- हमने महिला हॉकी विश्व कप के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं
- मेरा फोकस उम्मीदों को पूरा करने पर है
सत्येन्द्र पाल सिंह
गोलरक्षक बिच्छू देवी खरीबम कहती है कि वह भारतीय टीम की दक्षिण अफ्रीका में जूनियर महिला हॉकी विश्व कप में तीसरे स्थान के मैच में निर्धारित समय में 2-2 की बराबरी के बाद इंग्लैंड के हाथों शूटआउट में हार को भुला चुकी है। भारत की जूनियर महिला हॉी टीम ने दक्षिण अफ्रीका में बढिय़ा प्रदर्शन किया लेकिन इंग्लैंड के हाथों हार से उसका जूनियर विश्व कप में पदक जीतने का सपना टूट गया था। बिच्छू देवी ने कहा, ‘इंग्लैंड के हाथों इस बेहद करीबी मैच में हार के हम सभी बेहद निराश थी और हममें कुछ तो खुद को रोने से रोक नहीं सकी थी। हम पदक जीतने के बेहद करीब पहुंच कर इससे महरूम रह गए और हमारे लिए इस हकीकत को मानना ही बेहद मुश्किल था। अब साई में राष्टï्रीय शिविरों के शुरू होने पर हम इस हार की कसक को भुला आगे बढ़ चुके हैं। इस मैच के बाद सीनियर खिलाडिय़ों और चीफ कोच यांकी शॉपमैन ने हमसे इस बाबत बात की कि हमारे लिए आगे बढऩा और इस जूनियर विश्व कप से जो सीखा वही हमारे लिए अहम है। हम जब भारतीय लौटीं तो हॉकी प्रेमियों ने संदेश भेज कर कहा कि पदक ने जीत पाने पर भी हमें अपना हौसला बनाए रखना है।’
बिच्छू देवी को जूनियर महिला हॉकी विश्व कप की उनकी साथियों उपकप्तान इशिका चौधरी , संगीता कुमारी , अक्षता ढेकले और कई अन्य के साथ इसमें बढिय़ा प्रदर्शन का इनाम सीनियर कोर ग्रुप में जगह के रूप में मिला। भारतीय सीनियर महिला हॉकी टीम एफआईएच प्रो हॉकी लीग में घरेलू मैचों के बाद अंक तालिका में शीर्ष पर रही। भारतीय सीनियर महिला हॉकी टीम अब यूरोप में आगामी एफआईएच प्रो हॉकी लीग और नीदरलैंड और स्पेन में होने वाले एफ आईएच सीनियर महिला हॉकी विश्व कप की तेयारियों में जुटी है। बिच्छू देवी ने कहा, ‘ हम इस नए आगाज का इंतजार कर रहे हैं। इस सीनियर शिविर के अनुभव से सीखना चाहते हैं। हमने यूरोप में आगामी एफआईएच प्रो हॉकी लीग के बाकी मैचों और नीदरलैंड और स्पेन में होने वाले एफ आईएच सीनियर महिला हॉकी विश्व कप के लिए अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं । मेरा फोकस इसके लिए मुझसे जो उम्मीदें लगाई गईं उसे पूरा करने पर है और खुद को साबित करना चाहती है और सीनियर टीम में जगह पाने के लिए कड़ी मेहनत करना चाहती हूं।’