इंद्र वशिष्ठ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश भर में शौचालय बनवाने का अभियान चलाया हुआ है, लेकिन दूसरी ओर देश की राजधानी दिल्ली में ही सरकारी अस्पतालों/ इमारतों में शौचालयों पर ताले लगे रहते हैं. दिल्ली के गोविन्द बल्लभ पंत अस्पताल (जीबी पंत) में मरीजों/ तीमारदारों और अन्य लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. लोगों के लिए शौचालयों की सुविधा उपलब्ध नहीं है. अस्पताल में शौचालयों तो बहुत है लेकिन लोग उनका इस्तेमाल नहीं कर सकते. क्योंकि शौचालयों पर ताले लगे रहते हैं.
प्रशासन की आंखें बंद-
अस्पताल में ए ब्लॉक में स्थित इमारत में सारे शौचालयों पर ताले लगे रहते है. क्या अस्पताल प्रशासन को यह सब नज़र नहीं आता है? ए ब्लॉक स्थित छह मंजिला इमारत में कार्डियोलॉजी, गैस्ट्रो इंट्रोलॉजी,पैथोलॉजी लैब, माइक्रबाइलॉजी, बायोकेमिस्ट्री, न्यूरोलॉजी, मनोरोग, एनेस्थिसियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, न्यूरो सर्जरी और सीटीवीएस आदि विभाग है. हरेक मंजिल पर पुरुष और महिला शौचालय तो बने हुए हैं. लेकिन सारे शौचालयों पर ताले लगे रहते है.सिर्फ भूतल का एक शौचालय और पांचवीं मंजिल पर महिला शौचालय ही खुला मिला.
एमसीडी का निकम्मापन-
दूसरी ओर दिल्ली में एमसीडी द्वारा महिलाओं के लिए बनाए गए शौचालयों का महिलाएं ही इस्तेमाल नहीं कर पा रही हैं. शौचालयों पर ताले लगे रहते हैं जिससे महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है.