रविवार दिल्ली नेटवर्क
देहरादून : गोल्डन कार्ड संबंधी समस्याओं के निराकरण को लेकर आज राज्य स्वास्थ्य चिकित्सा प्राधिकरण और राज्य निगम कर्मचारी-अधिकारी महासंघ की एक बैठक प्राधिकरण कार्यालय आईटी पार्क में हुयी। जिसकी अध्यक्षता प्राधिकरण के फाइनेन्स कंट्रोलर अभिषेक आनंद ने की।
बैठक में महासंघ द्वारा गोल्डन कार्ड में नामों की शुद्धि करने, गोल्डन कार्ड बनने की अवधि से लेकर ओपीडी चिकित्सा प्रतिपूर्ति का भुगतान करने, कुछ सूचीबद्ध अस्पतालों द्वारा गोल्डन कार्ड न माने जाने की मनमानी करने जैसी समस्याएं उठायी गयी। फाइनेंस कंट्रोलर ने कहा कि नामों को ठीक करने हेतु विभाग को कहा गया है कि वह नाम ठीक करके प्रधिकरण को भेजे ताकि पुष्टि की जा सके। यदि कोई विभाग परेशान करता है तो उन सभी कर्मियों जिनके नाम ठीक किए जाने हैं की पूरी सूची लेकर प्रधिकरण में आएं और नाम ठीक करवा लें। यह कार्य एक सप्ताह के भीतर कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि ओपीडी चिकित्सा प्रतिपूर्ति का भुगतान 23 अगस्त 2024 शुरु किया जाएगा। जिन कर्मचारियों के गोल्डन कार्ड नहीं बने हैं वे कर्मचारी अपने विभाग में तत्काल आवेदन करें और पैसा भिजवा कर अपना गोल्डन कार्ड बनवा सकते हैं। साथ ही यह भी कहा गया कि यदि किसी विभाग में कोई समस्या आ रही है तो वह विभाग के डीडीओ को बताएं। यदि विभागीय अधिकारी कर्मचारी और डीडीओ नही समझ पा रहे हैं तो समय बताएं और एक दिन राज्य चिकित्सा प्राधिकरण के कर्मचारी जिस विभाग की समस्याएं हैं वहां कैम्प लगाकर समस्त कर्मचारियों को गोल्डन कार्ड के संदर्भ में जो समस्या आ रही है उसे ठीक करा दिया जाएगा।
महासंघ ने बताया कि कुछ अस्पताल जो प्राधिकरण की सूची में है वह गोल्डन कार्ड नहीं मान रहे हैं और कर्मचारियों के मरीजों को बिना गोल्डन कार्ड से भर्ती कर रहे हैं भर्ती करने के उपरांत जब डिस्चार्ज करने पर मन माना पैसा वसूल रहे हैं और कर्मचारियों को प्रति पूर्ती में प्राधिकरण के रेट से ही एम ओ स्वीकृति प्रदान कर रहे हैं जबकि अस्पताल द्वारा डबल रट पर भुगतान लिया जा रहा है। प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा एवं फाइनेन्स कन्ट्रोलर द्वारा कहा गया कि ऐसे मामलों कि लिखित रिपोर्ट प्राधिकरण के सीईओ के नाम करें। यदि अस्पताल ने गोल्डन कार्ड से इलाज नहीं किया तो कर्मचारी को प्रतिपूर्ति के बिल के अलावा जितना पैसा अधिक देना पड़ा है वह सम्बंधित अस्पताल से वसूल कर कर्मचारियों को दिलाया जाएगा। जो कर्मचारी सेवानिवृत हो रहे हैं वह कर्मचारी अपना पैसा समय से सेवानिवृत होने के उपरांत अपने-अपने विभाग में जमा करवा दें ताकि उनका गोल्डन कार्ड सुचारू रूप से चलता रहे। सेवानिवृत्त कर्मचारी एकमुस्त 1 साल या 10 साल का पैसा जमा कर सकता है।
यदि कर्मचारी 1 साल का जमा करता है उसकी प्रत्येक वर्ष अवधि समाप्त होने से पूर्व ही पैसा जमा करना पड़ेगा यदि कर्मचारी 10 वर्ष के लिए जमा करता है पूरी लाइफ के लिए चिकित्सा उपचार फ्री होगा तथा चिकित्सा प्रतिपूर्ति ओपीडी का भी हकदार होगा। बैठक में वन, परिवहन निगम, जल संस्थान घुड़दौडी समेत उच्चतम माध्यमिक शिक्षा परिषद की समस्याएं मुख्य रूप से रखी गयी। जिसके लिए वित्त नियंत्रक द्वारा आश्वासन दिया गया कि किसी भी समस्या को एसजीएसएच के व्हाट्सएप पर डाल सकते हैं, ऑनलाइन मेल या प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों को लिखित में शिकायत कर सकते हैं। बैठक में प्राधिकरण की ओर से अतुल जोशी, अंकुर यादव तथा आर बी आई बैंक के मैनेजर उपस्थित थे। राज्य निगम कर्मचारी अधिकारी महासंघ की ओर से प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गोसांई, प्रदेश सचिव बी एस रावत, उपाध्यक्ष टी एस बिष्ट संगठन मंत्री दिवाकर शाही मौजूद रहे। महासंघ ने सभी का धन्यवाद किया और पंद्रह दिनों के लिए अपना धरना प्रदर्शन स्थगित करने का निर्माण लिया।