रविवार दिल्ली नेटवर्क
मेरठ : एनजीटी के आदेश पर उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नगर निगम मेरठ पर पांच करोड़ का जुर्माना लगाया है। आरोप है कि निगम की ओर से कूड़े का निस्तारण सही तरीके से नहीं किए जाने से पर्यावरण को क्षति पहुंची। इस आधार पर पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति के तहत पांच करोड़ का जुर्माना लगाया है। निगम को 15 दिन में जुर्माना अदा करने और साक्ष्य उपलब्ध कराने को कहा है। सामाजिक कार्यकर्ता ने एनजीटी में याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि नगर निगम की ओर से कूड़े का सही निस्तारण नहीं कराया जा रहा है। इससे पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है।
इस याचिका को लेकर एनजीटी ने विशेषज्ञों की टीम से मुआयना कराया था। टीम ने भी निगम पर लापरवाही के आरोप लगाए। एनजीटी में रिपोर्ट दाखिल की। उधर, एनजीटी ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को कार्रवाई का निर्देश दिया था। इस आधार पर तीन जुलाई 2024 को पहला नोटिस दिया गया था। अब उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एक अप्रैल 2020 से एक मई 24 तक 50 माह में कूड़े का सही निस्तारण न करने पर 10 लाख रुपये प्रति माह के हिसाब से पांच करोड़ का जुर्माना लगाया है। वहीं मेयर हरिकांत अहलूवालिया ने कहा है कि नगर निगम जुर्माना नहीं भरेगा बल्कि जिन अधिकारियों की लापरवाही से यह है जुर्माना लगा है वह स्वयं इसका भुगतान करेंगे। उन्होंने कहा कि जल्दी ही एनसीपीटी मेरठ में कूड़ा निस्तारण का प्लांट लगाएगी जिससे इस समस्या से राहत मिलेगी।