महाराष्ट्र और झारखंड राज्यों की विधानसभाओं के साथ देश के 15 राज्यों की 48 विधानसभा सीटों तथा दो लोकसभा सीटों पर हुए उप चुनावों में किसके सिर पर ताज होगा इसका फैसला शनिवार को परिणाम आने के बाद ही ज्ञात हो सकेगा ?
गोपेन्द्र नाथ भट्ट
देश के सबसे समृद्ध प्रदेश महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों और आदिवासी बहुल झारखंड की 81 विधानसभा सीटों के चुनाव के साथ ही 15 राज्यों की 48 विधानसभा और दो लोकसभा सीटों केरल की वायनाड और महाराष्ट्र की नांदेड़ लोकसभा सीट पर हुए उप चुनाव की शनिवार को होने वाली मतगणना पर पूरे देश की नजर रहेंगी। इन सीटों पर विभिन्न चरणों में हुए मतदान की प्रक्रिया 20 नवम्बर को पूर्ण हुई है।
देश के 15 राज्यों की 48 विधानसभा सीटों पर हुए उप चुनावों में असम की 5 (ढोलाई, सिदली, बोंगाईगांव, बेहाली, सामगुरी), बिहार की 4 (रामगढ़, तरारी, इमामगंज और बेलागंज), छत्तीसगढ़ की रायपुर दक्षिण, गुजरात की वाव, कर्नाटक की शिगगांव, संदूर, चन्नापटना, केरल की 2 विधानसभा पलक्कड़ और चेलक्कारा और एक लोकसभा (वायनाड), मध्य प्रदेश की बुधनी और विजयपुर, मेघालय की एक गमबेग्रे, पंजाब की 4 (गिद्दड़बाहा, डेरा बाबा नानक, बरनाला, चब्बेवाल) राजस्थान की 7 (चोरासी, दौसा, खिंवसर, देवली-उनियारा, सलूम्बर, रामगढ़, झुंझुनू), सिक्किम की दो (सोरेंग-चाकुंग, नामची-सिंघीथांग, यूपी की 9 ( मीरापुर, कुंदरकी, गाजियाबाद, खैर, करहल, फूलपुर, कटेहरी, मझवां, सीसामुऊ). उत्तराखंड की एक केदारनाथ और पश्चिम बंगाल की तालडांगरा, हाओरा, सीताई-नैहाटी, मेदिनीपुर, मदारीहाट सीटें शामिल हैं।
लोकसभा की दो सीटों केरल की वायनाड और महाराष्ट्र की नांदेड़ लोकसभा सीट पर हुए उप चुनाव की मतगणना पर भी सबकी नजर इसलिए है कि वायनाड लोकसभा सीट पर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी चुनाव लड़ रही है। यह सीट कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के त्यागपत्र देने से खाली हुई थी।प्रियंका गांधी अपने जीवन का पहला चुनाव लड़ रही हैं। राहुल गांधी पिछले लोकसभा चुनाव में उत्तरप्रदेश में गांधी परिवार की परम्परागत सीट रायबरेली से भी लोकसभा सीट से निर्वाचित हुए इसलिए नियमानुसार उन्हें त्यागपत्र देकर वायनाड सीट रिक्त करनी पड़ी। रायबरेली से सोनिया गाँधी चुनाव लड़ती आई है लेकिन इस बार वे राजस्थान से राज्यसभा के रास्ते संसद पहुंची है। महाराष्ट्र की नांदेड़ लोकसभा सीट कांग्रेस की परम्परागत सीट मानी जाती है और लोकसभा चुनाव से पहले अशोक चव्हाण के कांग्रेस से भाजपा में शामिल हो जाने के बावजूद कांग्रेस ने अपना यह गढ़ बचाया था लेकिन इस उप चुनाव में भाजपा कांग्रेस के इस गढ़ को ध्वस्त करना चाहती है।
कुल मिला कर चुनाव परिणाम काफी दिलचस्प रहने वाले है।
भौगोलिक दृष्टि से देश के सबसे बड़े राज्य राजस्थान में विधानसभा की सात सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे भी शनिवार को सुबह 8 बजे से आना शुरू होंगे। ईवीएम मशीनों से इन सभी सात सीटों पर 69 उम्मीदवारों के किस्मत का फैसला होगा। कुछ हॉट सीटों पर सबकी नजरे गढ़ी रहने वाली हैं। निर्वाचन विभाग ने मतगणना की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। विभिन्न सरकारी और मीडिया समूहों ने उपचुनाव की सभी सीटों के परिणाम के लाइव अपडेट्स देने की तैयारियां भी की हैं। राजस्थान में विधानसभा की 7 सीटों के लिए मतदान 13 नवंबर को संपन्न हुए थे। उसमें दौसा,झुंझुनूं, टोंक जिले की देवली-उनियारा, नागौर जिले की खींवसर, अलवर की रामगढ़,डूंगरपुर जिले की चौरासी और सलूंबर सीटें शामिल है।
