12 वर्षों में लगाने वाला विश्व का सबसे बड़ा व भव्य मेला होता है महाकुंभ

Maha Kumbh is the world's biggest and grandest fair which is held every 12 years

महाकुम्भ महामहोत्सव के 5500 करोड़ की परियोजनाओं की सौगात

विनोद कुमार सिंह

धन्य धन्य वह घरा जहाँ पतित पावनी गंगा,यमुना व सरस्वती सदियों से अपनी निर्मल निश्चल धारा निरंतर-र्निविघ्न बहते हुए कई संदेश हमें दे रही है।आज हमें महाकुम्भ के आयोजन स्थली तीर्थराज की नगरी प्रयागराज व त्रिवेणी(गंगा यमुना व सरस्वती )की संगम स्थली)भारतीय रेलवे के सौजन्य से मिला।मौका था प्रयागराज में महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा आयोजन। जहाँ स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी महाकुम्भ की पुर्व तैयारियों का जायजा लेने प्रयाग राज पहूँचे।इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि प्रयागराज की धरती पर एक नया इतिहास रचा जा रहा है।महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा आयोजन है।प्रयाग में पग-पग पर पवित्र स्थान हैं।

13 जनवरी से 26 फरवरी तक होने जा रहे महाकुंभ के सफल आयोजन की कामना करते हुए प्रयागराज में 5500करोड़ की राशि परियोजनाओं का लोकार्पण किया।इस अवशर पर उन्होंने कहा कि 3 महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा आयोजन है।महाकुम्भ के श्रद्धालुओं की सुविधाओं में सुधार और शहर के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के उद्देश्य से 5,500 करोड़ रुपये की प्रमुख विकास परियोजनाओं की शुभारम्भ किया। इनमें भारतीय रेलवे के कई परियोजनाओ मे वाराणसी- माधोसिंह-प्रयागराज खण्ड के दोहरीकरण परियोजना के अन्तर्गत झुसी स्टेशन-प्रयागराज खण्ड के दोहरी करण एवं विद्युतीकरण (गंगा नदी पर रेल पुल सहित)झुँसी स्टेशन गार्ड के निकट दोहरी लेन रोड अण्डर ब्रिज संख्या- 110,झुँसी रामनाथपुर स्टेशनों के मध्य समपार संख्या-66पर रोड़ ब्रिज एवं प्रयाग राज-रामबाग तथा झुँसी स्टेशनों पर बिस्तारित यात्री सुविधाओं का लोकापर्ण प्रधानमंत्री नें कियाइसके अलावे 9 नए घाट,3000 नई ट्रेन,तीन लाख पौधारोपण,300पार्क का जीर्णोद्धार,4000 हेक्टेयर में कराया जा रहा है।इसके पहले प्रधान मंत्री विधिवत तीर्थराज नगरी प्रयाग राज के संगम तट पर विधिवत पूजा अर्चना किया।

आपको बता दें कि आज की यह यात्रा गंगा,यमुना और सरस्वती नदियों के संगम की स्थली पर एक औपचारिक पूजा और दर्शन के साथ शुरू हुई।जैसा कि आप मालुम है कि12 साल में आयोजित होने वाला महाकुंभ अगले वर्ष प्रयागराज में 13 जनवरी (पौष पूर्णिमा)से 26फरवरी (महाशिवरात्रि)तक आयोजित किया जाएगा।ऐसे तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी को माँ गंगा से विशेष प्रेम है।तभी तो उनके व्यक्त थें- “मै यहाँ पर ना आया हूँ,मुझे तो गंगा माँ ने बुलाया है।वे गंगा की तट पर आयें “उनकी आर्शवाद ना लें।उन्होंने त्रिवेणी की पवित्र तट पर संगम स्थली पर विधिवत पूजा अर्चना ‘अक्षय वट वृक्ष स्‍थल पर पूजा उसके बाद लेटे हुए हनुमान मंदिर गए।उन्होंने फिर सरस्वती कूप में दर्शन व पूजा के बाद महाकुंभ प्रदर्शनी स्थल का भ्रमण किया और वहां मौजूद अधिकारियों से उसके बारे में जानकारी ली।इस अवशर पर ‘राम नाम बैंक’ के संयोजक प्रयागराज के आशुतोष वार्ष्णेय के अनुसार, महाकुंभ मेला अनुष्ठानों का एक भव्य आयोजन है।त्रिवेणी संगम पर लाखों तीर्थयात्री इस पवित्र अनुष्ठान में भाग लेने के लिए एकत्रित होते हैं।ऐसी मान्यता है कि पवित्र जल में डुबकी लगाने से व्यक्ति अपने सभी पापों से मुक्त हो जाता है,खुद को और अपने पूर्वजों को पुनर्जन्म के चक्र से मुक्त कर अंततः मोक्ष या आध्यात्मिक मुक्ति प्राप्त कर सकता है।वार्ष्णेय ने कहा कि स्नान अनुष्ठान के अलावा,तीर्थयात्री पवित्र नदी के तट पर पूजा भी करते हैं और विभिन्न साधुओं और संतों के नेतृत्व में ज्ञानवर्धक प्रवचनों में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। जन्म जन्मान्तरों के बढ़े पुण्य,वे चले महाकुंभ ‘