- हार के लिए सब दोषी है, इसकी शुरुआत जरूर मुझसे शुरू होती है
- टेस्ट के लिए सीमित कौशल, पर बड़े जिगरे वाले खिलाड़ियों की जरूरत
- अब हमारी मौजूदा भारतीय टेस्ट टीम एकदम अलग है।
- अतीत में कभी बहानेबाजी नहीं की और न ही भविष्य में करूंगा
- जवाबदेही और खेल की स्थिति कभी किसी खिलाड़ी को सिखाई नहीं जा सकती।
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : भारत चीफ कोच गौतम गंभीर अपनी टीम की गुवाहाटी में दक्षिण अफ्रीका से दूसरा व आखिरी टेस्ट 408 से हारने के साथ सीरीज 0-2 से हारने पर आलोचकें के निशाने पर हैं और उन्हें कई मुश्किल सवालों का जवाब देना है। गंभीर के चीफ कोच भारत ने 18 में से दस टेस्ट हारे। इसमें भारत की2024 में मेहमान न्यूजीलैंड से तीन टेस्ट की सीरीज मे 0-3 से हारने के साथ बुधवार को मेहमन दक्षिण अफ्रीका से दो टेस्ट की टेस्ट सीरीज में 0-2 से मिली हार भी शमिल है।
भारत के टेस्ट सीरीज हारने के बाद जब गंभीर से भारत के चीफ कोच के रूप में उनके भविष्य की बाबत पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह इस पद पर बने रहने के योग्य हैं या नहीं यह भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को तय करना है। भारत के चीफ कोच गंभीर ने कहा, ‘मैं अपने पद पर रहूंगा या नहीं यह फैसला बीसीसीआई को करना है। मैंने पहले भी कहा कि मैं नहीं भारतीय क्रिकेट अहम है।
मैं वही कोच हूं जिसके मागदर्शन में भारत की नौजवान टीम ने पांच टेस्ट की सीरीज दो दो ड्रा कराई। मैं पूरे विश्वास से कह सकता हूं कि आप लोग बहुत जल्दी भूल जाते हैं क्योंकि बहुत लोग अभी भी न्यूजीलैंड की बाबत बात कर रहे हैं। मैं वही शख्स हूं, जिसके मार्गदर्शन में भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी और एशिया कप जीता। हां, बेशक हमारी मौजूदा टीम कम अनुभवी है। हमारी टीम को बराबर सीखना होगा और वे हालात को बदलने की हर मुमकिन कोशिश कर रही है। हमारी मौजूदा भारतीय टीम ऐसी टीम है जो सीख रही है। हमारी भारतीय टीम की मेहमन दक्षिण अफ्रीका के हाथों टेस्ट सीरीज में 0-2 से हार के लिए टीम का हर कोई जिम्मेदार है बेशक इसका दोष तो मुझसे ही शुरू होता है। टेस्ट सीरीज में 0-2 से हार के लिए सब दोषी है, इसकी शुरुआत जरूर मुझसे शुरू होती है। आपको टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए सबसे ज़्यादा प्रतिभाशाली और तेज तर्रार क्रिकेटरों की जरूरत नहीं है। टेस्ट के लिए हमें सीमित कौशल पर बड़े जिगरे वाले खिलाड़ियों की ज़रूरत है। वे अच्छे टेस्ट क्रिकेटर बनते हैंमेरा मानना है कि टेस्ट क्रिकेट के लिए हमे बड़े जिगर वाले क्रिकेटरों की जरूरत है। हमें बेहतर क्रिकेट खेलनी होगी। 95/1 से 122/7 तक का स्कोर स्वीकार्य नहीं है। आप किसी एक व्यक्ति या किसी ख़ास शॉट को दोष नहीं दे सकते। दोष सबका है। मैंने कभी किसी एक व्यक्ति को दोष नहीं दिया और आगे भी ऐसा नहीं करुंगा।’
न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका के हाथों घरेलू टेस्ट सीरीज से हार के बीच भारत बड़े बदलाव के दौर से गुजरा और इस बीच रविचंद्रन अश्विन, विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे दिग्गजों ने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया और शुभमन गिल ने भारत की टेस्ट और वन डे टीम की कप्तानी संभाली। भारत की बल्लेबाजी अब शुभमन गिल , यशस्वी जायसवाल और ऋषभ पंत जैसे नौजवान अनुभवहीन खिलाड़ियों पर निर्भर है।गंभीर ने कहा, ‘ सबसे पहले, न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में हमारी टीम बहुत अलग थी। अब हमारी मौजूदा भारतीय टेस्ट टीम एकदम अलग है। हमारी उस टीम की बल्लेबाजी का अनुभव मौजूदा टीम के अनुभव से बिल्कुल अलग है। इसलिए हर चीज़ की तुलना न्यूज़ीलैंड से करना शायद ग़लत होगा। ऐसे में हर चीज की न्यूजीलैंड से तुलना गलत सोच होगी। मैं कभी बहानेबाजी नहीं करता। मैं ने अतीत में कभी बहानेबाजी नहीं की और न ही भविष्य में करूंगा। हमारे शीर्ष आठ में चार या पांच बल्लेबाजों में हर किसी ने 15 से कम टेस्ट मैच खेले हैं और वे परिपक्व होंगे और वे सीख रहे है। टेस्ट जब आप शीर्ष टीमों के खिलाफ खेलते हैं तो यह आसान नहीं होता है। तो मुझे लगता है कि यह एक ऐसी चीज़ है जिसे वे सीखते रहेंगे। यह अहम है। क्योंकि मुझे मालूम है कि मुझे ‘बदलाव’ शब्द का इस्तेमाल बिल्कुल पसंद नहीं है। वास्तव में बदलाव यही है।‘
गंभीर ने किसी खिलाड़ी विशेष की आलोचना से इनकार कर दिया। गंभीर ने कहा, ‘ जवाबदेही और खेल की स्थिति कभी किसी खिलाड़ी को सिखाई नहीं जा सकती। आप कौशल के बारे में बात कर सकते हैं। आप कौशल को बेहतर करने में मदद कर सकते हैं। आप खेल के मानसिक पहलू के बारे में बात करते रह सकते हैं, लेकिन अंततः जब आप मैदान में उतरते हैं, अगर आप टीम को खुद से आगे रखते हैं और यह नहीं सोचते कि, ‘मैं ऐसे खेलता हूँ, और ऐसे ही नतीजे पाउंगा, मेरे पास कोई प्लान बी नहीं है,’ तो कभी-कभी आप इस तरह की निराशा का भी सामना करेंगे।





