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डॉ० कमलेन्द्र कुमार श्रीवास्तव

चीटियाँ और मधुमक्खी सभी मिलजुलकर कार्य करतीं हैं। सभी के कार्य बटे हुए होते हैं।अंडे देना, साफ सफाई करना भोजन एकत्रित करना आदि कार्य का विभाजन होता है।

अंडे देने का कार्य रानी मधुमक्खी का है। मोम पैदा करना ,साफ सफाई करना, रस एकत्रित करना ,छत्ता बनाना ,फूलों की खोज करना,भोजन एकत्रित करना और रस से शहद बनाने आदि का कार्य श्रमिक मधुमक्खियों द्वारा किया जाता है।केवल मादा मधुमक्खी ही डंक मारती है।

चींटियों का संसार भी अलग है। कहा जाता है कि चींटी की प्रजाति संसार की सबसे छोटी प्रजाति है। अंडे देने का कार्य रानी चींटी करती है जबकि बिल का ध्यान रखना ,साफ सफाई करना सिपाही चीटियों का कार्य होता है। चींटियों का रंग अधिकांशतया लाल ,भूरा ,काला होता है।चीटियों के रहने के स्थान को कॉलोनी कहते है।मरने के बाद चीटियों के शरीर से ओलिक एसिड निकलने से अन्य चीटियों को यह जानकारी हो जाती है कि यह चींटी मर चुकी है और उसे छोड़कर आगे बढ़ जातीं हैं।