संदीप ठाकुर
सीबीआई ने दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के दूसरे नंबर के
नेता मनीष सिसोदिया से कथित शराब घोटाले में पूछताछ की। इसके विरोध में
आप के नेताओं की पूरी फौज सीबीआई दफ्तर के बाहर जमा हाे धरने पर बैठ गई।
उनका आरोप है कि बीजेपी को गुजरात विधानसभा चुनाव में आप के हाथों बुरी
तरह पराजित होने का डर सता रहा है, इसलिए वह आप के खिलाफ साजिश रच रही
है। वहीं, बीजेपी ने पलटवार में तीन नाम गिना दिए और कहा कि इन तीनों ने
भी आरोप लगने पर साजिश रचे जाने का आरोप लगाया था, लेकिन आज तीनों जेल
में हैं।
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि नवाब
मलिक, संजय राउत और सत्येंद्र जैन भी खुद को पाक साफ बता रहे थे, लेकिन
उनमें किसी को अब तक जमानत नहीं मिल पाई है। पात्रा ने नेशनल हेराल्ड केस
में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से सीबीआई की पूछताछ के विरोध
में कांग्रेसियों के धरना-प्रदर्शन की भी याद दिलाई। उन्होंने कहा कि
इससे पहले जब नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को
बुलाया गया था तब ठीक इसी प्रकार की ‘नौटंकी’ कांग्रेस ने की थी।
उन्होंने मनीष सिसोदिया के सीबीआई दफ्तर जाते वक्त तिरंगा लहराने और आप
कार्यकर्ताओं के साथ रोड शो जैसा नजारा पेश करने को ‘जश्न-ए-भ्रष्टाचार’
बताया।
सीबीआई ने अगस्त 2017 में सत्येंद्र जैन और उनकी पत्नी पूनम जैन समेत कुल
छह आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। सीबीआई ने एफआईआर में कहा
था कि जैन ने 14 फरवरी, 2015 से 31 मई, 2017 के बीच दिल्ली सरकार में
मंत्री के पद पर रहते हुए आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित की
है। फिर एजेंसी ने 30 मई को सत्येंद्र जैन को धन शोधन विरोधी कानून के
तहत गिरफ्तार कर लिया। उन पर चार कंपनियों के जरिए पैसे की हेराफेरी करने
का आरोप है। इसी केस की जांच के सिलसिले में ईडी ने 6 जून को सत्येंद्र
जैन और उनके सहयोगियों के ठिकानों पर छापेमारी की और 2.85 करोड़ रुपये की
नकदी और सोने के 133 सिक्के जब्त किए। फिर ईडी ने 1 जुलाई को जैन के दो
सहयोगियों वैभव जैन और अंकुश जैन को भी गिरफ्तार कर लिया था। ईडी ने
सत्येंद्र जैन के खिलाफ 27 जुलाई को चार्जशीट दायर की। इसमें एजेंसी ने
10 लोगों को नामजद आरोपी बनाया जिनमें एक सत्येंद्र की पत्नी पूनम जैन भी
हैं। सत्येंद्र जैन को साढ़े चार महीनों से भी ज्यादा वक्त से जमानत भी
नहीं मिल पाई है और तब से वो जेल में हैं।
तत्कालीन शिवसेना (अब शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत
जब पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय की ऑफिस जा रहे थे तब उनके घर का
नजारा कुछ वैसा ही था, जैसा कि आज मनीष सिसोदिया के घर दिखा। वह तारीख 31
जुलाई, 2022 थी। संजय राउत को ईडी ऑफिस जाना था। उनके घर मीडिया का हुजूम
उमड़ पड़ा। राउत के घर से निकलने से पहले कैमरे पर उनकी मां और पत्नी
दिखीं। संजय राउत मां से आशीर्वाद लेते दिखे और जब बाहर निकले तो खुद को
जांबाज के रूप में पेश किया। ईडी ऑफिस जाते हुए उन्होंने मीडिया के सामने
दहाड़ लगाई और बीजेपी एवं केंद्र सरकार को खूब खरी-खोटी सुनाई। अगले ही
दिन 1 अगस्त को ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उन पर मुंबई के गोरेगांव
वेस्ट इलाके में मौजूद पात्रा चॉल रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट में घोटाले का
आरोप है। ईडी के अधिकारियों ने इसी केस के सिलसिले में 31 जुलाई को संजय
राउत के घर पर छापेमारी की थी। संजय राउत की जेल यात्रा के ढाई महीने से
ज्यादा हो चुके हैं। संजय राउत अब भी न्यायिक हिरासत में हैं । 10
अक्टूबर को अदालत ने उनकी न्यायिक हिरासत आज यानी 17 अक्टूबर तक बढ़ा दी
थी। अब कल यानी 18 अक्टूबर को उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई होगी।
महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की तत्कालीन महाविकास अघाड़ी
सरकार में मंत्री रहे नवाब मलिक को ईडी ने 23 फरवरी को गिरफ्तार कर लिया।
उन पर भगोड़े अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और उसके साथियों की
गतिविधियों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। आज उनकी गिरफ्तारी के नौ
महीने होने जा रहे हैं, लेकिन अब तक उन्हें जमानत तक नहीं मिल पाई है।
मलिक फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
जहां तक बात बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा के राहुल गांधी से पूछताछ की
है तो यह सच है कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं ही नहीं बल्कि पार्टी के
बड़े-बड़े नेता देशभर की सड़कों पर उतर आए थे। ईडी ने 13 से 15 जून तक
राहुल गांधी से पूछताछ की थी। फिर 20 जून को चौथे दौर की पूछताछ हुई थी।
इसी मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी 21 जुलाई को पूछताछ
की गई। इसके विरोध में कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता देशभर में
धरना-प्रदर्शन पर उतारू हो गए। मां सोनिया गांधी से पूछताछ के विरोध में
खुद राहुल गांधी भी दिल्ली में धरने पर बैठे थे। उन्हें अन्य नेताओं के
साथ दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया था।