देश भर में करवा चौथ धूमधाम से मनाया गया, बाज़ारों में रही खूब रौनक

Karva Chauth was celebrated with great pomp across the country, there was a lot of excitement in the markets

मनीष कुमार त्यागी

अनेक शहरों में पुरुषों ने भी रखा व्रत-युवाओं ने व्रत के मामले में बड़े लोगों को छोड़ा पीछे

दिल्ली : देश भर में करवा चौथ का त्योहार पारंपरिक उत्साह और उल्लास के साथ मनाया गया। इस खास मौके पर बाज़ारों में जबरदस्त रौनक़ देखने को मिली। कपड़े, ज्वैलरी, मेकअप, पूजा सामग्री, और उपहारों की जमकर खरीदारी की गई, वहीं पिछले दी दिनों में ज्वेलरी एवं चाँदी में भी गिफ्ट आइटम्स पर ज़ोर रहा, जिससे देश भर में व्यापारियों को बड़ा फायदा हुआ।कनफ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) के एक अनुमान के मुताबिक इस वर्ष करवा चौथ के अवसर पर 22 हज़ार करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार हुआ है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 30 प्रतिशत से भी अधिक है। दिवाली के इस त्यौहारी सीजन में देश में 4.25 लाख करोड़ के व्यापार का अनुमान कैट ने लगा रखा है और करवा चौथ पर व्यापार त्यौहारों की इसी श्रृंखला का हिस्सा है।

बड़ी संख्या में पुरुषों ने भी रखा करवा चौथ का व्रत
आम तौर पर करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाएँ अपने पति की लंबी आयु के लिये रखती हैं। इस बार करवा चौथ के व्रत को लेकर एक खास बात यह रही कि बड़ी संख्या में पुरुषों ने भी अपनी पत्नियों की लंबी उम्र और स्वास्थ्य के लिए व्रत रखा। यह परंपरा अब सिर्फ महिलाओं तक सीमित नहीं रही, बल्कि पुरुषों ने भी इस पर्व का महत्व समझते हुए अपनी भागीदारी निभाई। खासकर युवा पीढ़ी में इस व्रत को लेकर अधिक उत्साह देखने को मिला। युवाओं ने इस मामले में अपने बड़े-बुजुर्गों को भी पीछे छोड़ दिया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि आधुनिक पीढ़ी भी अपनी परंपराओं से जुड़े रहने का महत्व समझती है।

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री एवं चाँदनी चौक के सांसद प्रवीन खंडेलवाल पिछले 20 वर्षों से अधिक समय से करवा चौथ का व्रत रखते हैं और देश भर में बड़ी संख्या में उन्होंने व्यापारियों को यह व्रत रखने का लगातार आग्रह भी करते रहे हैं ।

इस बारे में प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि मैं 20 वर्षों से अधिक समय से मैं अपनी पत्नी के साथ करवा चौथ का व्रत रखता हूँ, और इसका उद्देश्य न केवल उनके लंबे और स्वस्थ जीवन के लिए प्रार्थना करना है, बल्कि परिवार की खुशहाली, समृद्धि और आपसी सहयोग को भी बढ़ावा देना है।उन्होंने कहा कि इससे समानता और सम्मान को बढ़ावा मिलता है वहीं स्वास्थ्य और आत्म-नियंत्रण भी मज़बूत होता है तथा पारिवारिक एकता को भी बल मिलता है।उन्होंने यह भी कहा कि जब पति और पत्नी दोनों मिलकर किसी धार्मिक अनुष्ठान का पालन करते हैं, तो इसका सकारात्मक प्रभाव पूरे परिवार पर पड़ता है।

उन्होंने यह भी कहा कि “ मेरा यह विश्वास है कि इस तरह के सांस्कृतिक और धार्मिक अनुष्ठानों में पुरुषों की भागीदारी से समाज में समानता और आपसी समझ को बढ़ावा मिलेगा। करवा चौथ का व्रत रखने से न केवल पति-पत्नी का रिश्ता मजबूत होता है, बल्कि समाज को भी एक नया संदेश मिलता है कि प्रेम, सम्मान और परिवार की भलाई के लिए दोनों का समान योगदान होना चाहिए”