हरनंदी को अविरल और निर्मल करना भी पुण्य का काम है : अरविन्द भाई ओझा

Making Harnandi uninterrupted and clean is also a virtuous act: Arvind Bhai Ojha

दीपक कुमार त्यागी

गाजियाबाद : दर्शना देवी फाउंडेशन ट्रस्ट की सहायतार्थ हनुमान कथा प्रारम्भ हुई कथा से पूर्व बड़ी संख्या में माता बहनें उपस्थित हुई और संकीर्तन करते हुए कलश यात्रा निकली गयी जो कथा स्थल से प्रारम्भ होकर विभिन्न मार्गो से होते हुए कथा स्थल पर समाप्त हुई । कथा व्यास अरविन्द भाई ओझा ने हनुमान कथा पर प्रकाश डालते हुए कहा आज गंगा सप्तमी के दिन कथा प्रारंभ हो रही है और भारत में सभी नदियों को गंगा कहा जाता है इसलिए हम गाजियाबाद के लोगों का कर्तव्य है कि वह हरनंदी( हिंडन )को भी अविरल और निर्मल करने में अपना योगदान दे यह भी अपने आप में पुण्य कार्य है जब हम पर परमात्मा की अतिकृपा होती है और जन्मजन्मांतर के पुण्य जाग्रत होते हैं तभी हम कथा सत्संग में पहुंच पाते हैं। इन कथाओं में संतों सज्जनों के सानिध्य में हमारा विवेक जाग्रत होता है जिससे बुद्धि अच्छे और बुरे का भेद कर पाती है।

हर व्यक्ति में अच्छाई और बुराई दोनों होती है लेकिन कथाओं में आने से हमारे जीवन की भक्ति जागृत होती है और भक्ति करने से हमारा विवेक जाग्रत होता है जीवन में अच्छाईयां बढने लगती है ।

जिस प्रकार हीरा और कोयला एक ही स्थान पर पैदा होते हैं पर अपने अपने गुणों के कारण हीरा मुकुट की शोभा बढ़ाता और कोयला जल कर नष्ट हो जाता इसलिए परमात्मा ने हमें मनुष्य जीवन अनमोल दिया है जिसे हमें भक्ति के तराश कर हीरा बनाना चाहिए।

भगवान शिव की कृपा से ही श्री राम जी की भक्ति प्राप्त होती है शिव की भक्ति करने से स्वतः ही राम जी की कृपा प्राप्त होती है|

आगे बोलते हुए उन्होंने कहा की :-
मनुष्य को अपने जीवन में भावना को बढ़ाना चाहिए | मनुष्य के जीवन में भावना जगने से ही मानवता जगती है और भावना समाप्त होने से यही मानव दानव बन जाता है |

किसी भी व्यक्ति को जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए उसके जीवन में उत्साह और द्रढ़ इक्छाशक्ति होनी चाहिए और परमात्मा व गुरु पर श्रद्धा और विश्वास होना चाहिए। इनके बल पर ही व्यक्ति असभव कार्य को भी सम्भव कर सकता है। हनुमान जी ने जीवन में जो तप किया है उसी के कारण उनकी कथा अमृत कथा हो गयी। राम नाम की चर्चा राम नाम की चर्चा करते हुए कहा कि राम ने तो केवल एक-एक व्यक्ति को तारा लेकिन राम के नाम ने कोटी कोटि लोगों को भवसागर से पर किया है इसलिए राम के जीवन के चरित्र का अनुसरण हमें जीवन में करना चाहिए।

कथा व्यास जी ने कहा कि हमें अपने परिवार ,समाज ,धर्म व राष्ट्र की सेवा निस्वार्थ भाव से ये भगवान की सेवा ऐसा मानकर करनी चाहिए मानस में भगवान शंकर ने पार्वती जी से कहा है जो लोग निस्वार्थ सेवा और प्रेम करते है भगवान उनकी प्रशंसा स्वयं अपने मुख से करते है |

आज कथा में मुख्य यजमान राजीव धीर, संजीव धीर परिवार सहित रहे। अन्य लोगों में भानु सिसोदिया, मयंक गोयल, सुनील तिवारी, देशबंधु गुप्ता, अमर, कृष्ण, महंत जीवन ऋषि, विष्णु दुबे आदि उपस्थित रहे।