प्यार सभी के लिए, नफ़रत किसी के लिए नहीं, अहमदिया मुस्लिम जमात का हुआ ईद मिलन

Love for all, hate for none, Ahmadiya Muslim Jamaat held Eid Milan

रावेल पुष्प

कोलकाता : इस्लाम ने सभी व्यक्तियों को अल्लाह का परिवार माना है, इसलिए अल्लाह को वही व्यक्ति प्रिय है जो उसकी सारी सृष्टि से प्रेम करता है। इस्लामी इबादत का एक स्तम्भ ही है रोजा का पालन करना। ये व्यक्ति की आत्म शुद्धि का माध्यम है।

अहमदिया मुस्लिम जमात की कोलकाता शाखा द्वारा भारतीय भाषा परिषद् के सभागार में ईद मिलन के कार्यक्रम में अपना वक्तव्य रख रहे थे जनाब अबू ताहेर मंडल, जहां सभी धर्मों के लोग आमंत्रित थे।

उन्होंने आगे कहा कि ईद मिलन दरअसल विश्व भ्रातृत्व का मिलन है, ये मानवता का मिलन है।

जनाब तनवीर अहमद बानी की अध्यक्षता में ईद मिलन की परिचर्चा में भाग लेते हुए अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य तथा बेहाला गुरुद्वारा के सचिव सरदार सतनाम सिंघ आहलूवालिया ने कहा कि गुरु वाणी भी यही कहती है- अव्वल अल्ला नूर उपाइया कुदरत के सब बंदे, एक नूर ते सब जग उपजिया कौन भले कौन मंदे यानि हम सभी उसी कुदरत के पैदा किये बंदे हैं इसलिए इसमें किसी दूसरे को बुरा कहने का कोई औचित्य ही नहीं है।

चिन्मय मिशन के स्वामी दिवाकर चैतन्य ने कहा कि अज्ञानता के चलते ही हम एक दूसरे से लड़ते हैं, जब आपस में बातचीत होगी तो दूरियां निश्चित ही कम होगी।

इसके अलावा किंग पार्क चर्च के फा़दर सुनील रेजारियो, वेद दर्शन केंद्र के प्रधान बुद्ध रक्षिता ने भी अपने-अपने तरीके से विश्व बंधुत्व की जरूरत और दुनिया में अमन-चैन की ओर सारी मानवता को ले जाने के संदेश दिये।

गौरतलब है कि जहां आमतौर पर इस्लाम में मोहम्मद साहब को आखिरी पैगंबर माना जाता है, वहीं अहमदिया मुस्लिम जमात उसके बाद आखिरी पैगंबर के रूप में मिर्ज़ा गुलाम अहमद को मानती है जिनका जन्म पंजाब के कादियान में 1839 को हुआ था। उनका सूत्र वाक्य ही अहमदिया मानते हैं- प्यार सभी के लिए, नफ़रत किसी के लिए नहीं।

इस मौके पर सिख नारी मंच के संस्थापक सरदार नरेन्दर सिंह, पश्चिमबंग हिन्दी अकादमी के सदस्य रावेल पुष्प ,पंजाबी साहित्य सभा के सदस्य भूपेंदर सिंह बशर, ग्लोबल बुद्धिस्ट मैनेजमेंट के अध्यक्ष जसबीर सिंह चावला सहित कई महत्वपूर्ण व्यक्तियों की उपस्थिति रही। अहमदिया मुस्लिम जमात के इस कार्यक्रम में सक्रिय रूप से सहयोग में शामिल रहे शाहजाद सहगल, नसीर अहमद, मुबाशिर अहमद, सैफ़ सहगल, सगीर आलम तथा अन्य। कार्यक्रम के पश्चात विश्व शांति के लिए सामूहिक प्रार्थना की गई।