
मुंबई (अनिल बेदाग) : जब बात भारतीय फ़ैशन की आती है, तो मधुरिमा तुली सिर्फ़ खूबसूरती ही नहीं, बल्कि रूह भी लाती हैं। चाहे वो क्लासिक साड़ी हो, लहराता अनारकली हो, या शाही लहंगा, मधुरिमा हर पारंपरिक परिधान को एक ऐसी शान के साथ पहनती हैं जो कालातीत और बेहद निजी लगती है।
उन्हें सबसे अलग बनाती है उनकी हर लुक को सहजता से निभाने की कला। वो सिर्फ़ भारतीय परिधान ही नहीं पहनतीं। वो उन्हें पूरी तरह से अपना लेती हैं। उनकी शैली सादगी और परिष्कार का मिश्रण है। दिन के कार्यक्रम के लिए हल्के पेस्टल, शाम के लिए गहरे रत्नों के रंग, और ऐसे कपड़े जो उनके साथ दूसरी त्वचा की तरह घुल-मिल जाते हैं। हमेशा एक सोच-समझकर बनाया गया संतुलन होता है चमक और सूक्ष्मता के बीच, बोल्ड और ग्रेसफुल के बीच।
उनका मेकअप अक्सर कम से कम होता है। चमकती त्वचा, काजल से सजी आँखें, हल्का सा ब्लश और उनके एक्सेसरीज़ बहुत सोच-समझकर चुने जाते हैं। स्टेटमेंट इयररिंग्स, बालों में ताज़े फूल, या एक नाज़ुक बिंदी तस्वीर को पूरा करती है। लेकिन सबसे बढ़कर, उनकी मौजूदगी ही उनके लुक को पूरा करती है। जिस तरह से वह हल्के से मुस्कुराती हैं या शांत भाव से स्थिर खड़ी रहती हैं। वह हर फ्रेम में शांति, आत्मविश्वास और चरित्र लाती हैं।
रेड कार्पेट पर अपनी उपस्थिति से लेकर त्योहारों तक, मधुरिमा का भारतीय लुक सिर्फ़ फ़ैशन तक ही सीमित नहीं रहता। यह संस्कृति, स्त्रीत्व और आत्म-अभिव्यक्ति के साथ उनके गहरे जुड़ाव को दर्शाता है। उनके हर परिधान में परंपरा छिपी है। उनकी हर नज़र में भावनाएँ छिपी हैं। और यही बात मधुरिमा तुली को भारतीय परिधानों में हर बार सचमुच चमकदार बनाती है।