भारत को जू. पुरुष हॉकी विश्व कप के क्वॉर्टर फाइनल में पहुंचने के लिए कनाडा से हर हाल में जीतना होगा

  • अगर मगर फंसे भारत के लिए जरूरी की स्पेन की टीम द. कोरिया को भी हराए
  • भारतीय खिलाडिय़ों को बेवजह कार्ड लेने से बचना होगा

सत्येन्द्र पाल सिंह

नई दिल्ली : स्ट्राइकर उत्तम सिंह की अगुआई में भारतीय टीम दक्षिण कोरिया पर 4-2 से आगाज करने के बाद पूल सी में बृहस्पतिवार रात स्पेन से 1-4 से हार के बाद क्वालालंपुर में 13 वें जूनियर पुरुष हॉकी विश्व कप में क्वॉर्टर फाइनल में पहुंचने को लेकर अगर मगर में फंस गई। भारत की अग्रिम पंक्ति में पहले मैच में दक्षिण कोरिया के खिलाफ हैट्रिक जड़ आगाज करने वाले अरिजित सिंह, बॉबी सिंह धामी, सुदीप चिरिमाको के साथ खुद कप्तान उत्तम सिंह सहित भारत के स्ट्राइकर जूझते नजर आए। दो मैचों में एक जीत और एक हार के बाद भारत को अब क्वॉर्टर फाइनल में पहुंचने के लिए अपने पूल सी के अंतिम मैच में भारतीय मूल के आधा दर्जन से ज्यादा खिलाडिय़ों से सज्जित कनाडा के खिलाफ हर हाल में जीतना होगा। साथ ही भारत को यह उम्मीद करनी होगी कि अपने शुरू के दोनों मैच जीत चुकी स्पेन की टीम पूल सी के आखिरी मैच में शनिवार को दक्षिण कोरिया को भी शिकस्त दे। दक्षिण कोरिया के अब भारत की तरह दो मैचों से एक जीत और एक हार के साथ चार अंक हैं। पाकिस्तान पूल डी में फिलहाल शीर्ष पर है और यदि वह बेल्जियम के खिलाफ अपना अंतिम पूल मैच जीता तो भारत का उससे क्वॉर्टर फाइनल में मुकाबला मुमकिन है।

भारतीय टीम की शुरू के दो मैचों में बड़ी गलती गलत उसके कप्तान उत्तम सिंह और रोहित के दक्षिण कोरिया के खिलाफ और बॉबी सिंह धामी का स्पेन के खिलाफ पीला कार्ड लेकर पांच-पांच मिनट के लिए बाहर जाना रहा है। भारतीय खिलाडिय़ों को कनाडा के खिलाफ बेवजह पीला कार्ड लेकर मैदान से बाहर जाने से बचना होगा। दक्षिण कोरिया के खिलाफ जब भारत के दो खिलाड़ी पीला कार्ड मैदान से लगभग एक साथ बाहर गए तो इसी का लाभ उठाकर दक्षिण कोरिया ने एक गोल उतारा। वहीं स्पेन के खिलाफ बॉबी सिंह धामी के चौथे और आखिरी क्वॉर्टर के शुरू में पांच मिनट में पीला कार्ड लेने से भारत को पूरी ताकत हमलों पर झोंकने की बजाय अपने किले की हिफाजत में लगानी पड़ी और अन्यथा बहुत मुमकिन था कि भारत यह मैच 1-4 से हारने के बजाय कम से तीन-तीन गोल से ड्रॉ करा सकता था। स्पेन के गोलरक्षक जन कैपलडेस ने वाकई निश्चित गोल बचाए। भारत को शुरू के दो मैचों के नतीजो को भुला कर अपनी ताकत शुरू से शुरू से आक्रामक हॉकी खेलने पर लगानी होगी।

भारत को अपनी रक्षापंक्ति को तो कसना ही होगा खासतौर पर रोहित और गोलरक्षक मोहित को मजबूत चौकसी की बानगी दिखानी होगी। भारत के चीफ कोच सीआर कुमार को अपने शागिर्दां को याद दिलाना होगा कि आक्रमण ही सर्वश्रेष्ठ रक्षण है। बेहतर होगा कि विष्णुकांत आक्रमण मिडफील्डर की बजाय उत्तम, हंदल, चिरिमाको के साथ आगे शुरू से हमले बोले।