- भजन लाल सरकार द्वारा राइज़िंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट-2024 का भव्य आयोजन
- हर वर्ष 10 दिसम्बर को प्रवासी राजस्थान दिवस मनाने की घोषणा
- देश में सबसे पहले अंतरराष्ट्रीय प्रवासी सम्मेलन करने का श्रेय राजस्थान को ही जाता हैं….
- राजस्थान में अब तक हुए पांच अंतरराष्ट्रीय प्रवासी सम्मेलन
- अगला राइज़िंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट-2026 में होगा आयोजित,इससे पहले निवेश प्रस्तावों के क्रियान्वयन की दी जाएगी जानकारी
गोपेन्द्र नाथ भट्ट
राजस्थान की राजधानी गुलाबी नगरी जयपुर में विगत 9 से 11 दिसंबर तक निवेशकों का भव्य महाकुंभ आयोजित हुआ। प्रदेश की भजन लाल शर्मा सरकार ने जयपुर के सीतापुरा में स्थित एग्ज़िबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर (जेईसीसी) में राइज़िंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट-2024 का यह शानदार आयोजन किया। इसका भव्य उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया। प्रधानमंत्री मोदी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पीठ थपथपाने के साथ ही गजब का भाषण दिया जिसे सुन राजस्थान का ज्ञान रखने वाले लोग भी चकित रह गए। समापन समारोह में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान मुख्य अतिथि के रुप में मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 9 दिसम्बर को उद्घाटित इस समिट को केन्द्रीय मंत्री नितिन गड़करी,केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, केन्द्रीय खान एवं कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी, केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी , केन्द्रीय वन और पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव,प्रदेश के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े, सिक्किम के राज्यपाल ओम माथुर आदि ने भी संबोधित किया। उद्घाटन समारोह में राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी मौजूद रही। समिट के दूसरे दिन प्रवासी राजस्थानी दिवस का आयोजन हुआ। समिट में विभिन्न विषयों पर कुल 22 सत्रों का आयोजन किया गया। इस मौके पर विभिन्न प्रदर्शनियों का आयोजन किया गया जिसमें विश्व की मशहूर लग्जरी ट्रेन में शामिल राजस्थान की पैलेस ऑन व्हील्स ट्रेन के प्रदर्शन को देख सभी ने सराहा।
तीन दिवसीय इस भव्य आयोजन में विभिन्न देशों के राजनियिको, देश विदेश की नामी गरामी हस्तियों,जाने माने उद्योगपतियों, निवेशकों, प्रवासी राजस्थानियों, केन्द्र और राज्य सरकार के मंत्रीगणों,अन्य राजनेताओं, वरिष्ठ अधिकारियों और सुप्रसिद्ध कलाकारों आदि ने बड़ी संख्या में भाग लिया। राजस्थान सरकार ने इस समिट के लिए 35 लाख करोड़ के एमओयू किए जाने और उन्हें जमीन पर उतारने का दावा किया। इन एमओयू में ऊर्जा विशेष कर सोलर ऊर्जा से जुड़े प्रस्ताव सबसे अधिक हैं। मुख्यमंत्री भजन लाल की मंशा है कि राजस्थान की अर्थ व्यवस्था को अगले पांच वर्ष में दुगनी कर 350 बिलियन डॉलर (वर्तमान 15 ट्रिलियन से 30 ट्रिलियन ) तक पहुंचाया जाए ताकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत और भारत को विश्व की सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनाने के सपने को पूरा किया जा सके। मुख्यमंत्री शर्मा ने राजस्थान में औद्योगिक विकास को नई दिशा देने के अपने बिजन को राइजिंग राजस्थान समिट के तहत 32 देशों के निवेशकों को आकर्षित कर अमलीजामा पहलाने का प्रयास किया है जिसके फलस्वरूप 35 लाख करोड़ के एमओयू हुए है। राजस्थान सरकार ने एमएसएमई नीति-2024 और राजस्थान निवेश प्रोत्साहन नीति-2024 सहित 10 नीतियां जारी की हैं। इसके अलावा राजस्थान निर्यात संवर्धन नीति 2024 भी जारी की गई है। साथ ही एक जिला एक उत्पाद नीति 2024 लागू कर वोकल फोर लोकल को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।
