रावेल पुष्प
कोलकाता : पंजाबी साहित्य सभा कोलकाता ने खालसा गर्ल्स स्कूल के सभाकक्ष में साहित्य सभा के अध्यक्ष तथा पंजाबी कवि गुरदीप सिंह संघा के प्रथम काव्य संग्रह -फुल्लां दे बोल का लोकार्पण समारोह आयोजित किया, जिसमें खासतौर से उपस्थित थे भाषा विभाग पंजाब सरकार के अवकाश प्राप्त सहनिदेशक तथा साहित्यकार बाबूराम दीवाना। गौरतलब है कि बाबूराम दीवाना ने हाल ही में पंजाब सरकार के भाषा विभाग द्वारा दिए गए ऋग्वेद के पंजाबी अनुवाद को बखूबी सम्पन्न किया है। उन्होंने अपने वक्तव्य में पंजाबी साहित्य सभा से अपने वर्षों पुराने सम्बंधों का जिक्र किया और पंजाबी काव्य संग्रह के प्रकाशन पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए संघा जी को बधाई दी।
सिख इतिहास के शोधकर्ता तथा पंजाबी साहित्य सभा के सचिव जगमोहन सिंह गिल ने पंजाबी साहित्य सभा के प्रारंभिक इतिहास पर रौशनी डालते हुए दीवाना जी का स्वागत किया। इस नए काव्य संग्रह पर अपनी समीक्षात्मक टिप्पणी करते हुए जहां कवि रावेल पुष्प ने कहा कि गुरदीप फूलों की तरह बहुरंगी कविताओं का सर्जक है,वहीं भूपेंद्र सिंह बशर ने इसे पाठकों के लिए एक नायाब तोहफ़ा बताया।
इस मौके पर महत्वपूर्ण उपस्थिति में शामिल थे- सर्वश्री गुरमीत सिंह, गुरचरण सिंह, गुरशरण सिंह, हरजिंदर सिंह बबली, अवतार सिंह रामूवालिया, गुरमीत सिंह रामूवालिया, मनप्रीत सिंह सिद्धू ,करणवीर सिंह, रंजीत लुधियानवी,करनवीर सिंह थिंद,अमनदीप कौर सिद्धू, गीता अरोड़ा, रिशु अजमानी तथा अन्य।
आखिर में साहित्यकार बाबूराम दीवाना ने कुछ पुस्तकें पंजाबी साहित्य सभा, सिख फो़रम तथा संत कुटिया गुरुद्वारा के लिए भेंट कीं।