
पीड़ित प्रवासी राजस्थानियों को समुचित सहायता दिलाने का आग्रह किया
गोपेन्द्र नाथ भट्ट
नई दिल्ली/जयपुर : गुजरात के औद्योगिक नगर सूरत के कपड़ा मार्केट में भीषण आग लगने की दुर्घटना को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल और केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल से वार्ता कर प्रवासी राजस्थानियों को समुचित सहायता दिलाने का आग्रह किया। सूरत कपड़ा मार्केट में हाल ही भीषण आग लगने की दुर्घटना में एक व्यापारी की मृत्यु के साथ ही 800 राजस्थानियों की दुकानें जलने से करोड़ों रु का नुकसान हुआ हैं।
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा,भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ,पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनियां,पूर्व मंत्री राजेन्द्र राठौड़, विधानसभा में सरकारी सचेतक जोगेश्वर गर्ग, पाली के सांसद पीपी चौधरी समेत कई अन्य नेताओं ने भी केन्द्र एवं गुजरात सरकार से पीड़ित व्यापारियों को आर्थिक सहायता दिलाने का आग्रह किया हैं।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राजस्थानियों को हुए भारी नुकसान पर केन्द्रीय मंत्री पाटिल और गुजरात के मुख्यमंत्री पटेल सेका ध्यान आकर्षित कर घटना से पीड़ित प्रवासी राजस्थानियों को आर्थिक सहायता दिलाने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री शर्मा ने अपने सोशल एकाउंट एक्स पर पोस्ट में लिखा कि सूरत के शिव शक्ति टेक्सटाइल मार्केट में लगी आग से प्रवासी राजस्थानी समुदाय को हुई आर्थिक क्षति की सूचना बहुत दुःखद है।
सूरत हादसे पर राजस्थान बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हम व्यापारियों के साथ हैं। हमारे मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा भी गुजरात सरकार के संपर्क में हैं और शीघ्र वहां जाएंगे।
1500 करोड़ का नुकसान हुआ
मदन राठौड़ ने कहा कि सूरत हादसा दुर्भाग्य जनक है। राजस्थान के व्यापारियों को बहुत हानि हुई है। हम पीड़ित परिवारों के साथ खड़े हैं। राज्य के व्यापारियों ने बहुत मेहनत से ये प्रतिष्ठान खड़े किए थे। आगजनी की घटना से उन्हें बहुत नुकसान पहुंचा है। मैं खुद उस इमारत में जा चुका हूं। राजस्थानी व्यापारियों को करीब 1500 करोड़ का नुकसान हुआ है। लेन देन का पूरा रिकॉर्ड भी जल गया। हम उन्हें हर संभव मदद करेंगे। वैसे व्यापारियों को भी सेफ्टी मेजर्स का ध्यान रखना चाहिए। राजस्थान में भी ऐसी इमारतों को लेकर सेफ्टी मेजर्स का ध्यान रखना होगा। संबंधित विभाग इस बारे में गंभीरता बरते।