समिट में भाग लेने आए मेहमान राजस्थान की मेहमान नवाजी, लजीज व्यंजनों, प्रदेश की कला,संस्कृति और दुल्हन से सटी जयपुर की खूबसूरती से अभिभूत हो गए। सांस्कृतिक संध्या में मशहूर कलाकारों और लोक कलाकारों द्वारा प्रदर्शित प्रस्तुतियों की मेहमानों ने मुक्त कंठ से प्रशंसा की।
राजस्थान में इससे पहले भी अंतरराष्ट्रीय प्रवासी और निवेश सम्मेलनों के आयोजन हुए है लेकिन भजन लाल सरकार द्वारा आयोजित यह आयोजन प्रदेश की पिछली सरकारों के मुकाबले इसलिए अलग था क्योंकि मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने इसे अपनी सरकार के कार्यकाल के पहले वर्ष में ही आयोजित करने का फैसला लिया जबकि पिछली सरकारों ने इसे अपने कार्यकाल के अंतिम वर्षों में आयोजित किया था जिसकी वजह से निवेश प्रस्तावों के अपेक्षित परिणाम निकल कर सामने नहीं आ पाए थे। पहले वर्ष में ही इस आयोजन के पीछे यह उद्देश्य बताया गया कि इससे समिट के लिए आए निवेश प्रस्तावों को अगले चार वर्षों में जमीन पर उतारने में आसानी होगी।
पिछले तीन दशकों में आर्थिक उदारीकरण के दौर में भारत के विभिन्न राज्यों ने अंतरराष्ट्रीय निवेशक सम्मेलनों के आयोजन किए जाते रहे हैं लेकिन देश में सबसे पहले अंतरराष्ट्रीय प्रवासी सम्मेलन आयोजित करने का श्रेय राजस्थान को ही जाता है। राजस्थान में सबसे पहले वर्ष 2000 में अशोक गहलोत ने जयपुर में अपने पहले मुख्यमंत्रित्व काल में ऐसा सम्मेलन आयोजित किया था और उसमें देश विदेश के सैकड़ों प्रवासी राजस्थानियों को आमंत्रित कर उनकी जोरदार मेहमानबाजी की गई थी। जयपुर के सिसोदिया रानी बाग में किए गए आतिथ्य सत्कार को आज भी प्रवासी याद करते हैं। गहलोत सरकार द्वारा आयोजित इस सम्मेलन की जोरदार सफलता के बाद भारत सरकार ने 2003 में देश में पहली बार प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन की शुरुआत की जो कि अनवरत आयोजित किया जा रहा है। पहले यह सम्मेलन राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में ही आयोजित किए जाते रहें लेकिन कालांतर में ये सम्मेलन देश के विभिन्न नगरों में होने लगे। इस कड़ी में राजस्थान को भी 2012 में अविस्मरणीय प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के आयोजन का सौभाग्य मिला। तदोपरांत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 2014 में केन्द्रीय सत्ता में आने के बाद उन्होंने भी सबसे पहले गुजरात की राजधानी गांधीनगर में यादगार प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का आयोजन किया। उल्लेखनीय है कि प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) भारत के विकास में प्रवासी भारतीय समुदाय के योगदान को चिह्नित करने के लिए 2003 से हर दो वर्षों में 9 और 10 जनवरी को मनाया जाता है।
राजस्थान में भी वर्ष 2000 से शुरु हुआ प्रवासी राजस्थानी सम्मेलन का सिलसिला प्रदेश की हर सरकार के कार्यकाल में अनवरत चल रहा है और इसी कड़ी में प्रदेश की भजन लाल शर्मा ने भी जयपुर में राइज़िंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट-2024 का भव्य आयोजन किया। इसके पूर्व वर्ष राजस्थान में 2007, 2012, 2015 और 2022 में भी अंतरराष्ट्रीय प्रवासी निवेश सम्मेलनों का आयोजन किए जा चुके है। इसमें 2012 में आयोजित प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन भी शामिल है।
राजस्थान में अंतरराष्ट्रीय निवेश सम्मेलनों का इतिहास
