा, जनकल्याण की गतिविधियां संचालित हो रही है।