
नीति गोपेन्द्र भट्ट
नई दिल्ली : प्राइम पॉइंट फाउंडेशन द्वारा नई दिल्ली के महाराष्ट्र सदन में आयोजित साँसद रत्न पुरस्कार समारोह में केन्द्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने देश के 17 सांसदों को संसदीय लोकतंत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया ।पुरस्कृत सांसदों में राजस्थान भाजपा के अध्यक्ष राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ और पाली के सांसद एवं वन नेशन वन इलेक्शन संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष पी पी चौधरी भी शामिल थे ।
पूर्व केंद्रीय मंत्री हंसराज अहीर की अध्यक्षता वाली निर्णायक समिति ने पुरस्कार विजेताओं का चयन किया। समारोह में संसद की वित्त और कृषि संबंधी स्थाई समितियों को भी पुरस्कृत किया गया ।प्रतिष्ठित पार्लियामेंट्री रिसर्च संस्था प्राइम पॉइंट फाउंडेशन द्वारा स्थापित और भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के आशीर्वाद से प्रारंभ साँसद रत्न पुरस्कार के लिए चयनित राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ को राज्यसभा की ओवरऑल कैटेगरी में प्रभावशाली योगदान और सक्रिय भूमिका के लिए साँसद रत्न अवार्ड दिया गया। उन्हें संसद के सत्रों में लगातार उपस्थिति, प्रभावशाली बहसों, प्रश्नों और जनहित याचिकाओं के माध्यम से अपनी सक्रिय भूमिका निभाने और विभिन्न सामाजिक एवं विकासात्मक मुद्दों को संसद में उठा कर आम जन की समस्याओं को राष्ट्रीय मंच पर उभारने के लिए यह अवार्ड प्रदान किया गया ।
इसी प्रकार तीसरी बार संसद रत्न पुरस्कार से सम्मानित हुए पाली सांसद पी पी चौधरी ने भी यह पुरस्कार प्राप्त किया। सांसद चौधरी को यह सम्मान ‘क्वेश्चन’ श्रेणी में मिला है।
दो बार पूर्व में भी मिला पुरस्कार: सांसद चौधरी को इससे पहले दो बार संसद रत्न पुरस्कार मिल चुका है। सन् 2015 में उन्हें यह पुरस्कार ‘ओवरऑल कैटेगरी’ (वाद-विवाद, प्रश्न और निजी सदस्यों के विधेयक), साथ ही वाद-विवाद में नंबर 1 स्थान प्राप्त करने के लिए विशेष मान्यता की श्रेणी में मिला तो वहीं सन् 2016 में ‘‘डिबेट’’ श्रेणी में मिला था।
पुरस्कार वितरण समारोह में देश भर के वरिष्ठ सांसद, नीति निर्माता, सामाजिक कार्यकर्ता एवं मीडिया प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
पुरस्कार मिलने के बाद सांसद मदन राठौड़ ने कहा कि , यह सम्मान प्रदेश की जनता की सेवा का परिणाम है। मैं सदैव जनहित और राष्ट्रहित में कार्य करता रहूंगा। यह पुरस्कार मुझे और अधिक जिम्मेदारी से कार्य करने की प्रेरणा देता है।यह सम्मान न केवल राठौड़ की व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि एक प्रेरणा है उन सभी जनप्रतिनिधियों के लिए जो लोकतंत्र को मजबूती देने के लिए समर्पित हैं।
इसी प्रकार पी पी चौधरी ने भी यह पुरस्कार अपने लोकसभा के आम जनता और कार्यकर्ताओं को समर्पित किया।