विजय रथ पर सवार भारत की पुरुष हॉकी टीम को रोकना बांग्लादेश के लिए लगभग नामुमकिन

  • भारत ने चारों पूल मैच जीत सेमीफाइनल में स्थान बना स्वर्ण का दावा और मजबूत किया

सत्येन्द्र पाल सिंह

नई दिल्ली : कप्तान अनुभवी ड्रैग फ्लिकर कप्तान हरमनप्रीत, वरुण कुमार और स्ट्राइकर मनदीप सिंह के अब तक आठ-आठ तथा अभिषेक और ललित उपाध्याय के पांच-पांच गोल की बदौलत दुनिया की तीसरी वरीयता प्राप्त भारत की पुरुष हॉकी टीम ने अब तक दे दनादन कुल 46 गोल (27 मैदानी, 16 पेनल्टी कॉर्नर, तीन मैदानी) कर हंगजू(चीन)में 19 वें एशियाई खेलों में पूल ए में अपने शुरू के चारों मैच जीत कुल 12 अंकों के साथ सबसे पहले सेमीफाइनल में स्थान बना अपना इस बार स्वर्ण पदक जीतने का दावा और मजूबत किया है। भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ इतिहास की शनिवार को 10-1 से सबसे बड़ी जीत के साथ अपने घर में 1982 में नई दिल्ली में एशियाई खेलों में राष्ट्रीय स्टेडियम में अपनी जफर इकबाल की अगुआई वाली टीम को मिली 1-7 की हार की कसक बहुत हद तक मिटा दी। भारतीय पुरुष हॉकी टीम की ताकत मौजूदा एशियाई खेलों में तेज आगाज, अग्रिम पंक्ति का बेहतरीन तालमेल और आखिरी मिनट तक गोल करने की ललक है। ऐसे में पूरे रंग में चल रही विजयरथ पर सवाल भारत की पुरुष हॉकी टीम को अब सोमवार को पूल ए में अंतिम मैच में बांग्लादेश के लिए रोकना लगभग नामुमकिन है। बांग्लादेश अब तक चार में से दो ही मैच जीत पाई है। भारत के लिए सबसे सुखद यह है कि उसके लिए उसके दोनों गोलरक्षकों पीआर श्रीजेश और कृष्ण बहादुर पाठक तथा जर्मनप्रीत सिंह व नीलकांत शर्मा को छोड़ उसके लिए 14 अलग-अलग खिलाडिय़ों ने गोल किए हैं। भारत ने मौजूदा चैंपियन जापान के खिलाफ पूल मैच में 4-0 की बढ़त लेने के बाद अंतिम समय की जरा सी ढील सहित दो गोल खाने सहित चार मैचों में मात्र पांच गोल ही खाए हैं। भारत ने अब तक जो पांच में से चार गोल पेनल्टी कॉर्नर पर खाए हैं और उसके खिलाफ मात्र एक मैदानी गोल हुआ।

भारत के पूल ए में सेमीफाइनल में पहुंचने वाली दूसरी टीम के लिए उससे अपना अपना मैच हारने वाली मौजूदा चैंपियन जापान और पाकिस्तान अंतिम पूल मैच से फैसला होगा। जापान और पाकिस्तान ने तीन तीन मैच जीते हैं और दोनों के समान रूप से नौ नौ अंक हैं लेकिन अपने बेहतर गोल अंतर के कारण जापान फिलहाल दूसरे स्थान पर है। जापान के लिए ऐसें ड्रॉ ही काफी जबकि पाकिस्तान के लिए हर हाल में जीत जरूरी है। भारत का ऐसे में सेमीफाइनल में पिछली बार की तरह एक फिर मलयेशिया से मुकाबला संभव है। मलयेशिया को पूल बी में शीर्ष पर रहने के लिए अपने अब तक चारों मैच जीतने वाली मेजबान चीन को पीछे छोडऩे के लिए उससे अंतिम मैच कितने गोल अंतर से जीतना है यह उसके खिलाफ उतरने से पहले ही मालूम हो जाएगा क्योंकि तब तक दक्षिण कोरिया भी ओमान के खिलाफ पूल बी में अपना अंतिम मैच खेल चुकी होगी।

कप्तान हरमनप्रीत सिंह, अनुभवी मनप्रीत सिंह और विवेक सागर प्रसाद के लंबे स्कूप पर भारतीय लिंकमैन शमशेर, स्ट्राइकर मनदीप, ललित उपाध्याय, गुरजंट व अभिषेक के लिए डी में गेंद पहुंचाने का जवाब अब तक तो इन खेलों में किसी भी प्रतिद्वंद्वी टीम के पास फिलहाल दिखाई नहीं दे रहा है। भारत की मध्यपंक्ति में हमेशा की तरह आक्रामक सेंटर हाफ हार्दिक सिंह, अनुभवी मनप्रीत सिंह व विवेक सागर प्रसाद के साथ शमशेर सिंह लिंकमैन के रूप में खेलते हुए बराबर आगे अषिभेक ,मनदीप, गुरजंट व सुखजीत सिंह के लिए गेंद आगे बढ़ा दबाव बनाने की रणनीति अपनाई है वह उसका बतौर टीम मास्टर स्ट्रोक साबित हुआ है।

हमने पाक के खिलाफ सर्वश्रेष्ठ दे शानदार ढंग ये मैच खत्म किया: हरमनप्रीत
हरमनप्रीत सिंह ने कहा, ‘ हमारी कोशिश पाकिस्तान के खिलाफ अपना सर्वश्रेष्ठ देकर शानदार ढंग से मैच को खत्म किया। पाच मिनट में डी में मौके मिले और उसमें आक्रामक पर जा रहे अच्छे से फिनिश हमने मैदानी गोल किए । हमने पेनल्टी कॉर्नर बनाए और उन पर भी गोल किए। हमने अपने रक्षण पर काफी मेहनत की है। हमने आने वाले मैच में बेवजह प्रतिद्वंद्वी को पेनल्टी नहीं देेने हैं। हमारी इन एशियाई खेलों में उतरने से पहले योजना यही थी हमें हर प्रतिद्वंद्वी टीम के खिलाफ अपना सर्वश्रेष्ठ देना और हम अब तक इसमें कामयाब रहे। हम अगला मैच इसी उर्जा से खेलेंगे। सेमीफाइनल किसी के सभी साथ हो हम अपना सर्वश्रेष्ठ देंगे।’
भारत के दक्षिण अफ्रीकी चीफ कोच क्रेग फुल्टन ने कहा, ‘जब सभी चीजे आपके मुताबिक होती है तब आपको कोई भी समझाना ज्यादा मुश्किल होता है। तब खामियों पर आपका ध्यान नहीं जाता या फिर आप उसे तब देखना नहीं चाहते। मेरा मानना है टीम में तब आपको अपनी टीम पर पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है। टीम जब अच्छा खेल रही हो तब मेरी कोशिश यही रहती है कि मैं अपने खिलाडिय़ों को यही बताउ कि वे धैर्य बनाए रख।

सोमवार का मैच : भारत वि. बांग्लादेश दोपहर डेढ़ बजे(भारतीय समयानुसार)