
गोपेन्द्र नाथ भट्ट
हीरा और कपड़ा उद्योग के लिए मशहूर गुजरात के औद्योगिक नगर सूरत के कपड़ा बाजार शिव शक्ति टेक्सटाइल मार्केट में भीषण आग लगने की दुर्घटना से कई व्यापारियों विशेष कर 800 राजस्थानियों की दुकानें जलने से करोड़ों रु का हुआ नुकसान हुआ हैं। इस दुर्घटना में राजस्थान मूल के एक व्यापारी की दुखद मृत्यु भी हुई।
यह अग्निकांड इतना विभत्स था कि व्यापारियों के कपड़ों का सारा स्टॉक ही नहीं उनकी नगदी और व्यापार का सारा रिकॉर्ड भी जल कर खाक हो गया। रमजान का महीना शुरू होने से इन व्यापारियों ने भांति भांति के कपड़ों का भारी स्टॉक अपनी दुकानों में जमा किया हुआ था। इस विभत्स अग्नि काण्ड के बाद दिल्ली के चांदनी चौक के कपड़ा व्यापारियों को भी सदमा लगा हैं और सूरत से आने वाले नए स्टॉक के आवागमन में भारी व्यवधान भी आया हैं।
सूरत के हीरा और कपड़ा उद्योग के कारण राजस्थान और दिल्ली के मध्य एक गहरा सम्बन्ध हैं और यह सम्बन्ध न केवल व्यावसायिक रिश्ता हैं वरन सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टि से भी गहरा संबंध हैं। वैसे भी प्रवासी राजस्थानी मारवाड़ी सारे देश और दुनिया के विभिन्न देशों में प्रवास करते हैं और अपनी मेहनत से एक नया मुकाम बनाया हैं लेकिन कई बार उन्हें प्राकृतिक और अन्य कारणों से भीषण संकट की चुनौतियों का सामना भी करने को मजबूर होना पड़ता हैं।
सूरत में हुए इस दुःखद और भीषण अग्निकांड को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल से वार्ता कर प्रवासी राजस्थानियों को समुचित सहायता दिलाने का आग्रह किया हैं।
केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत,भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ,राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा,पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनियां,पूर्व मंत्री राजेन्द्र राठौड़, विधानसभा में सरकारी सचेतक जोगेश्वर गर्ग, पाली के सांसद पीपी चौधरी समेत कई अन्य नेताओं ने भी केन्द्र एवं गुजरात सरकार से पीड़ित व्यापारियों को आर्थिक सहायता दिलाने का आग्रह किया हैं।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राजस्थानियों को हुए भारी नुकसान पर केन्द्रीय मंत्री सी आर पाटिल और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल का ध्यान आकर्षित कर घटना से पीड़ित प्रवासी राजस्थानियों को आर्थिक सहायता दिलाने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री शर्मा ने अपने सोशल एकाउंट एक्स पर पोस्ट पर भी लिखा कि सूरत के शिव शक्ति टेक्सटाइल मार्केट में लगी आग से प्रवासी राजस्थानी समुदाय को हुई आर्थिक क्षति की सूचना बहुत दुःखद है।
सूरत हादसे पर राजस्थान बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हम व्यापारियों के साथ हैं। हमारे मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा भी गुजरात सरकार के संपर्क में हैं और वे शीघ्र वहां जाएंगे।
1500 करोड़ का नुकसान हुआ
मदन राठौड़ ने कहा कि सूरत हादसा दुर्भाग्यजनक है। इसमें राजस्थान के व्यापारियों को बहुत हानि हुई है। हम पीड़ित परिवारों के साथ खड़े हैं। राज्य के व्यापारियों ने बहुत मेहनत से ये प्रतिष्ठान खड़े किए थे। आगजनी की घटना से उन्हें बहुत नुकसान पहुंचा है। मैं खुद उस इमारत में जा चुका हूं। राजस्थानी व्यापारियों को करीब 1500 करोड़ का नुकसान हुआ है। लेन देन का पूरा रिकॉर्ड भी जल गया। हम उन्हें हर संभव मदद करेंगे।
मदन राठौड़ ने सूरत की इस दर्दनाक घटना पर गहरा दुःख व्यक्त किया। साथ ही व्यापारियों को भी सेफ्टी मेजर्स का ध्यान रखने की हिदायत दी। उन्होंने राजस्थान में भी ऐसी इमारतों को लेकर सेफ्टी मेजर्स का ध्यान रखने की जरूरत बताई। राठौड़ ने संबंधित विभाग को इस बारे में गंभीरता बरतने को कहा है। कपड़ा तेजी से आग पकड़ता हैं। विशेष कर पॉलिस्टर आदि पलक झपकते ही क्षण भंगूर हो जाते हैं।
सूरत अग्निकांड में राजस्थान के व्यापारियों विशेष कर दक्षिणी पश्चिमी राजस्थान के उदयपुर, सिरोही, पाली, जालौर, जोधपुर आदि जिलों के व्यापारियों की दुकानें जल कर खाक हुईं हैं। पाली के सांसद पी पी चौधरी ने अपने संसदीय क्षेत्र के व्यापारियों के अर्श से फर्श पर आने की व्यथा को बड़े दर्द भरे शब्दों में लिखा है और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल से गुजरात में बसे अप्रवासी राजस्थानियों और पीड़ित कपड़ा व्यापारियों को विशेष आर्थिक पैकेज देने का आग्रह किया हैं।
राजस्थान से जितने भी प्रवासी देश और विदेश गए हैं। इन सभी लोगों ने बहुत ही मेहनत से अपना एक विशिष्ठ स्थान बनाया हैं तथा वे न केवल आर्थिक दृष्टि से खुद सम्पन्न हुए हैं वरन उन्होंने कई स्थानीय परिवारों को भी अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए और उन स्थानों की आर्थिक प्रगति में भी संबल प्रदान किया हैं। साथ ही अपनी मातृ भूमि और जन्म भूमि में भी समाज सेवा के अनेक कार्य किए हैं। ऐसे में गुजरात और राजस्थान सरकार का भी नैतिक कर्तव्य है कि वे यकायक संकट से घिरे सूरत के इन व्यापारियों को विशेष आर्थिक पैकेज देकर उन्हें संबल प्रदान करें ।
देखना है कि आसन्न संकट से घिरे सूरत के इन सैकड़ों व्यापारियों को दोनों प्रदेशों की सरकारें और भारत सरकार किस प्रकार से मदद प्रदान करती है ताकि वे फिर से अपने पैरों पर स्वाभिमान के साथ खड़ा हो सकें।