रविवार दिल्ली नेटवर्क
नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने कहा कि भगवान महावीर के अहिंसा, अनेकांत, सहअस्तित्व एवं शांति के संदेश की आज सर्वाधिक आवश्यकता है। युद्ध, आतंकवाद और हिंसा मानवीय दृष्टि से एक अक्षम्य अपराध है। कोई भी धर्म आतंकवाद एवं हिंसा जैसे अमानवीय कृत को क्षम्य नहीं मानता। वर्तमान में देश और दुनिया जिन जटिल परिस्थितियों से जूझ रही है, इन हालातों में शांतिपूर्ण समाज रचना के लिए भगवान महावीर के उपदेश सर्वाधिक कारगर हैं।
श्री धनखड़ ने संसद भवन के अपने कार्यालय में जन आरोग्यम फाउंडेशन के संस्थापक श्री देवेन्द्र ब्रह्मचारीजी के सान्निध्य में उक्त उद्गार व्यक्त किए। इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री श्री रामदास अठावले, प्रसिद्ध पत्रकार, लेखक एवं समाजसेवी श्री ललित गर्ग, कोलकाता के जैन समाज के प्रतिनिधि श्री मनोज जैन इशिका एवं हरिद्वार के श्री अर्श कौशिक उपस्थित थे। श्री धनखड़ ने भगवान महावीर के 2550वें निर्वाण महोत्सव की चर्चा करते हुए कहा कि महावीर के जीवन और दर्शन से प्रेरणा लेकर हम समाज को एक नई दिशा दे सकते हैं। उन्होंने श्री देवेन्द्र ब्रह्मचारीजी के अहिंसा और समतामूलक विकास के प्रयत्नों की सराहना करते हुए कहा कि श्री देवेन्द्र ब्रह्मचारीजी जैसे संत पुरुष ही सच्चा मार्गदर्शन कर समाज को हिंसा व भय से मुक्त कर सकते हैं।
जन आरोग्यम फाउंडेशन के संस्थापक श्री देवेन्द्र ब्रह्मचारीजी ने कहा कि सांप्रदायिक हिंसा, कटुता एवं नफरत के जटिल माहौल में महावीर के जीवन दर्शन के माध्यम से देश और दुनिया में शांति एवं अमन-चैन कायम करने के लिए प्रयास हो रहे हैं। महावीर और उनके जीवन दर्शन को आज दुनिया में फैलाने की आवश्यकता है। इसी से युद्ध, नक्सलवाद एवं आतंकवाद जैसी समस्याओं से मुक्ति पायी जा सकती है। श्री देवेन्द्र ब्रह्मचारीजी ने भगवान महावीर के 2550वें निर्वाण वर्ष के दौरान फरवरी-2024 में मुम्बई में आयोजित महा-महावीरोत्सव के भव्य आयोजन के लिए श्री धनखड़ को आमंत्रित करते हुए कहा कि आज महावीर को जैन नहीं, जन-जन में स्थापित करने की अपेक्षा है।
इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री श्री रामदास अठावले ने कहा कि महा-महावीरोत्सव का उद्देश्य समाज में साम्प्रदायिक सौहार्द एवं आपसी भाईचारा निर्मित करना है। यह भी अहिंसा की साधना का एक विशिष्ट उपक्रम है। उन्होंने भगवान महावीर के 2550वें निर्वाण महोत्सव को राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित करने की आवश्यकता व्यक्त की। पत्रकार, लेखक एवं समाजसेवी श्री ललित गर्ग ने शाॅल ओढ़ाकर एवं श्री मनोज जैन गुलदस्ता प्रदत्त कर श्री धनखड़ का अभिनंदन किया।