एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के आंकड़े जानकर रह जाएंगे हैरान
प्रीति पांडेय
महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करने के लिए बीजेपी, कांग्रेस समेत विभिन्न दल एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए हैं. इस बीच चुनाव सुधारों के लिए काम करने वाले गैर-सरकारी संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने उनके हलफनामों का विश्लेषण किया है. (NGO) एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) द्वारा किए गए विश्लेषण से पता चलता है कि महाराष्ट्र में 60% वर्तमान विधायकों और झारखंड में 49% मौजूदा विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं ।
महाराष्ट्र के विधायकों पर केस
यह विश्लेषण 2019 के विधानसभा चुनाव और उसके बाद हुए उपचुनावों से पहले उम्मीदवारों द्वारा प्रस्तुत हलफनामों पर आधारित है. महाराष्ट्र में विश्लेषण किए गए 272 मौजूदा विधायकों में से 164 ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं. 2 मौजूदा विधायकों ने हत्या (Murder) से संबंधित आपराधिक मामले और 10 ने हत्या के प्रयास (Attempt to Murder) से संबंधित मामले घोषित किए हैं. कुल 12 मौजूदा विधायकों ने महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित मामले घोषित किए हैं.
पार्टी के हिसाब क्या है आंकड़ा
जहां तक राजनीतिक दलों का सवाल है, भारतीय जनता पार्टी (BJP) के 103 विधायकों में से 62 (60%) पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार) के 40 विधायकों में से 25 (63%), शिवसेना (एकनाथ शिंदे) के 38 विधायकों में से 22 (58%), कांग्रेस के 37 विधायकों में से 20 (54%), शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के 16 विधायकों में से 9 (56%), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के 12 विधायकों में से 6 (50%), और 12 निर्दलीय विधायकों में से 9 (75%) ने अपने हलफनामों में अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं.
क्या कहते हैं झारखंड के आंकड़े
झारखंड में 74 मौजूदा विधायकों में से 36 ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं. दो मौजूदा विधायकों ने हत्या के मामले घोषित किए हैं, जबकि 6 मौजूदा विधायकों ने हत्या के प्रयास से संबंधित मामले घोषित किए हैं. वहीं, 2 ने महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित मामले घोषित किए हैं.
भाजपा के 26 विधायकों में से 13 (50%), झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के 25 विधायकों में से 12 (48%), कांग्रेस (Congress) के 16 विधायकों में से 8 (50%), और ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन के 3 विधायकों में से 1 (33%) ने अपने हलफनामों में अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं.
कुल मिला कर कोई भी पार्टी ऐसी नहीं है जिसने चुनाव में जीत हासिल करने के लक्ष्य को साधने के प्रयास के बीच आपराधिक मुकदमें वाले कैंडीडेट्स को नजरअंदाज किया हो । जीत के लिए कुछ भी करेगा वाला पैंतरा हर कोई अपना रहा है । उसके बीच आपराधिक रिकॉर्ड्स वाले प्रत्याशी आ भी जाए तो क्या ।