वर्ष 2000 में अशोक गहलोत सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में जयपुर में पहला अंतरराष्ट्रीय राजस्थानी सम्मेलन आयोजित किया था। इस सम्मेलन का उद्देश्य निवेश से अधिक प्रवासी राजस्थानियों को भावनात्मक रुप से अपनी मातृ भूमि से जोड़ना था। जयपुर के ऐतिहासिक सिसोदिया रानी का बाग में अतिथियों के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम को आज भी प्रवासियों द्वारा याद किया जाता है। इसके बाद साल 2007 में 30 नवम्बर से 1 दिसंबर तक वसुंधरा राजे सरकार ने भी जयपुर में अंतरराष्ट्रीय प्रवासी रिसर्जेंट राजस्थान पार्टनरशिप समिट 2007 का एक संस्करण आयोजित किया। वर्ष 2012 में 30 नवम्बर से 1 दिसंबर तक अशोक गहलोत की सरकार के अपने दूसरे कार्यकाल में केन्द्र सरकार द्वारा जयपुर में पहली बार प्रवासी भारतीय दिवस का भव्य आयोजन कराया ।
इसके बाद साल 2015 में 19 से 20 नवम्बर तक वसुंधरा राजे ने भी अपनी सरकार के दूसरे कार्यकाल में जयपुर के सीतापुरा स्थित जयपुर एग्ज़िबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर (जेईसीसी) में रिसर्जेंट राजस्थान पार्टनरशिप समिट 2015 का एक और संस्करण आयोजित किया। इसी तरह वर्ष 2022 में 7 से 8 अक्टूबर 2022 तक अशोक गहलोत ने अपनी सरकार के तीसरे कार्यकाल में भी जयपुर के सीतापुरा में जयपुर एग्ज़िबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर (जेईसीसी) में अंतर्राष्ट्रीय राजस्थानी सम्मेलन आयोजित किया ।
इसी क्रम में भजन लाल शर्मा सरकार द्वारा इस वर्ष 2024 में प्रदेश में छठी बार इस प्रकार का अंतरराष्ट्रीय प्रवासी सम्मेलन आयोजित किया है।इसे आयोजित करने का मकसद भी देश-विदेश में बसे हुए प्रवासी राजस्थानियों को अपने प्रदेश के साथ भावनात्मक रूप से जोड़ने के साथ ही देश विदेश की कंपनियों,अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं और निवेशकों को राज्य में आकर काम करने के लिए आमंत्रित करना है। यह समिट राजस्थान सरकार के उद्योग एवं वाणिज्य विभाग, ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन (बीआईपी), राजस्थान स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट एंड इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन (रीको) के साथ सी आई आई,फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडियन चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फ़िक्की), पीडब्ल्यूसी इंडिया आदि के साथ मिल कर आयोजित की गई।
राजस्थान में पहले आयोजित हुए प्रवासी सम्मेलनों और इस बार के प्रवासी सम्मेलन में फर्क यह है कि भजनलाल सरकार अपने शासन काल के पहले ही वर्ष में यह आयोजन किया हैं,जबकि प्रदेश की पिछली सरकारों ने लगभग सभी प्रवासी सम्मेलन अपने शासन काल के अन्तिम वर्ष में आयोजित किए थे। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा का मानना है कि अपने शासन के पहले ही वर्ष में सम्मेलन का आयोजन करने से राज्य सरकार को एमओयू और निवेश प्रस्तावों को धरातल पर लागू करने के लिए पूरे चार साल मिलेंगे तथा ऐसा होने से न केवल राजस्थान के विकास को नए पंख लगेगे वरन राज्य सरकार की विश्वसनीयता और प्रदेश की साख बढ़ेगी।
इस समिट को सफल बनाने के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, उद्योग मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह तथा मंत्रिपरिषद के अन्य मंत्री गण और प्रदेश के मुख्य सचिव सुधांश पंत तथा अन्य अधिकारियों ने देश विदेश में रोड शो आयोजित कर इस समिट के लिए देश विदेश में बसे प्रवासियों और निवेशकों को जयपुर आमंत्रित किया। समिट के लिए निवेशकों को आकर्षित करने के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जर्मनी और ब्रिटेन में लंदन के साथ दक्षिणी कोरिया और जापान की यात्रा भी की। इसके अलावा प्रदेश के दोनों उप मुख्यमंत्रियों दिया कुमारी और डॉ प्रेम चंद बैरवा तथा उद्योग मंत्री कर्नल राज्य वर्धन सिंह राठौड़ तथा प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी देश विदेश की यात्राएं कर निवेशकों को आमंत्रित किया । भजनलाल सरकार ने प्रदेश के इतिहास में पहली बार विभिन्न देशों में प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों को नियुक्त कर प्रवासियों