
रविवार दिल्ली नेटवर्क
नई दिल्ली: पिछले कुछ सालों में तापमान में कई बदलाव देखने को मिले हैं। ग्लोबल वार्मिंग से पृथ्वी पर भारी मार पड़ रही है। भीषण गर्मी, बेमौसम बारिश और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं की संख्या में लगातार बढ़ोतरी इस बात का सबूत है। इसी बीच एक यूरोपीय संस्था ने चौंकाने वाला आंकड़ा पेश किया है। यूरोपीय संघ की कोपरनिकस जलवायु परिवर्तन सेवा ने एक रिपोर्ट में कहा कि जून लगातार 13वां महीना था जब सबसे अधिक तापमान दर्ज किया गया। जून के आंकड़ों से पता चला कि पिछले वर्ष वैश्विक औसत तापमान पेरिस समझौते के लक्ष्य 1.5 डिग्री सेल्सियस से अधिक था।