- बेल्जियम ने दिखाया बड़े मंच पर वह जीतना जानता है
- जर्मनी के पिलात और वेलन का बेल्जियम के खिलाफ होगा इम्तिहान
- बेल्जियम की उम्मीदें बून, वनाश और डॉरेन पर
सत्येन्द्र पाल सिंह
भुवनेश्वर : ओलंपिक और मौजूदा चैंपियन बेल्जियम अपने जीवट के लिए ख्यात दुनिया की चौथे नंबर की टीम 2002 व 2006 की चैंपियन जर्मनी के खिलाफ यहां रविवार को 15 वें एफआईएच पुरुष हॉकी विश्व कप में अपना खिताब बरकरार रखने के मकसद से उतरेगी। फाइनल में मुकाबला जर्मनी के जीवट और बेल्जियम के अनुभव में होगा। बेल्जियम ने यहीं इसी मैदान पर नीदरलैंड को 2018 में पिछले विश्व कप के फाइनल में और इसके बाद टोक्यो ओलंपिक के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हरा चैंपियन बन कर बताया कि वह बड़े मंच और अपने खेल का स्तर उंचा कर जीतना जानता है। बेल्जियम ने इस बार नीदरलैंड की चुनौती सेमीफाइनल में निर्धारित समय में 2-2 की बरबारी के बाद उसे शूटआउट में 3-2 से हराकर ही तोड़ दी। बेल्जियम के पास विंसेंट वनाश के रूप में इस दुनिया के सबसे मुस्तैद गोलरक्षक के साथ ही फुलबैक ऑर्थर वॉन डोरेन के रूप रक्षापंक्ति की एक ‘मजबूतÓ दीवार है। ऐसे में फाइनल में जर्मनी के स्ट्राइकर निकल्स वेलन और मैट ग्रैमबुश जैसे स्ट्राइकरों के लिए अहम और हर बार आखिर में गोल करना कतई आसान नहीं होगा।
मौजूदा विश्व कप में हैट-ट्रिक सहित सबसे ज्यादा गोल दागने में दूसरे नंबर पर रहे ऑलराउंडर टॉम बून(7) , स्ट्राइकर कप्तान सेबेस्तियन डॉकियर, दुनिया के बेहतर फुलबैक ऑर्थर वॉन डॉरेन के गोलरक्षक विंसेंट वनाश जैसे सदाबहार खिलाडिय़ों से सज्जित बेल्जियम के अनुभव और आखिरी क्षण तक लडऩे के लिए ख्यात जर्मनी के जीवट के बीच बेहद रोमांचक फाइनल की आस है। इन दोनों टीमों ने पूल बी में अपना मैच दो-दो गोल से ड्रॉ खेला था लेकिन तीन तीन मैचों से समान रूप से सात सात अंकों के बाद बेल्जियम गोल अंतर में जर्मनी को पीछे छोड़ शीर्ष पर रही थी। दोनों टीमों के बीच अब तक खेले गए 35 में से 15 मैच बेल्जियम ने और 13 जर्मनी ने जीते हैं जबकि सात ड्रॉ रहे हैं।
हार को जीत में बदलने का हुनर जानने वाली जर्मनी कुल पांचवीं बार फाइनल में खेलेगी। जर्मनी अंतिम बाद नई दिल्ली में फाइनल में पहुंची थी लेकिन तब ऑस्ट्रेलिया से हार कर उसे दूसरी बार उपविजेता बन कर संतोष करना पड़ेगा। बेल्जियम और जर्मनी पूल बी मैच में आपस में खेल एक दूसरे की ताकत की थाह ले चुके हैं। बेल्जियम की तारीफ करनी होगी कि उसने अपने दुनिया के सबसे खतरनाक ड्रैग फ्लिकर अलेक्जेंडर हेंड्रिक्स के पहले मैच में खेलने और चोट के चलते बाहर हो जाने के बावजूद गजब का धैर्य टॉम बून, सेड्रिक चार्लियर, सेबेस्तियन जेवियर और फ्लोरेंट वाल अबूल और डॉकियर जैसे खिलाडिय़ों के बूते जीत सधा प्रदर्शन कर फानल में जगह बनाई। बेल्जियम ने जर्मनी से पूल मैच ड्रॉ खेलने और सेमीफाइनल में नीदरलैंड के खिलाफ निर्धारित समय में दो-दो ड्रॉ और शूटआउट में जीत को छोड़ बाकी मैच धैर्य से खेल सधे अंदाज में जीते।
जर्मनी की ताकत उसके स्ट्राइकर व स्कीमर क्रिस्टोफर रुइर(एक गोल), निकल्स वेलन(6 गोल) और ग्रैमबुश बंधु- मैट(4) और टॉम (2) के साथ अर्जेंटीना को छोड़ जर्मनी में जा बसे ड्रैग फ्लिकर गोंजालो पिलात(5) हैं। बेशक रुइर ने खुद एक गोल किया लेकिन जर्मनी के ज्यादातर गोल के अभियानों के सूत्रधार रुइर और मैट ग्रैमबुश रहे हैं। बेशक जर्मनी ने पिछडऩे के बाद निर्धारित समय में दो-दो की बराबरी के बाद शूटआउट में इंग्लैंड को क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में तीन बार पिछडऩे के बाद पिलात की हेट-ट्रिक की बदौलत अंतत: वेलन के आखिर क्षण के गोल से 4-3 से हराया। फाइनल का दबाव अलग ही होता है।
सेमीफाइनल में हारने वाली ऑस्ट्रेलिया की कोशिश इस बार नीदरलैंड को हराकर अपना कांसा बरकरार रखने की होगी।
रविवार
फाइनल (कलिंगा स्टेडियम, भुवनेश्वर) : बेल्जियम और जर्मनी( शाम बजे)
तीसरे स्थान के लिए मैच: ऑस्ट्रेलिया वि. नीदरलैंड(शाम साढ़े चार बजे)
‘हम पूरी शिद्दत के साथ बेल्जियम के विजयरथ को रोकने की कोशिश करेंगे। फिर भी मैं यही कहूंगा कि हम ऐसा नहीं सोचते कि बेल्जियम की कोई कमजोरी है। मैं बेल्जियम को कमजोर नहीं मानता। न ही मैं यह मानता हूं कि बेल्जियम किसी तरह नुकसान की स्थिति में है। मेरा मानना है कि बेल्जियम ने वाकई ही नीदरलैंड के खिलाफ बहुत दमदार खेल दिखाया। हमारी कोशिश रहेगी कि हम फिलहाल मौजूदा हॉकी विश्व कप में गोल दागने में दूसरे नंबर पर चल बेल्जियम के टॉम बून(2) को गोल करने से रोकने के लिए कोशिश करेंगे कि हम ज्यादा पेनल्टी कॉर्नर न दें।Ó
-आंद्रे हेनिंग, जर्मनी के कोच