श्रीलंका के लिए फाइनल में भारत को रोकना बेहद मुश्किल होगा

  • दीप्ति गेंद से फिर साबित हो सकती हैं भारत की तुरुप का इक्का
  • जेमिमा से सबक ले भारत की बल्लेबाजों को जोश के साथ होश भी दिखाना होगा

सत्येन्द्र पाल सिंह

नई दिल्ली : कप्तान हरमनप्रीत कौर की अगुआई में छह बार के चैंपियन भारत के सामने आठवें एसीसी टी-20 महिला एशिया कप क्रिकेट के फाइनल में शनिवार को सिलहट(बांग्लादेश) वही श्रीलंका की टीम होगी, जिसे उसने अपने पहले लीग मैच में 41 रन से हराकर आगाज किया था। बड़ा सवाल यह है कि भारत क्या श्रीलंका के खिलाफ अपना दबदबा जारी रखते हुए उसे फिर फाइनल में हरा कर खिताब जीतने में सफल हो पाएगा? या फिर श्रीलंका पहली बार फाइनल में उसे हरा खिताब जीत नया इतिहास रचने में कामयाब होगा।

भारत ने शुरू के चार संस्करणों में श्रीलंका को ही फाइनल में हरा कर खिताबी चौका जड़ा था। बढिय़ा फॉर्म में चल रहे भारत को श्रीलंका के लिए फाइनल मेंं और सातवीं बार चैंपियन बनने से रोकना बेहद मुश्किल होगा। भारत की टीम श्रीलंका से हर लिहाज से ज्यादा संतुलित नजर आती है। भारत ने श्रीलंका से अपने पिछले पांच में चार मैच जीते है। इनमें भारत की श्रीलंका के खिलाफ उसके घर में इस साल जून में तीन टी-20 मैचों की सीरीज में 2-1 से जीत भी शामिल है। भारत और श्रीलंका ने मौजूदा संस्करण में एकदम अलग अंदाज में अपने अपने सेमीफाइनल जीते। भारत ने पाकिस्तान को लीग मैच में हरा कर सबसे बड़ा उलटफेर करने वाली थाईलैंड को एकतरफा सेमीफाइनल में 74 रन से शिकस्त दी। वहीं श्रीलंका ने पाकिस्तान से लीग मैच मेंं मिली पांच विकेट की हार का बदला उसे सेमीफाइनल में अंतिम गेंद पर एक रन से हरा कर ले लिया।

भारत की बल्लेबाजों को स्ट्राइक रोटेट करना होगा
श्रीलंका के खिलाफ मौजूदा संस्करण में पहले मैच में शानदार अद्र्धशतक से आगाज करने वाली भारत की जेमिमा रॉड्रिग्ज (कुल २१५ रन) सेमीफाइनल सहित सात मैचों में कुल दो अद्र्धशतकों के साथ रन बनाने में सबसे आगे चल रही हैं। जेमिमा के बाद एक अद्र्धशतक जड़ सही वक्त पर रंग में आने वाली शैफाली वर्मा (कुल 161 रन) भारत के लिए रन बनाने में दूसरे स्थान पर चल रही हैं। वहीं ऑफ स्पिन श्रीलंका के खिलाफ दो विकेट से आगाज करने वाली विकेट लेने में सबसे आगे चल रही नई गेंद से आगाज करने वाली ऑलराउंडर दीप्ति शर्मा (13 विकेट) गेंद से फिर भारत की तुरुप का इक्का साबित हो सकती है। सोने पर सुहागा यह कि दीप्ति भारत की उन चार बल्लेबाजों में से एक हैं जो गेंद से कमाल दिखाने में अव्वल रहने के साथ एक अद्र्बशतक जड़ बल्ले से भी उपयोगी योगदान कर चुकी है। सिलहट की धीमी और स्पिनरों के लिए मुफीद पिच पर भारत की बल्लेबाजों खासतौर पर स्मृति मंधाना और शैैफाली वर्मा की सलामी जोड़ी को अपनी साथी जेमिमा रॉड्रिग्ज से सबक लेकर स्पिनरों के खिलाफ केवल लंबे स्ट्रोक जड़ उनके जाल में फंस विकेट गंवाने की बजाय सूझबूझ से बल्लेबाजी कर स्ट्राइक रोटेट करने पर ज्यादा ध्यान देना होगा।

खासतौर पर बाएं हाथ की अनुभवी स्मृति मंधाना और विस्फोटक शैफाली वर्मा की सलामी जोड़ी को जोश के साथ होश से बल्लेबाजी करनी होगी। ये दोनों श्रीलंका के खिलाफ पहले लीग में लंबे स्ट्रोक खेलने के फेर में जल्दी विकेट गंवा बैठी थीं। सदाबहार उपकप्तान स्मृति मंधाना और कप्तान हरमनप्रीत कौर ने मौजूदा संस्करण में कोई अद्र्बशतक नहीं जडऩे के बावजूउ सही वक्त पर अहम पारियां खेल कर जरूर भारत की नैया किनारे लगाई है। भारत की बल्लेबाजों को खासतौर पर श्रीलंका की मौजूदा संस्करण की सबसे कामयाब और विकेट लेने में दूसरे नंबर पर चल रही लेफ्ट आर्म स्पिनर इनोका रणवीरा (12 विकेट) व सुगंधिका कुमारी व नई गेंद से आगाज करने वाली ऑफ स्पिनर ओशादी रणसिंहे व कविता दिलहारी की स्पिन चौकड़ी से चौकस रहना होगा।

