भारत की जू. पुरुष हॉकी टीम की जर्मनी की जू. टीम से फाइनल में 1-6 से बड़ी हार

  • भारत की जू. टीम को अपने नियमित कप्तान स्ट्राइकर उत्तम सिंह की कमी अखरी
  • भारत की जू. टीम के लिए सुदीप चिरिमाको ने टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा पांच गोल किए
  • भारत जू. टीम की जर्मनी की जू. टीम के हाथों लीग व फाइनल में हार चिंता का सबब

सत्येन्द्र पाल सिंह

नई दिल्ली : भारत मेजबान जर्मनी से डसेलडर्फ में चार देशों के जूनियर पुरुष हॉकी टूर्नामेंट, डसेलडर्फ 2023 के फाइनल में भी सोमवार देर रात 1-6 से हार उपविजेता रहा। भारत की जूनियर टीम इस लीग मैच में भी जर्मनी की जूनियर टीम से 2-3 से हारा था। भारत की ने अपने अभियान का आगाज स्पेन पर 6-2 की धमाकेदार जीत के साथ किया लेकिन समापन बदकिस्मती से बड़ी हार के साथ किया। नियमित कप्तान उत्तम सिंह की गैरमौजूदगी में विष्णुकांत सिंह ने भारतीय जूनियर हॉकी टीम का कुशलता का नेतृत्व किया। बावजूद इसके भारत की जूनियर टीम को फाइनल में अपने नियमित कप्तान उत्तम सिंह की हॉकी कलाकारी और प्रेरणादाई मार्गदर्शन की कमी जरूर अखरी। भारत की जूनियर टीम के लिए जर्मनी की जूनियर टीम के हाथों लीग और फाइनल की हार जरूर चिंता का सबब है और इस पर टीम के चीफ कोच और हॉकी इंडिया को गंभीरता से सोचना होगा। भारत को इस साल के आखिर में क्वालालंपुर में एफआईएच जूनियर पुरुष हॉकी विश्व कप में खिताब जीतना है जो उसे जर्मनी, नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया की टीमों से पार पाना होगा।

भारत की जूनियर टीम के लिए एकमात्र गोल इस टूर्नामेंट में उसके लिए सबसे ज्यादा पांच गोल कर उसके सबसे कामयाब रहे ओडिशा के आदिवासी अंचल से आने वाले नौजवान स्ट्राइकर सुदीप चिरिमाको (22 वें मिनट) ने किया। भारत के लिए उत्साहवद्र्बक बात यह रही कि सुदीप चिरिमाको ने इस टूर्नामेंट अपने पांच में तीन गोल जर्मनी जैसी दुनिया की मजबूत टीम के खिलाफ दागे। विजेता जर्मनी की जूनियर टीम के क लिए फ्लोरियन स्पर्लिंग (15 वें मिनट), बेन हाशबाख(20 वें मिनट), हयुगो वॉन मोंटजीलस (23 वें मिनट), फैगिया सीज(38 वें मिनट), निकल्स ब्रेंडटस(41 वें मिनट) और पॉल ग्लेंडर(43 वें मिनट) ने एक-एक गोल किया।