‘जमातुल कुरेश’ सार्वभौमिक मानवतावाद, सौहार्दपूर्ण समाज के लिए प्रतिबद्ध

Jamaatul Quresh is committed to universal humanism and a harmonious society

प्रो. नीलम महाजन सिंह

इस सप्ताह ‘जमातुल कुरेश’ का अद्भुत शताब्दी समारोह मनाया गया, जो दिन भर चला। अखिल भारतीय जमातुल कुरेश के अध्यक्ष व इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर के पूर्व अध्यक्ष, न्यासी बोर्ड सदस्य, उद्यमी व समाजसेवी, सिराजुद्दीन कुरेशी, जमातुल कुरेश के महासचिव, मोहम्मद शफीक कुरेश और उनकी टीम ने नई दिल्ली स्थित भारतीय इस्लामिक सांस्कृतिक केंद्र में, ‘जमातुल कुरेश’ के शानदार अखिल भारतीय सम्मेलन का आयोजन किया। यह सम्मेलन जमातुल कुरेश के संस्थापक भैया जी रशीदुद्दीन अहमद की 100वीं+ वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था। इस समारोह में सलमान खुर्शीद, पूर्व विदेश मंत्री, आईआईसीसी अध्यक्ष, सलीम शेरवानी, भैयाजी का परिवार, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आज़ाद, अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष सरदार इकबाल सिंह लालपुरिया, डॉ. हर्षवर्धन, पूर्व सांसद फज़ल-उर रहमान व शिक्षा, व्यापार, कुरानिक शिक्षाविद, राजनयिकों, नीति निर्माताओं आदि से जुड़ी कई प्रतिष्ठित हस्तियां शामिल हुईं। ‘शिक्षा को हाँ, दहेज को ना’; समारोह का विषय था। ‘कुरेश’ समुदाय के नेताओं ने भाईचारा, बहुलवादी सह-अस्तित्व बनाए रखने और लड़कियों को दहेज देने के बजाय उन्हें शिक्षित करने की प्रतिबद्धता के प्रति अपनी एकजुटता व्यक्त की। यूसुफ कुरेशी, इमरान बाबू कुरेशी, हाजी सलाहुद्दीन, सिराजुद्दीन कुरेशी, मोहम्मद शफीक कुरेशी ने समस्त भारत से आए लगभग 1500 प्रतिनिधियों की मेज़बानी की। हाजी नूर मोहम्मद, मोहम्मद नईमुद्दीन कुरेशी, अब्दुल मजीद कुरेशी ने राष्ट्रीय और वैश्विक परिप्रेक्ष्य में जमातुल कुरेश के योगदान को साझा किया। सलमान खुर्शीद व गुलाम नबी आज़ाद ने मुस्लिम कौम और राष्ट्र को मज़बूत करने के लिए उनके बलिदान के लिए ऑल इंडिया जमातुल कुरेश को बधाई दी। सलमान खुर्शीद ने कहा कि वे भारत इस्लामिक सांस्कृतिक केंद्र बनाने में सिराजुद्दीन कुरेशी द्वारा उन्हें सौंपी गई ज्योत को आगे बढ़ाने में तटस्थ हैं। सिराजुद्दीन कुरेशी ने, सदियों से लोगों की सेवा में जमातुल कुरेश के बलिदानों का ज़िक्र किया। दरअसल, इस्लाम के पवित्र ग्रंथों में ‘कुरेश’ का ज़िक्र है। जमातुल कुरेश के कई सदस्यों को शॉल, गुलदस्ते व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इनमें डॉ. अबुज़र कुरेशी, हुमेरा असलम, मरियम इरफ़ान कुरेशी, लायबा कुरेशी, मुन्ना खालिद, डॉ. सोहराब अली कुरेशी, अक्सा साजिद, इल्मा नासिर, डॉ. मोहम्मद शाहबाज़, रफ़त उमर कुरेशी, अलीफ़ा सादेक़ीन, रिहाना, ज़ुफ़िशा सुहैल, डॉ. जुनैद अली कुरेशी, कैप्टन मोहम्मद शारिक, शाहजहाँ, डॉ. नफ़ीस कुरेशी, एडवोकेट ज़ेड. बाबर चौहान, डॉ. अर्शना कुरेशी, हुमेरा असलम, फ़रज़ान कुरेशी, इंजिला कुरेशी आदि शामिल थे। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान प्रेस वार्ता प्रवक्ता, कर्नल सोफिया कुरेशी का चमकता नाम तो जगजाहिर है। सारांशार्थ, यह कहा जा सकता है कि जमातुल कुरेश ने मानवता की सार्वभौमिकता में अपनी निष्ठा और विश्वास के माध्यम से समाज के सभी वर्गों के एकीकरण व सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

प्रो. नीलम महाजन सिंह (वरिष्ठ पत्रकार, लेखिका, दूरदर्शन व्यक्तित्व, राजनीतिक विश्लेषक, शिक्षाविद, मानवाधिकार संरक्षण सॉलिसिटर व समाजसेवी)