निर्वाचन आयोग की जानकारी के मुताबिक राजस्थान की इन सीटों पर 65 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाला। सबसे अधिक 75.8 प्रतिशत मतदान खींवसर सीट पर और सबसे कम 62.45 प्रतिशत दौसा में हुआ । इसके अलावा रामगढ़ में 75.37 प्रतिशत, चौरासी में 75.37 प्रतिशत, सलूंबर में 67.98 प्रतिशत, झुंझुनूं में 66.35 प्रतिशत और देवली उनियारा सीट पर 65.51 प्रतिशत मतदान हुआ। प्रदेश की पांच सीटों पर त्रिकोणीय और दो पर भाजपा तथा कांग्रेस में सीधा मुकाबला हुआ। इन उप चुनावों के परिणामों को लेकर कांग्रेस पर लोक सभा चुनाव के परिणामों को दोहराने का दबाव है तो क्षेत्रीय दल के तौर पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी और बाप के लिए अपना सियासी वजूद बचाने की लड़ाई है,साथ ही सबसे बड़ी परीक्षा भाजपा के लिए हैं क्योंकि 11 महीने पुरानी राजस्थान की भजनलाल सरकार के लिए ये उपचुनाव लिटमस टेस्ट की तरह देखे जा रहे हैं।देखा जाये तो इन सभी 7 सीटों पर कड़ी टक्कर है, लेकिन 5 सीटों खींवसर, चौरासी, सलूंबर, झुंझुनू और देवली उनियारा सीट त्रिकोणीय मुकाबला नजर आ रहा है,जबकि दौसा और रामगढ़ विधानसभा सीट पर बीजेपी-कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है।
प्रदेश की हॉट सीट जिसपर सबकी नजर हैं उनमें चर्चित चेहरों में दौसा विधानसभा सीट पर डॉ किरोड़ी लाल मीणा के भाई जगन मोहन मीणा मैदान में है तो खींवसर विधानसभा सीट पर आरएलपी के सुप्रीमों सांसद हनुमान बेनीवाल की पत्नी कनिका बेनीवाल की वजह से चर्चा में है। आदिवासी बेल्ट की चौरासी सीट पर राजस्थान में तेज़ी से उभरने वाली बाप पार्टी के प्रमुख सांसद राजकुमार रोत के सामने भी अपने गढ़ को बचाने की चुनौती है। एस डी एम थप्पड़ कांड के बाद देवली उनियारा सीट के परिणामों पर भी सबकी नज़रें टिकी हुई हैं।
झुंझुनूं में मुख्य रुप से राजेंद्र भांबू (बीजेपी)- अमित ओला (कांग्रेस)- राजेंद्र गुढ़ा (निर्दलीय) के मध्य तो खींवसर में रेवंत राम (बीजेपी)- रतन चौधरी (कांग्रेस)- कनिका बेनीवाल (आर एल पी ) तथा चौरासी में कारीलाल ननोमा (बीजेपी)- महेश रोत (कांग्रेस),अनिल कटारा (बाप) और सलूंबर में शांता देवी (बीजेपी),रेशमा मीणा (कांग्रेस) और जीतेश कटारा (बाप) एवं देवली-उनियारा में राजेंद्र गुर्जर (बीजेपी), केसी मीणा (कांग्रेस) तथा नरेश मीणा (निर्दलीय) के मध्य त्रिकोणीय संघर्ष है। वहीं 2 सीटों पर बीजेपी-कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर है जहां दौसा सीट पर जगमोहन मीणा (बीजेपी) एवं दीनदयाल बैरवा (कांग्रेस) तथा रामगढ़ में सुखवंत सिंह (बीजेपी) और आर्यन जुबेर खान (कांग्रेस) ने अपना भाग्य अजमाया हैं।
मतदान के बाद आए एग्जिट पोल में दावा किया गया कि भाजपा को सात में से 4 से 5 और कांग्रेस और अन्य को 1से 2 सीटों पर विजय मिल सकती है।फलोदी सट्टा बाजार के ताजा आकलन के हिसाब से प्रदेश की दौसा, देवली-उनियारा, झुंझुनूं, खींवसर और सलूंबर सीटें भाजपा के खाते में जा सकती हैं। वहीं, रामगढ़ सीट कांगेस और चौरासी सीट भारत आदिवासी पार्टी (बाप) के खाते में जा सकती है।
फलोदी सट्टा बाजार के आकलन की मानें तो राज्य की 7 सीटों में कांग्रेस पार्टी के खाते में केवल 1 सीट मिलती हुई दिख रही है। वहीं अन्य के खाते में भी 1 सीट जाने का ही दावा किया जा रहा है। अगर परिणाम इसी अनुरूप आते हैं तो कांग्रेस पार्टी को तीन सीटों का नुकसान होने जा रहा है। वहीं, खींवसर में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) को झटका लग सकता है। क्योंकि उप चुनाव होने से पहले इन सात सीटों में से चार कांग्रेस के पास थी, वहीं एक-एक सीट भाजपा, आरएलपी और बाप (बीएपी) के पास थी।
हालांकि असली चुनाव परिणामी की जानकारी शनिवार को मतगणना के बाद ही मिल सकेगी।
इस तरह राजस्थान में सात सीटों पर हुए उपचुनाव के रिजल्ट का काउंटडाउन शुरू हो गया है। मतगणना में सबसे पहले डाक मतपत्रों की गिनती शुरू होगी। इसके बाद ईवीएम के मतों को गिना जाएगा। राजस्थान में विधानसभा उपचुनाव के रिजल्ट की घड़ी नजदीक आ गयी है और कुछ समय के इंतजार के बाद सात विधानसभा सीटों पर किसके सिर पर ताज होगा इसका फैसला शनिवार को उपचुनाव का परिणाम आने के बाद ही ज्ञात हो सकेगा ?