थाना लिंक रोड पुलिस टीम द्वारा वादी पर फायरिंग कर हत्या का प्रयास करने वाले 04 अभियुक्त गिरफ्तार

Link Road police team arrested 04 accused who tried to murder the plaintiff by firing at him

दीपक कुमार त्यागी

उक्त घटना के सम्बन्ध में निमिष पाटील, पुलिस उपायुक्त ट्रांस हिंडन गाजियाबाद ने दी ब्रिफिंग

गाजियाबाद। पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद के थाना लिंकरोड़ पर दिनांक 17.06.2025 को वादी अमित किशोर जैन पुत्र वीरेन्द्र किशोर जैन निवासी रामप्रस्था कॉलोनी, गाजियाबाद ने लिखित तहरीर दी और बताया कि किन्ही अज्ञात व्यक्तियों द्वारा मुझ पर जान से मारने की नियत से फायरिंग की गयी जिसमें वादी घायल हो गया। जिसके क्रम में थाना लिंकरोड़ पर हत्या के प्रयास के सम्बन्ध में धारा 61,109, 232 बीएनएस के अन्तर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया था। उक्त घटना के अनावरण हेतु पुलिस ने साक्ष्य संकलन एवं सीसीटीवी फुटेज के आधार पर 04 अभियुक्त प्रियांशु तेवतिया पुत्र कृष्ण कुमार निवासी सैन विहार थाना क्रॉसिंग गाजियाबाद, अश्वनी उर्फ दिलावर पुत्र श्योराज निवासी अम्बेडकर नगर भूड थाना कोतवाली नगर जनपद बुलन्दशहर, अमित यादव पुत्र चतर पाल निवासी शाहपुर बम्हैटा थाना वेवसिटी गाजियाबाद व प्रियांशु गौतम उर्फ यशु पुत्र जितेन्द्र निवासी अम्बेडकर नगर भूड थाना कोतवाली नगर जनपद बुलन्दशहर का नाम प्रकाश में आया था। इस प्रकरण में पूर्व से एफआईआर में नामित आरोपी अनुराग गर्ग (वर्तमान में न्यायिक हिरासत में) ने उपरोक्त चारों अभियुक्तों को वादी अमित किशोर जैन की हत्या करने की सुपारी दी थी। उपरोक्त अभियुक्तगण द्वारा एक योजना के तहत अमित किशोर जैन पर जान से मारने की नियत से फायरिंग की थी। उक्त अभियोग में अभियुक्त प्रियांशु तेवतिया उपरोक्त को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया गया तथा अभियुक्तगण अश्वनी उर्फ दिलावर व अमित यादव उपरोक्त को पूछताछ हेतु थाना लिंकरोड़ पर बुलाया गया था। घटना के संबन्ध में की गयी पूछताछ से अभियोग की घटना की योजना बनाने तथा घटना में शरीक जुर्म रहते हुए घटना में प्रयुक्त मोटर साइकिल व घटना में प्रयुक्त मोबाइल फोन की बरामदगी के क्रम में दिनांक 05/06.07.2025 की रात्रि में 02 अभियुक्त अश्वनी उर्फ दिलावर पुत्र श्यौराज व अमित यादव पुत्र चतरपाल को घटना में प्रयुक्त मोटर साइकिल व मोबाइल फोन की बरामदगी के दौरान हुई पुलिस मुठभेड़ में घायल अवस्था में गिरफ्तार किया गया। जिनके कब्जे से 01 तमंचा, 01 खोखा कारतूस, 01 जिंदा कारतूस व घटना से संबंधित 01 मोबाइल फोन बरामद किया गया था।

इसी क्रम में आज दिनांक 06.07.2025 को थाना लिंकरोड़ पुलिस टीम के द्वारा मुखबिर की सूचना के आधार पर 01 अभियुक्त प्रियांशु गौतम उर्फ यशु को मुखबिर की सूचना के आधार पर लाल कुआ से गिरफ्तार कर के आवश्यक वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।

