
- बोर्ड ने केएल राहुल को उपकप्तानी से हटा दी परोक्ष चेतावनी
- शुभमन गिल इंदौर में तीसरे टेस्ट में ले सकते केएल राहुल की जगह
- टेस्ट में बड़े स्कोर के लिए केएल राहुल को आक्रामक क्रिकेट खेलनी होगी
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : 8,12, 10, 22, 23, 10, 2, 20, 17, 1। यह किसी शख्स का टेलिफोन या मोबाइल नंबर नहीं है। ये है भारत के 30 वर्षीय सलामी बल्लेबाज केएल राहुल के आस्ट्रेलिया के खिलाफ चार टेस्ट मैचों की मौजूदा बॉर्डर-गावसकर ट्रॉफी के शुरू के दो टेस्ट 2-0 की बढ़त लेने के बावजूद पिछली दस टेस्ट पारियों के स्कोर। उनका हाल का टेस्ट प्रदर्शन जरूर उनकी टीम इंडिया में टेस्ट में जगह पर सवाल उठाता है। भारत की ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यहां बॉर्डर गावसकर ट्रॉफी के दूसरे टेस्ट की दूसरी पारी में केएल राहुल (1) ने नाथन लियोन की गेंद को फ्लिक किया लेकिन बदकिस्मती से गेंद हैंडसकॉम्ब के घुटने से लगकर विकेटकीपर अलेक्स कैरी के दस्तानों में जा पहुंची और वह फिर सस्ते में आउट हो गए। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मौजूदा टेस्ट सीरीज में शुरू के दो टेस्ट में उनका सर्वोच्च स्कोर 20 रन है जो कि उन्होंने नागपुर में पहले टेस्ट की दूसरी पारी में बनाया था। यूं भी पिछली दस टेस्ट पारियों में उनक ा सर्वोच्च स्कोर 23 रन है। बेशक अपने करीब एक दशक के टेस्ट करियर में 47 टेस्ट मैचों में से सात शतकों में से छह विदेशी धरती पर जड़े हैं लेकिन बावजूद इसके उनका 34.44 रन का औसत उनकी प्रतिभा और कौशल के अनुरूप तो कतई नहीं है। टेस्ट करियर में उन्होंने अब तक भारत के लिए कुल 2642 रन बनाए हैं। केएल राहुल ने वन डे में अब तक 51 मैच खेल कर पांच शतकों, 12 अद्र्बशतकों सहित 1870 रन और 72 टी-20 मैच खेल दो शतकों सहित 2265 रन बनाए हैं।
केएल राहुल को यह बात समझनी होगी कि क्रिकेट के मैदान पर किसी भी खिलाड़ी के नाम नहीं उसके द्वारा बनाए रनों, विकेटों और कैच और फील्डिंग ही उसकी टीम में जगह पक्की करती है। केएल राहुल के हाल ही के निराशाजनक प्रदर्शन के बावजूद कप्तान रोहित शर्मा और हेड कोच राहुल द्रविड़ सहित टीम इंडिया का प्रबंधन उनके साथ है। खासतौर पर कप्तान रोहित उनके मुश्किल हालात में इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मुश्किल हालात में जड़े टेस्ट शतकों का हवाला देकर बतौर टेस्ट बल्लेबाज उनके बल्लेबाजी कौशल के कसीदे पढ़ उनके टीम में बने रहने की वकालत करते हैं। वहीं भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने भारत के ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मौजूदा चार टेस्ट की सीरीज के आखिरी दो यानी तीसरी और अंतिम टेस्ट मैच के लिए घोषित टीम को बरकरार रखने के साथ केएल राहुल को उपकप्तानी से हटाकर कोई नया उपकप्तान न घोषित कर उन्हें परोक्ष रूप से चेतावनी दे दी है कि अब टेस्ट के लिए भारत की एकादश में जगह पक्की नहीं है। केएल राहुल के अपने राज्य के भारत के पूर्व टेस्ट गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद भी उनकी बतौर बल्लेबाज प्रतिभा के कायल होने के बावजूद मौजूदा ढीली फॉर्म के चलते उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की टेस्ट एकादश में रखने के खिलाफ हैं। केएल राहुल को फिर से टेस्ट में बड़े स्कोर की राह पर लौटने के लिए सकारात्मक और आक्रामक खेलने क्रिकेट खेलनी होगी।
बाहर बैठे 23 बरस के नवोदित सलामी शुभमन गिल टेस्ट में हाल ही में बांग्लादेश में उसके खिलाफ टेस्ट में शतक जड़ कर अपनी कौशल और प्रतिभा की बानगी दिखा चुके हैं। मुमकिन है भारतीय टीम प्रबंधन भी बीसीसीआई के संकेत को समझे और केएल राहुल को बाहर रख कर 1 से 5 मार्च तक इंदौर के होल्कर स्टेडियम में उनकी जगह शुभमन गिल को तीसरे टेस्ट में एकादश में शामिल करे। तकदीर का फेर देखिए कि बांग्लादेश में रोहित शर्मा के चोट के कारण टेस्ट सीरीज के लिए उपलब्ध न होने पर केएल राहुल ने भारत की कप्तानी की थी और खुद बल्ले से कामयाब न रहने के बावजूद टीम इंडिया को सीरीज जिताई थी।
रोहित शर्मा कहते हैं, ‘हाल ही में केएल राहुल की बल्लेबाजी को लेकर बहुत चर्चा हो रही है लेकिन बतौर टीम प्रबंधन हम हमेेशा ही केवल केएल राहुल ही नहीं टीम में किसी भी खिलाड़ी की क्षमता को देखते हैं। अतीत में भी मैंने बराबर यही कहा है कि केएल राहुल ही नहीं किसी भी खिलाड़ी में क्षमता है तो उसे बराबर पूरा मौका दिया जाएगा। आप केएल राहुल के इंग्लैंड में लॉडर्स की नम पिच पर पहले बल्लेबाजी करने के लिए बुलाए जाने और सेंचुरियन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मुश्किल पिचों पर भारत की जीत में जड़े शतकों पर निगाह डालेंगे तो पाएंगे उनमें कितनी क्षमता है।
दरअसल सच तो यह है कि खुद भारत के कप्तान रोहित शर्मा नेबेहद प्रतिभासम्पन्न होने के बाद उसके मुताबिक प्रदर्शन करने में करीब पांच छह बरय लिए थे। खुद टेस्ट में शतकों के साथ आगाज करने के बाद रोहित को गैरजिम्मेदाराना शॉट खेल कर टीम से बाहर रह भारत टीम में वापसी कर टेस्ट सहित तीनों फॉर्मेट का शीर्ष खिलाड़ी बनने में एक दशक का वक्त लग गया। रोहित की इसी लिए केएल राहुल से हमदर्दी है। रोहित ने केएल राहुल ही नहीं जब विराट कोहली बुरे दौरे से गुजरे तब उनका भी उनका प्रतिभा और कौशल का हवाला देकर समर्थन किया। उसका नतीजा सामने है कि विराट ने फिर रनों और शतकों की राह पर लौट आए है।रोहित इसीलिए केएल राहुल का समर्थन कर उनके भी फिर टेस्ट सहित तीनों फॉर्मेट में एक साथ रंग जमाने की आस कर रहे हैं।