से अनवरत संपर्क रखने की स्थाई व्यवस्था की है। मुख्यमंत्री शर्मा ने इस समिट को अपना ड्रीम प्रोजेक्ट बनाया। समिट को सफल बनाने में राज्य के मुख्य सचिव सुधांश पंत,वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) अखिल अरोरा, वन एवं पर्यावरण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव अपर्णा अरोड़ा, ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आलोक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह, उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव अजिताभ शर्मा, राजस्थान फाउंडेशन की आयुक्त डॉ मनीषा अरोड़ा तथा अन्य संबंधित विभागों के प्रमुख एवं सचिव आदि का उल्लेखनीय योगदान रहा और राज्य के पुलिस महानिदेशक उत्कल रंजन साहू के नेतृत्व में सुरक्षा के चाक चौबंद प्रबंध किए गए ।
गुलाबी नगरी जयपुर में आयोजित इस मेगा इवेंट में सऊदी अरब के उप मंत्री शेख अब्दुल मजीद फलाह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमण्डल के साथ ही वर्ल्ड बैंक के कंट्री हैड ऑगस्ट तानो कुआमे भी शामिल हुए। इनके अलावा कई धन कुबेरो में महिन्द्रा ग्रुप के चेयरमैन आनन्द महिन्द्रा, अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी, वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल, आईटीसी ग्रुप के चेयरमैन संजीव पुरी, श्री सीमेंट के एमडी हरिमोहन बांगड, तक्षशिला हेल्थ केयर रिसर्च सर्विसेज की चेयरमैन गीताजंली किर्लोस्कर, जेसीबी के एमडी दीपक सेठी,अवाडा पावर के चेयरमैन विनीत मित्तल, टाटा पॉवर के एमडी डॉ. प्रवीर सिन्हा, टाटा केमिकल्स के एमडी आर. मुकुन्दन, टीवीएस के एमडी सुदर्शन वेणु, डीसीएम श्रीराम के एमडी अजय श्रीराम, अपोलो हॉस्पिटल की एमडी सुनीता रेड्डी, जेके सीमेंट के एमडी माधव सिंघानिया, हिन्दुजा ग्रुप के चेयरमैन अशोक हिंदुजा, गोदरेज इंडस्ट्रीज के चेयरमैन नादिर गोदरेज, वॉल्वो के एमडी कमल बाली, अंबुजा सीमेंट के चेयरमैन हर्षवर्धन निवेदिया, विप्रो ग्रुप के रिशाद प्रेमजी, भारतीय एयरटेल के वाइस चेयरमैन राकेश भारती मित्तल और एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक के चेयरमैन संजय अग्रवाल के साथ ही प्रवासी उद्योगपति एन. सेठिया ग्रुप ऑफ कम्पनीज (यूके) के फ़ाउण्डर एवं चेयरमैन श्री निर्मल कुमार सेठिया,राजस्थान बिजनेस एवं प्रोफ़ेशनल्स ग्रुप (दुबई) के चेयरमैन अशोक ओढरानी ,सीजी कार्प ग्रुप के चैयरमैन एवं नेपाल के संसद सदस्य डॉ. बिनोद चौधरी,पीरामल ग्रुप के चेयरमैन अजय पीरामल आदि के नाम विशेष उल्लेखनीय हैं। उद्घाटन समारोह में वेदांता समूह के संस्थापक अनिल अग्रवाल, अडानी पोर्ट्स एण्ड स्पेशल इकॉनॉमिक जोन के प्रबंध निदेशक शकरण अडानी,आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमारमंगलम बिड़ला और महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति ने अपने विचार भी रखें। देश विदेश से आए ये सभी मेहमान राजस्थान के शानदार आतिथ्य सत्कार ,सोनू निगम, रवींद्र उपाध्याय और मैत्रेई पहाड़ी तथा राजस्थानी कलाकारों द्वारा प्रस्तुत मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रमों, मीठी मनुहार के साथ परोसे गए विविध स्वादिष्ट व्यंजनों तथा दुल्हन से सजे जयपुर की सुंदर सजावट तथा पर्यटन स्थलों को अवलोकन करने के पश्चात राजस्थान की अविस्मरणीय यादों को दिल में समेटे पुनः आने के वायदे के साथ विदा हुए।
सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रदेश के सर्वोच्च सिविल अवार्ड राजस्थान रत्न से सम्मानित के सी मालू का कहना है कि इंद्रधनुषी संस्कृति वाले राजस्थान की कला,संस्कृति,गीत एवं संगीत ,तीज त्यौहार और धरोहरें बेजोड़ है। प्रदेश की राजधानी पिंक सिटी के साथ ही प्रदेश के अन्य ऐतिहासिक नगर ब्लू सिटी, सन सिटी, लेक सिटी आदि नाम से देश-विदेश में मशहूर हैं। कितने ही पर्यटन स्थलों को विश्व विरासत में स्थान मिल चुका है। इनके सतत संरक्षण एवं संवर्धन ने पर्यटन उद्योग के लिए संजीवनी बूटी का काम किया और राज्य ने विश्व पर्यटन मानचित्र पर विशिष्ट पहचान बनाई हैं। बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग और फिल्मी सितारों की डेस्टिनेशन वेडिंग ने प्रदेश के कई स्थलों को पर्यटन मानचित्र पर नई ऊंचाइयां प्रदान की हैं। हालांकि पर्यटन प्रदेश का सबसे महत्त्वपूर्ण क्षेत्र है, लेकिन राइजिंग राजस्थान निवेशक सम्मेलन को राजस्थान की कृषि, हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट, खनिज, सौर एवं पवन ऊर्जा, कौशल, उद्यमशीलता और क्लस्टर मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में निवेश जुटाने की दिशा में और अधिक प्रयास करने चाहिए जिससे अधिक रोजगार पैदा करने वाली कंपनियों के लिए विशेष प्रोत्साहन और निवेश का रास्ता बने तथा मारवाड़ी,शेखावाटी, मेवाड़ी बीकाणा ब्रज सहित राज्य के सभी अंचलों के प्रवासी राजस्थानी और विदेशी उद्यमी प्रदेश में निवेश के लिए किसी औपचारिक आमंत्रण की प्रतीक्षा न करें।
राजस्थान क्षेत्रफल के लिहाज से देश का सबसे बड़ा राज्य है। यहां औद्योगिक विकास की खूब संभावनाएं हैं। धरती धोरां री के धोरों में जहां एक ओर अपार खनिज, तेल और गैस के अकूत भंडार हैं तो वहीं दूसरी ओर यहां सौर और पवन ऊर्जा के लिए भी अनंत संभावनाएं हैं । हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट के हुनर के साथ प्रदेश में रंग-बिरंगे परिधानों के लिए कपास एवं ऊन भी खूब है। मिलेट और मसालों से बने स्वादिष्ट व्यंजन तथा मुंह का जायका बढ़ाने वाली यहां की मिठाइयां देश ही नहीं दुनिया भर में मशहूर हैं। कृषि योग्य जमीन भी यहां खूब है और कृषि आधारित उद्योगों की काफी संभावनाएं हैं l जब प्रकृति का आशीर्वाद मिले तो बस उद्यमियों का साथ में आना बहुत जरूरी है, फिर उस क्षेत्र की प्रगति को कोई नहीं रोक सकता। इसी उद्यमशीलता को नई ऊर्जा देने के लिए निवेश, आर्थिक प्रोत्साहन, व्यावसायिक कौशल, सुशासन और सबसे अधिक जिस चीज की आवश्यकता है, वह है ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’। प्रदेश में व्यापारियों एवं उद्यमियों को अगर अनुकूल परिस्थितियां मिलती हैं तो निवेशक स्वयं आकर्षित होते हैं। इसी अवधारणा के साथ भजन लाल सरकार नेवअपने शासन के पहले ही कार्यकाल में यह मेगा इवेंट आयोजित किया हैं। राजस्थान जिंक और लेड का एक मात्र उत्पादक राज्य है,मार्बल और लाइमस्टोन का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है, ग्रेनाइट, पोटाश के सबसे बड़े रिजर्व यहां हैं, कच्चे तेल का दूसरा बड़ा उत्पादक राज्य है,राजस्थान 22860.73 मेगावाट की स्थापित क्षमता के साथ सौर ऊर्जा में प्रथम स्थान पर है तथा यहां वर्ष में 365 दिन साफ धूप वाले होते हैं। यह सरसों, बाजारा और मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक प्रदेश है,मेडिसनल क्रॉप्स का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य भी है। दूध उत्पादन में भी राजस्थान देश में दूसरे नंबर पर है तथा विश्व का सबसे बेहतरीन पर्यटन स्थलों का प्रदेश तो है ही। मालू का मानना है कि राज्य सरकार को राजस्थान की विषद जानकारी रखने वाले व्यक्तियों का ऐसे सम्मेलनों के आयोजनों में सक्रिय सहयोग लेना चाहिए।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने घोषणा की है कि प्रदेश में हर वर्ष 10 दिसम्बर को प्रवासी राजस्थान दिवस मनाया जाएगा । साथ ही अगला राइज़िंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट-2026 में आयोजित होगा । इससे पहले निवेश प्रस्तावों के क्रियान्वयन की दी जाएगी जानकारी आम आवाम को दी जायेगी। उम्मीद है राजस्थान में आयोजित निवेशकों का यह कुंभ अपने उद्देश्यों में सफल होकर प्रदेश की प्रगति में मील का एक नया पत्थर साबित होगा।