
नीति गोपेन्द्र भट्ट
नई दिल्ली : लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद भवन में मंगोलिया के राष्ट्रपति खुरेलसुख उखना और उनके साथ आए शिष्टमंडल प्रतिनिधियों का स्वागत किया।
संसद के नए भवन के बारे में, बिरला ने राष्ट्रपति खुरेलसुख उखना और शिष्टमंडल को बताया कि वैश्विक कोविड-19 महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद, इस भवन का निर्माण रिकॉर्ड समय में पूरा हुआ। यह भवन सभी भारतीयों की आकांक्षाओं का प्रतीक है और इसमें बौद्ध दर्शन को प्रमुखता से दर्शाया गया है। उदाहरण के लिए, इसकी एक गैलरी में “बुद्धं शरणं गच्छामि, धम्मं शरणं गच्छामि, संघं शरणं गच्छामि” (मैं बुद्ध की शरण में जाता हूँ, धर्म की शरण में जाता हूँ, संघ की शरण में जाता हूँ) का मूलमंत्र प्रदर्शित है और इसके साथ ही उन शिक्षाओं का उल्लेख भी हैं जो व्यक्तियों को प्रकाश के समान आलोकित होने के लिए प्रोत्साहित करती हैं ।
साझा बौद्ध विरासत के बारे में बात करते हुए , बिरला ने कहा कि भगवान बुद्ध की शिक्षाएँ कालातीत, शाश्वत और प्रासंगिक हैं। उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध का मंत्र, “बहुजन हिताय बहुजन सुखाय” ऐसा मार्गदर्शी सिद्धांत है जो आज भी भारत की लोक नीति को प्रेरित कर रहा है। उन्होंने राष्ट्रपति खुरेलसुख उखना को यह भी बताया कि लोकसभा में अध्यक्ष के आसन के ऊपर धर्म चक्र प्रमुखता से अंकित है, जो धर्म-आधारित शासन के प्रति भारत की निष्ठा का प्रतीक है।
लोकसभाध्यक्ष बिरला ने कहा कि भारत और मंगोलिया के बीच रक्षा, स्वास्थ्य, सूचना प्रौद्योगिकी और आर्थिक सहयोग के क्षेत्र में साझेदारी की अपार संभावनाएँ हैं। लोकतंत्र, धर्म और विकास (3डी) के सिद्धांतों के आधार पर भारत और मंगोलिया के द्विपक्षीय संबंध मजबूत होने का उल्लेख करते हुए, बिरला ने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत और मंगोलिया के बीच इतिहास से लेकर आध्यात्मिक विरासत तक कई साझी परंपराएं हैं ।
बिरला ने कहा कि भारत और मंगोलिया अपने राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। उन्होंने दोनों देशों के बीच निरंतर गहरी हो रही साझेदारी की सराहना करते हुए कहा कि इन सात दशकों में दोनों देशों के बीच कई नए क्षेत्रों में सहयोग बढ़ा है। 2023 में अपनी मंगोलिया यात्रा का स्मरण करते हुए, उन्होंने संसदीय लोकतंत्र के प्रति दोनों देशों की दृढ़ प्रतिबद्धता का उल्लेख किया। भारत और मंगोलिया के बीच बढ़ते संसदीय संबंधों के बारे में बात करते हुए, बिरला ने कहा कि नियमित संसदीय आदान-प्रदान दोनों देशों के संबंधों का एक प्रमुख स्तंभ रहा है। उन्होंने इस परंपरा को और मजबूत करने की इच्छा व्यक्त की। अपनी 2023 की मंगोलिया यात्रा के दौरान संसदीय सहयोग बढ़ाने के लिए हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन का उल्लेख करते हुए, बिरला ने मंगोलिया के सांसदों और अधिकारियों को प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के लिए भारत के विश्व स्तरीय संसदीय लोकतन्त्र शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान (प्राइड) का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया।
बिरला ने देश में सभी क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाए जाने के बारे में भी बात की । उन्होंने सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से महिलाओं के प्रतिनिधित्व को बढ़ावा देने के लिए हाल के वर्षों में हुई महत्वपूर्ण प्रगति का उल्लेख करते हुए बताया कि भारत के संविधान में जमीनी स्तर के प्रतिनिधि निकायों में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण का प्रावधान है, और कुछ राज्यों ने इसे बढ़ाकर 50% कर दिया है। इसके अतिरिक्त, श्री बिरला ने “नारी शक्ति वंदन अधिनियम” का भी उल्लेख किया, जो नए संसद भवन में पारित पहला कानून है, और जिसमें लोक सभा और राज्य विधान सभाओं में महिलाओं के लिए 33% सीटें आरक्षित किए जाने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि यह कानून महिलाओं के नेतृत्व में विकास के प्रति भारत की संवैधानिक प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
इस अवसर पर, मंगोलिया के राष्ट्रपति महामहिम खुरेलसुख उखना ने 2023 में लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला की मंगोलिया यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि बिरला की करिश्माई उपस्थिति से दोनों देशों के बीच संसदीय सहयोग और अधिक मज़बूत हुआ है। एक प्रमुख साझेदार के रूप में भारत की भूमिका पर ज़ोर देते हुए, राष्ट्रपति उखना ने भारत को मंगोलिया का “आध्यात्मिक पड़ोसी और एक महान मित्र” बताया। उन्होंने भारत को एक तेज़ी से बढ़ रही आर्थिक शक्ति बताया जो विश्व शांति और स्थिरता में सार्थक योगदान दे रहा है। ग्लोबल साउथ में भारत के नेतृत्व की सराहना करते हुए, उन्होंने दोनों देशों के बीच परस्पर लाभ के लिए बहुपक्षीय मंचों पर निरंतर सहयोग की आशा व्यक्त की।