महेंद्र सिंह धोनी… आईपीएल इतिहास के सबसे सफल कप्तान। अपनी कप्तानी में धोनी ने चेन्नई को पांच बार आईपीएल जिताया और सबसे ज्यादा बार प्लेऑफ में ले गए। रोहित शर्मा, मुंबई इंडियंस को पांच बार आईपीएल जिताने वाले कप्तान। अभी तक आईपीएल में खिताब जीतने की बात होती थी तो इन दोनों के नाम ही आते थे. लेकिन अब कहानी आगे बढ़ गई है। इस फेहरिस्त में एक नाम और जुड़ गया है, जिसके बारे में कहा जा सकता है कि उस इंसान को टीम को प्लेऑफ में पहुंचाना और उसे जिताना आता है। ये हैं गौतम गंभीर।
अपनी कप्तानी में गंभीर ने कोलकाता नाइट राइडर्स को साल 2011 में पहली बार प्लेऑफ में पहुंचाया और फिर अगले साल यानी 2012 में टीम को फाइनल जिताया। 2014 में वह फिर टीम को खिताब दिलाने में सफल रहे। साल 2018 में गंभीर ने कोलकाता का साथ छोड़ा था। लेकिन 2024 में जैसे ही वह मेंटर बनकर आए टीम की तकदीर बदली और ऐसे मास्टर स्ट्रोक चले कि टीम तीसरी बार खिताब जीतने में सफल रही।
सुनील नरेन को बना दिया ओपनर
गंभीर का सबसे बड़ा मास्टर स्ट्रोक देखा जाए तो वो सुनील नरेन को दोबारा ओपनर बनाना रहा। गंभीर जब कोलकाता के कप्तान थे तब उन्होंने नरेन को ओपनिंग कराई थी और इसका फायदा टीम को मिला था। इस बार जब गंभीर की कोलकाता में वापसी हुई तो फिर उन्होंने नरेन को बतौर ओपनर खिलाया। नतीजा ये रहा कि पावरप्ले में केकेआर की टीम हिट रही। नरेन ने फिल सॉल्ट के साथ मिलकर जमकर रन बटोरे।
नरेन की खासियत उनकी मिस्ट्री स्पिन है,लेकिन इस सीजन ये खिलाड़ी अपने बल्ले से ज्यादा चमका। 14 मैचों में नरेन ने 180.74 की औसत से 488 रन बनाए। इस दौरान उनका औसत 34.86 रहा। नरेन के बल्ले से तीन अर्धशतक और एक शतक निकला। नरेन और सॉल्ट को ओपनिंग पर भेज गंभीर की कोशिश यही थी कि पावरप्ले का सही इस्तेमाल हो पाए। उनका ये दांव चल गया।
मिचेल स्टार्क पर भरोसा करना
मिचेल स्टार्क पर जब कोलकाता ने दांव लगाया और नीलामी में 24.75 करोड़ रुपये देकर खीरदने में सफल रही तो गंभीर का रिएक्शन काफी कुछ बयां कर रहा था। वो जानते थे कि स्टार्क क्या कर सकते हैं। लेकिन कई लोगों ने उस समय कहा था कि स्टार्क आखिरी समय पर नाम वापस ले लेते हैं। स्टार्क शुरू के मैचों में भी फेल रहे। वह टीम को शुरुआती ओवर में विकेट नहीं दिला पा रहे थे और रन भी खा रहे थे। यहां भी गंभीर के फैसले पर सवाल उठे लेकिन उन्होंने स्टार्क पर भरोसा बनाए रखा।
स्टार्क ने गंभीर के भरोसे को जाया नहीं जाने दिया। दो बड़े मैचों में स्टार्क चल गए और वहीं से कोलकाता हावी हो गई। पहला क्वालिफायर भी कोलकाता और हैदराबाद के बीच हुआ था। इस मैच में स्टार्क ने हैदराबाद के तूफानी बल्लेबाज ट्रेविस हेड को आउट कर दिया था। वो भी बिना खाता खोले। इसके बाद उन्होंने नीतीश रेड्डी और फिर शाहबाज अहमद को आउट कर हैदराबाद को बैकफुट पर धकेल दिया था।
फाइनल में भी स्टार्क चल गए। उन्होंने इस मैच में हैदराबाद के एक और तूफानी ओपनर अभिषेक शर्मा को आउट किया। अभिषेक पहले ही ओवर में आउट हो गए। फिर स्टार्क ने राहुल त्रिपाठी को आउट किया जो हैदराबाद के लिए बड़ा स्कोर कर सकते थे। यहीं से हैदराबाद की बल्लेबाजी की कमर टूट गई थी जिससे वो वापसी नहीं कर पाई।