महाकुंभ-2025 : प्रयागराज के नगर देवता श्री वेणी माधव के मंदिर का कायाकल्प करेगी योगी सरकार

Mahakumbh-2025: Yogi government will rejuvenate the temple of city deity Shri Veni Madhav of Prayagraj

  • पर्यटन विभाग की तरफ से 209.35 लाख की लागत से मिलेगा मंदिर को भव्य स्वरूप
  • सौर ऊर्जा से जगमग होगा मंदिर, श्रद्धालुओं को मिलेगी विशेष सुविधाएं

रविवार दिल्ली नेटवर्क

प्रयागराज : तीर्थराज प्रयाग में आयोजित होने जा रहा महाकुंभ सनातन संस्कृति और हिंदू धर्म का सबसे बड़ा धार्मिक एवं आध्यात्मिक आयोजन है। योगी सरकार इसे भव्य, दिव्य और नव्य बनाने के लिए विशेष तौर पर यहां के मंदिरों का कायाकल्प कर रही है। इसी क्रम में पर्यटन विभाग की तरफ से भगवान श्री वेणी माधव मंदिर का कायाकल्प किया जा रहा है। इसके लिए योगी सरकार 209.35 लाख की धनराशि खर्च करेगी। वहीं मंदिर में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए दो बड़े द्वार भी बनाए जा रहे हैं।

महाकुंभ में नगर देवता के मंदिर को मिलेगा नव्य स्वरूप
महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र प्रयागराज का संगम है। यहां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की पावन धारा की इस त्रिवेणी में स्नान से मुक्ति की कामना के लिए यहां करोड़ों श्रद्धालु आते हैं। धार्मिक मान्यता है कि मुक्ति और पुण्य प्राप्ति की यह कामना तब तक पूरी नहीं होती जब तक प्रयाग के नगर देवता श्री बेनी माधव के दर्शन श्रद्धालु न कर लें। गंगा किनारे दारागंज स्थित प्राचीन मंदिर में महाकुंभ के दौरान पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए योगी सरकार ने इसके कायाकल्प का संकल्प लिया है। प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि पर्यटन विभाग 209.35 लाख की लागत से इस पौराणिक मंदिर का कायाकल्प करेगा। इसके लिए 205.35 लाख की धनराशि स्वीकृत हो चुकी है। प्रथम किस्त के रूप में 164.00 लाख का बजट शासन ने जारी भी कर दिया है। टेंडर की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। नवंबर के अंतिम सप्ताह तक यह कार्य पूरा कर लिया जाएगा।

सौर ऊर्जा से जगमग होगा मंदिर, बढ़ेंगी बुनियादी सुविधाएं
श्री वेणी माधव के मंदिर की अवस्थिति ऐसी है कि यहां पहुंचने के लिए संकरे मार्ग होने की वजह से प्रायः जाम की स्थिति बन जाती है। शहर की सबसे पुरानी आवासीय बस्ती होने की वजह से मार्ग भी चौड़े नहीं किए जा सकते। ऐसे में पर्यटन विभाग मंदिर के लिए दो बड़े द्वार बनवा रहा है। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह के मुताबिक यहां 3 मीटर और 5 मीटर लंबाई के दो प्रवेश द्वार बनाए जा रहे हैं, जिससे मंदिर परिसर में भीड़ एकत्र न हो सके। श्रद्धालुओं के विश्राम के लिए यहां यात्री शेड का भी निर्माण किया जा रहा है। मंदिर के अंदर पेयजल के लिए आरओ प्लांट लगाया जायेगा। मंदिर की बाहर की दीवारों की क्लैडिंग रेड स्टोन से की जाएगी। मंदिर सौर ऊर्जा से जगमग होगा, इसके लिए भी यहां विशेष व्यवस्था की जा रही है।