दीपक कुमार त्यागी
आजकल जिस उम्र में बच्चे वीडियो गेम्स में व्यस्त रहते में उस नन्ही उम्र में प्रकृति, मानव भावनाओं और कल्पनाओं पर आधारित विभिन्न तरह की खूबसूरत और जीवंत पेंटिंग उकेर कर अपना हुनर दिखाते ‘हृदय राणा’
गाजियाबाद। हर एक बच्चे के माता-पिता का सपना होता है कि उनका बच्चा अपनी प्रतिभा के दम पर एक विशिष्ट पहचान बनाएं। अपने विशेष हुनर के दम पर गाजियाबाद के कविनगर निवासी, प्रेसिडियम स्कूल राजनगर के 10 वर्षीय छात्र ‘हृदय राणा’ माता-पिता का नाम रोशन कर रहे हैं, उनकी पेंटिंग बनाने में बचपन से ही रुचि है, वह नन्ही उम्र में विभिन्न तरह की खूबसूरत पेंटिंग बनाने का काम करते हैं, ‘हृदय राणा’ को पेंटिंग करने के लिए अपने माता-पिता से प्रेरणा मिली, जिसे वह रंगों से दोस्ती करके बखूबी मूर्त रूप देते हैं।
रंगों से दोस्ती: बचपन का जुनून
जहाँ इस उम्र के बच्चे खेल-कूद और वीडियो गेम्स में व्यस्त रहते हैं, वहीं हृदय के हाथ बड़ी सहजता से ब्रश और रंगों की ओर मुड़ते हैं। उनकी चित्रकला में रुचि कोई अचानक पैदा हुआ शौक नहीं है, बल्कि यह उनके बचपन से ही उनकी रगों में समाया हुआ जुनून है। वह अपनी नन्ही उम्र में ही प्रकृति, मानव भावनाओं और कल्पनाओं पर आधारित विभिन्न तरह की खूबसूरत और जीवंत पेंटिंग बनाने का काम करते हैं।
हृदय की कलाकृतियों में एक परिपक्वता और गहराई देखने को मिलती है, जो उनकी उम्र के बच्चों में कम ही देखने को मिलती है। उनके स्ट्रोक्स में आत्मविश्वास झलकता है, और उनके द्वारा चुने गए रंग संयोजन (color combinations) देखने वालों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। चाहे वह जल रंग (watercolors) हों या ऐक्रेलिक (acrylics), हृदय हर माध्यम में महारत हासिल कर रहे हैं।
प्रोत्साहन का हाथ: माता-पिता से मिली प्रेरणा
हृदय की इस कलात्मक यात्रा में सबसे बड़ा योगदान उनके माता-पिता का है। उन्हें पेंटिंग करने के लिए अपने परिवार से अटूट प्रेरणा और प्रोत्साहन मिलता है। उनके माता-पिता ने न केवल हृदय की प्रतिभा को पहचाना, बल्कि उन्हें आवश्यक सामग्री और एक रचनात्मक माहौल भी प्रदान किया, जहाँ उनकी कला बिना किसी रोक-टोक के फल-फूल सके। यह पारिवारिक समर्थन ही है जो हृदय को लगातार नई ऊंचाइयों को छूने के लिए प्रेरित करता है। वे हृदय के हुनर को दुनिया के सामने लाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।