उक्त घटना के सम्बन्ध में निमिष पाटील, पुलिस उपायुक्त ट्रांस हिंडन जोन ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ करने पर यह तथ्य प्रकाश में आये कि अनुराग गर्ग ने सन-2013 से 2016 तक लालकुआं से दादरी तक GT रोड के आस पास प्रॉपर्टी का काम किया था। वही पर अमित यादव जो कि ट्रैक्टर से प्लाटों में मिट्टी डालने का काम करता था। उसी दौरान अमित यादव की मुलाकात अनुराग गर्ग से हुई। उसके बाद अनुराग गर्ग 2017 में फर्जी कंपनी चलाने के संबंध में नोएडा जेल चला गया। अनुराग गर्ग जेल से आने के बाद अमित यादव से बीच-बीच में मिलता रहा। अनुराग गर्ग ने अमित यादव को बताया कि अमित जैन ने मेरी पूरी प्रोपर्टी सीज करा दी है। इसीलिए अमित जैन की हत्या करानी है और यह काम तुमको कराना है। मैं तुम्हें मालामाल कर दूँगा और इस काम के भी 05 लाख रूपये दूँगा। अमित यादव लालच में आकर अमित किशोर जैन की हत्या कराने के लिए तैयार हो गया। अमित यादव ने यह बात अपने दोस्त प्रियांशु गौतम उर्फ यशु को बतायी, प्रियांशु गौतम उर्फ यशु ने कहा कि यह काम मैं अपने दोस्त प्रियांशु तेवतिया व चचेरे भाई अश्वनी उर्फ दिलावर से करा दूँगा। प्रियांशु गौतम उर्फ यशु ने मेरी मुलाकात अश्वनी उर्फ दिलावर तथा प्रियांशु तेवतिया से करायी और यह लोग अमित किशोर जैन की हत्या करने के लिए तैयार हो गये। उसके बाद अमित यादव, प्रियांशु गौतम उर्फ यशु, अश्वनी उर्फ दिलावर तथा प्रियांशु तेवतिया को साथ लेकर 15 अप्रैल 2025 को अनुराग गर्ग से मिलाने के लिए आरडीसी लेकर गया था। अनुराग गर्ग ने एक काले रंग का लावा कम्पनी का मोबाइल फोन दिया। जिसमें अमित किशोर जैन की कई तरह की फोटो उसके मकान का पता, मकान की फोटो, उसकी स्कूटी व मोटर साइकिल की फोटो थी और अमित किशोर जैन का मोबाइल नंबर लिखा था। अनुराग गर्ग ने अमित किशोर जैन को मारने के लिए 15 अप्रैल 2025 को ही 50 हजार रुपये एडवांस देकर बाकी रुपये काम होने के बाद देने के लिए कह दिया। जिसे सभी ने आपस में बाँट लिया। अमित यादव तथा प्रियांशु गौतम उर्फ यशु ने अश्वनी उर्फ दिलावर और प्रियांशु तेवतिया को अमित किशोर जैन की फोटो तथा उसके घर का पता बताया जिसके बाद अमित यादव, अश्वनी और प्रियांशु गौतम उर्फ यशु अमित किशोर जैन के मकान रामप्रस्था कॉलोनी गाजियाबाद की रैकी करने गये। उस दिन प्रियांशु तेवतिया हमारे साथ नहीं था । उसके बाद अमित यादव, अश्वनी उर्फ दिलावर, प्रियांशु तेवतिया व प्रियांशु उर्फ दिलाबर ने मिल कर अमित किशोर जैन की हत्या करने की योजना बनाई तथा अश्वनी उर्फ दिलावर के साथ प्रियांशु तेवतिया को अमित किशोर के घर की रैकी करने के लिए रामप्रस्था कॉलोनी भेजा, अश्वनी उर्फ दिलाबर ने रैकी करने के बाद बताया कि काम हो जायेगा तथा सभी ने दिनांक 16.06.2025 को अमित किशोर जैन की हत्या करने की योजना तैयार की तथा प्रियांशु तेवतिया व अश्वनी उर्फ दिलावर को एक-एक तमंचा तथा कारतूस दिये तथा पहचान के लिए दिया गया मोबाइल फोन अश्वनी उर्फ दिलावर के पास ही था। योजना के अनुसार अमित यादव, प्रियांशु गौतम उर्फ यशु ने अश्वनी उर्फ दिलाबर व प्रियांशु तेवतिया को अपाचे मोटर साइकिल से अमित किशोर जैन की हत्या करने के लिए रामप्रस्था भेज दिया था। अश्वनी उर्फ दिलावर व प्रियांशु तेवतिया ने आकर बताया कि काम हो गया है तथा तमंचा पकड़े जाने के भय के कारण रास्ते में ही फेंक दिया तथा घटना में प्रयुक्त तमंचा, मोटर साइकिल व मोबाइल फोन को अलग अलग जगह पर छिपा दिया।

गिरफ्तार अभियुक्त प्रियांशु गौतम उर्फ यशु पुत्र जितेन्द्र के आपराधिक इतिहास की जानकारी की जा रही है।

वहीं अभियुक्त अनुराग गर्ग के विरुद्ध गाजियाबाद, लखनऊ, मेडिकल, कंकरखेडा व थाना दौराला में धोखाधड़ी व कोर्ट के आदेश की अवमानना में भगोड़ा होने आदि से सम्बन्धित कुल 56 अभियोग पंजीकृत है। अन्य आपराधिक इतिहास की जानकारी की जा रही है।

