केजरीवाल सरकार ने वित्त लेखा और विनियोग लेखा रिपोर्ट विधान सभा में पेश ही नहीं किया

Kejriwal government did not present the finance accounts and appropriation accounts report in the Vidhan Sabha

रविवार दिल्ली नेटवर्क

वित्त लेखों और विनियोग लेखों पर दिल्ली विधान सभा में

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने वर्ष 2021-2022 और 2022-2023 के लिए दिल्ली सरकार के Finance Accounts और Appropriation Accounts को सदन के समक्ष रखा है।

इस अवसर पर सभी सदस्यों, विशेषकर नए सदस्यों को विधान सभा अध्यक्ष बिजेंद्र गुप्ता ने बताया कि दिल्ली सरकार की वित्तीय दशा को समझने के लिए यह रिपोर्ट भी बहुत महत्वपूर्ण हैं। Finance Accounts और Appropriation Account की भी CAG द्वारा सावधानीपूर्वक जांच की जाती है और ऑडिट किया जाता है और फिर इनको सदन में प्रस्तुत किया जाता है। आश्चर्यजनक रूप से, दूसरी रिपोर्टों की तरह इन रिपोर्टों को भी पिछली सरकार द्वारा दबा दिया गया था और विधानसभा के समक्ष नहीं लाया गया था।

इस संबंध में CAG की टिप्पणियों पर
वर्ष 2021-2022 के Appropriation Accounts में CAG ने बताया है कि कुल 10539 करोड़ रुपये की बचत थी, जिसमें से 5458 करोड़ रुपये, देरी से सरेंडर करने के कारण लैप्स हो गए। इसी तरह वर्ष 2022-2023 में कुल 14115.71 करोड़ की बचत हुई, जिसमें से 7557.47 करोड़ रुपये देरी से सरेंडर करने के कारण लैप्स हो गए।

इसका अर्थ यह है कि यदि सरकार द्वारा उचित योजना बनाई जाती और सही क्रियान्वयन किया जाता तो इस धनराशि का इस्तेमाल दिल्ली के लोगों की भलाई के लिए किया जा सकता था।

वर्ष 2021-2022 के Financial Accounts में CAG ने पाया है कि सरकारी विभागों द्वारा बिल जमा न करने के कारण 432.42 करोड़ रुपये की राशि बकाया थी, जिसका अर्थ यह है कि यह confirm करने का कोई तरीका नहीं था कि विधानसभा की स्वीकृति के अनुसार राशि वास्तव में खर्च की गई थी या नहीं। वर्ष 2022-2023 में यह राशि 574.89 करोड़ रुपये थी। CAG ने, 31 मार्च, 2023 तक 9314.85 करोड़ की राशि के Utilization Certificates प्रस्तुत न करने पर भी चिंता जाहिर की है, जिससे फण्ड के दुरूपयोग का गंभीर खतरा उत्पन्न हुआ।

बिजेंद्र गुप्ता ने बताया कि जैसा कि हमारे नियमों में प्रावधान है, इन खातों की जांच Public Accounts Committee द्वारा की जाएगी। विधानसभा और PAC की जांच से हमारे finances का उचित लेखा-जोखा सुनिश्चित होगा और यह सुनिश्चित हो सकेगा कि सरकारी धन का दुरुपयोग न हो।”