इंद्र वशिष्ठ
सीबीआई की लगातार धरपकड़ के बावजूद दिल्ली पुलिस में भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा। सीबीआई ने दिल्ली पुलिस के कालकाजी थाने में तैनात सब- इंस्पेक्टर सुनील वर्मा को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। इस मामले में कालकाजी थाने के एसएचओ प्रमोद आनंद को लाइन हाज़िर कर दिया गया है। एसएचओ प्रमोद आनंद को तत्काल प्रभाव से दक्षिण पूर्वी जिला पुलिस लाइन में रिपोर्ट करने का आदेश 14 अगस्त को दिया गया।
सीबीआई के अनुसार नेहरु प्लेस स्थित बजाज कैपीटल कंपनी में मैनेजर सूरज झा ने सब- इंस्पेक्टर सुनील वर्मा के ख़िलाफ़ 13 अगस्त को शिकायत दर्ज कराई। सब- इंस्पेक्टर सुनील वर्मा 12 अगस्त को सूरज के दफ्तर गया। सूरज को बताया कि उसके ख़िलाफ़ उसकी महिला दोस्त ने परेशान/उत्पीड़न करने की शिकायत की है। सब- इंस्पेक्टर सुनील वर्मा सुरज को नेहरू प्लेस मार्केट में पुलिस बूथ पर ले गया। वहां पर सूरज की महिला दोस्त भी मौजूद थी। सब- इंस्पेक्टर सुनील वर्मा ने सूरज का लैपटॉप और मोबाइल फोन अपने कब्जे में ले लिया। सब- इंस्पेक्टर सुनील वर्मा ने मामला निपटाने/ खत्म करने के एवज़ में बीस हजार रुपए रुपए रिश्वत की मांग की। सुनील वर्मा बातचीत के बाद पंद्रह हज़ार रुपए रिश्वत लेने को तैयार हो गया।
सीबीआई ने जाल बिछाया और 13 अगस्त को सब- इंस्पेक्टर सुनील वर्मा को पंद्रह हज़ार रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया।
सब- इंस्पेक्टर के आवास एवं कार्यालय पर तलाशी ली गई तथा आपत्तिजनक साक्ष्य बरामद किए गए हैं।
सब- इंस्पेक्टर को सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया एवं न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
सीबीआई का भ्रष्ट पुलिसकर्मियों को पकड़ने का सिलसिला।
सीबीआई ने 26 जुलाई को दिल्ली पुलिस के द्वारका सेक्टर- 23 थाने में तैनात एएसआई अनिल कुमार को गाड़ी को छोड़ने की एवज़ में चालीस हजार रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। 22 जुलाई को सरिता विहार थाने के सब- इंस्पेक्टर राजकुमार और एएसआई रघुराज को 35 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।शिकायतकर्ता से उनके विरुद्ध लंबित एफआईआर को रद्द करने के लिए रिश्वत मांगी। 19 जुलाई को हौजखास थाने के सब- इंस्पेक्टर युद्धवीर सिंह यादव को ढाई लाख रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया। सब- इंस्पेक्टर युद्धवीर सिंह यादव ने न्यायालय में अनुकूल कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने हेतु शिकायतकर्ता वकील अमित गौतम से 03 लाख रुपए की माँग की।
19 जुलाई को ही पटपड़गंज औद्योगिक क्षेत्र थाने के हवलदार सुधाकर और हवलदार राजकुमार को दस हजार रुपए लेते हुए गिरफ्तार किया। एक मामले में शिकायतकर्ता को न फंसाने के लिए 50,000 रुपए की रिश्वत की माँग की। 19 जुलाई को ही गोविन्द पुरी थाना इलाके में स्पेशल ब्रांच में तैनात हवलदार राव कुंवर सेन को पासपोर्ट वेरिफिकेशन के लिए शिकायतकर्ता वीरेंद्र गिरि से तीन हज़ार रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया। आठ जुलाई को दिल्ली पुलिस के ज्योति नगर थाने के एटीओ/इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार को शिकायतकर्ता से 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार ने शिकायतकर्ता से कहा कि उनके खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत दर्ज मामले का जांच अफसर एसीपी दीपक चंद्र पांच लाख रुपए से कम में उनका मामला नहीं निपटाएंगे।
रिश्वत लेने से पहले इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार ने शिकायतकर्ता को एसीपी दीपक चंद्र से मिलवाया भी था। एसीपी दीपक चंद्र ने शिकायतकर्ता को जांच में मदद करने का भरोसा दिया।
तीन जुलाई को सीबीआई ने उत्तर जिले के नारकोटिक्स सैल में तैनात हवलदार रवींद्र ढाका और हवलदार प्रवीण सैनी के ख़िलाफ़ शिकायतकर्ता से दस लाख रुपए रिश्वत मांगने का मामला दर्ज किया। सीबीआई हवलदारों को रंगेहाथ पकड़ने में विफल हो गई।
सीबीआई की टीम को देख कर हवलदार प्रवीण सैनी और रवींद्र ढाका रिश्वत देने आए शिकायतकर्ता को अपनी कार में अगवा करके फरार हो गए। पिस्तौल की नोंक पर हवलदार चलती कार में शिकायतकर्ता की पिटाई करते रहे और ब्रिटानिया चौक से आगे रिंग रोड पर शिकायतकर्ता को कार से धक्का देकर फरार हो गए। सात जुलाई को दोनों हवलदारों के ख़िलाफ़ रुप नगर थाने में अपहरण, लूट और धमकी मामला दर्ज किया गया।
इस मामले में इंस्पेक्टर सुरेन्द्र और दोनों हवलदारों को निलंबित किया गया है। हवलदारों ने जालसाज़ी/धोखाधड़ी करके शिकायतकर्ता के भाई की जमानत करा देने के नाम पर रिश्वत मांगी थी।
इसके पहले 20 जून को छावला थाने के सब- इंस्पेक्टर विजय गौड़ को सीबीआई ने एक लाख रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। शिकायतकर्ता को एक मामले में गिरफ्तार न करने की एवज़ में तीन लाख रुपए रिश्वत मांगी थी।