यहां आपको अनुराग गर्ग का संक्षिप्त इतिहास बताते हैं,
अनुराग गर्ग पुत्र सत्य प्रकाश गर्ग निवासी नेहरू नगर गली नौचंदी जनपद मेरठ का जन्म 1991 में हुआ था दीवान पब्लिक स्कूल मेरठ से स्कूली शिक्षा हुई उसके उपरांत आईआईटी रुड़की से बीटेक किया उसके उपरांत कुछ दिन तक प्रॉपर्टी डीलर का कार्य किया प्रॉपर्टी डीलिंग के दौरान इसकी जान पहचान संदेश वर्मा रवि रस्तोगी आलोक रस्तोगी अखिलेश चौहान आदि लोगों से हुई, उन सभी के साथ पार्टनरशिप करके वेबवर्क प्रा० लि० नाम से एक कंपनी संचालित की।

अनुराग गर्ग वेब वर्क ट्रेड लिंक्स (Webwork Trade Links) नामक एक ऑनलाइन कंपनी के निदेशक थे, जिस पर लगभग 2.5 लाख लोगों से ₹500 करोड़ की ऑनलाइन धोखाधड़ी का आरोप लगा था। यह धोखाधड़ी सोशल मीडिया पर “लाइक्स” के बदले पैसे देने का लालच देकर की गई थी।

उन्हें सुरेश वर्मा के साथ नोएडा पुलिस ने 2017 में गिरफ्तार किया था। बाद में उन्हें हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी। वेब वर्क ट्रेड लिंक्स (Webwork Trade Links) एक ऑनलाइन कंपनी थी जिस पर बड़े पैमाने पर पॉन्ज़ी स्कीम (Ponzi scheme) चलाकर लोगों से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप लगा था। यह एक ऐसा धोखाधड़ी वाला निवेश ऑपरेशन था जहाँ पुराने निवेशकों को नए निवेशकों से जमा किए गए धन से भुगतान किया जाता था।

घोटाले की मुख्य बातें दी गई हैं –
अनुराग गर्ग की कंपनी वेब वर्क ट्रेड लिंक्स लोगों को सोशल मीडिया पर वेबसाइटों को “लाइक” करने के बदले पैसे देने का लालच देती थी। इसके लिए लोगों को कंपनी में ₹11,000 से लेकर ₹57,500 तक का निवेश करके “पब्लिशर” बनना पड़ता था। कंपनी प्रति लाइक ₹6 देने का वादा करती थी। यह एक सीधा पॉन्ज़ी स्कीम था जहाँ कंपनी कोई वास्तविक व्यापार नहीं कर रही थी, बल्कि नए निवेशकों के पैसे से पुराने निवेशकों को भुगतान कर रही थी।

एक अनुमान है कि इस धोखाधड़ी से लगभग 2 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए और उन्होंने ₹240 करोड़ से अधिक का निवेश किया। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, यह आंकड़ा ₹500 करोड़ तक भी पहुँच सकता है।

इस कंपनी के निदेशक अनुराग गर्ग और संदेश वर्मा थे। उन्हें फरवरी 2017 में नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार किया था जब कई निवेशकों ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।

अन्य कंपनियों से संबंधः वेब वर्क ट्रेड लिंक्स का modus operandi (कार्यप्रणाली) एक अन्य बड़ी पॉन्ज़ी स्कीम, एबलेज इन्फो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड (Ablaze Info Solutions Private Limited) के समान था, जिसे अनुभव मित्तल चला रहे थे। अनुभव मित्तल की गिरफ्तारी के बाद ही वेब वर्क के खिलाफ भी शिकायतें सामने आने लगीं।

इस मामले की जांच नोएडा पुलिस के बाद सीबीआई (CBI) ने अपने हाथ में ले ली थी। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी इस मामले में कंपनी और उसके निदेशकों की कई संपत्तियों को कुर्क किया है।

कंपनी ने अपनी एक “शैडो कंपनी” एड्सबुक डॉट कॉम (Addsbook.com) के प्रचार के लिए बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान और नवाजुद्दीन सिद्दीकी का इस्तेमाल किया था, जिससे लोगों का भरोसा और बढ़ा। हालांकि, इन अभिनेताओं को किसी भी तरह से आरोपी या संदिग्ध नहीं बनाया गया था।

कुल मिलाकर, वेब वर्क ट्रेड लिंक्स एक बड़े पैमाने का ऑनलाइन निवेश धोखाधड़ी था जिसने हजारों लोगों को उनके पैसे से ठगा।

अभियुक्तों को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम थाना लिंक रोड पुलिस टीम की है।