राधा की जगह हेमलता भारत के लिए बेहतर विकल्प
वहीं भारत के लिए अनुभवी ऑफ स्पिनर दीप्ति शर्मा और छह विकेट चटका चुकी लेफ्ट आर्म अनुभवी राजेश्वरी गायकवाड़ के साथ 14 बर बाद फिर फाइनल में पहुंचने वाली श्रीलंका के खिलाफ अब तक नाकाम रही लेफ्ट आर्म स्पिनर राधा यादव की जगह ऑलराउंडर डायलन हेमलता बेहतर विकल्प हो सकती हैं। श्रीलंका की टीम में कप्तान चामरी अट्टïापट्टïू, सबसे कामयाब एक अद्र्धशतक सहित इस टूर्नामेंट रन बनााने में दूसरे स्थान पर रही हर्षिता मादवी(कुल 201 रन), हसिनी परेरा, ओशादी रणसिंहे, सुगंधी कुमारी,इनोका रणवीरा सहित आधा दर्जन बाएं हाथ की बल्लेबाजों की मौजूदगी में भारत के लिए बतौर ऑफ स्पिनर दीप्ति, स्नेह राणा, हेमलता और जरूरत पडऩे पर खुद कप्तान हरमनप्रीत कौर की चौकड़ी खासी कारगर रह सकती है। भारत को श्रीलंका की नीलाकक्षी डिसिल्वा से चौकस रहना होगा। श्रीलंका की कप्तान ओपनर ऑलराउंडर चामरी अट्टïापट्टïू में अपने दम मैच का रुख मोडऩे का दम हैँ और भारत को उन पर शुरू से लगाम लगानी होगी।

दबाव में भारत का नौजवान खिलाडिय़ों को आजमान वाजिब
अपनी नौजवान बल्लेबाजों और गेंदबाजों को आजमाने के क्रम में दीप्ति शर्मा और कप्तान हरमनप्रीत कौर जैसी अनुभवी ऑलराउंडरों को भारत ने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ लीग मैच में क्रमश: छठे और सातवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतारा। इस तरह के प्रयोग के चलते पाकिस्तान से लीग मैच में मिली 13 रन की हार पर भारत और दुनिया के महानतम बल्लेबाज और बेहतरीन क्रिकेट कमेंटेटर सुनील गावसकर जैसे धुरंधर तक की हरमनप्रीत कौर की आलोचना की। हरमनप्रीत कौर ने दरअसल मौजूदा टी-20 एशिया कप में उतरने से पहले ही यह साफ कर दिया था कि बतौर कप्तान वह खुद और चीफ कोच यह यह देखना चाहते हैं कि अगले साल के शुरू में दक्षिण अफ्रीका में होने वाले टी-20 विश्व कप से पहले दबाव में भारत की नौजवान क्रिकेटर किस तरह खेलती हैं। यह बात सही है कि बड़े लक्ष्य हासिल करने के लिए अपनी नौजवान खिलाडिय़ों को बड़ी टीमों के खिलाफ दबाव में उतार कर उनकी कूवत का इम्तिहान लेना वाकई वाजिब है।

एशिया कप में रहा है भारत का दबदबा
एशिया कप के 2004 में पहले संस्करण में भारत और मेजबान श्रीलंका की महिला टीमों के बीच पांच वन डे सीरीज खेली गई। भारत ने तब श्रीलंका को 5-0 से हराकर पहले ही संस्करण में खिताब जीत अपनी धाक जमा दी थी। भारत ने इसके अगले 50-50 ओवरोंं के तीनों संस्करणों में भी श्रीलंका को फाइनल में हरा खिताबी चौका और फिर इसके अगले दोनों टी-20 संस्करणों में पाकिस्तान को भी फाइनल में हरा कर एशिया कप खिताबी ‘छक्का’ जड़ दिया था। कप्तान हरमनप्रीत कौर के शानदार अद्र्धशतक और दो विकेट चटकाने के बावजूद भारत चार बरस पहले लगातार तीसरी बार टी-20 फॉर्मेट में खेले गए एशिया कप मेंं फाइनल में बांग्लादेश से क्वालालंपुर में अंतिम गेंद पर तीन विकेट से और लीग मैच में सात विकेट से हार गया था। हरमनप्रीत कौर पिछले संस्करण मेें टूर्नामेंट की सर्वश्रेष्ठï खिलाड़ी घोषित किए जाने के बावजूद यह मलाल रह गया था कि उनकी कप्तानी में भारत की महिला टीम का एशिया कप में श्रेष्ठïता का सिलसिला टूट गया था।

फाइनल : भारत वि. श्रीलंका(सिलहट) दोपहर 1 बजे से।