रविवार दिल्ली नेटवर्क
धर्मशाला : मिनी मणिमहेश ड़ल झील को रिस्टोर करने का कार्य नेचुरल रिसोर्सस से किया जाएगा। इस के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने का कार्य अगले सप्ताह से शुरू हो जाएगा। झील की रिस्टोरेशन इस तरह से की जाएगी कि आगामी 200-300 साल तक इस तरह की समस्या न आए। प्रयास रहेगा कि अगले साल बरसात से पहले कार्य को पूरा कर लिया जाए, जिससे कि जून में बरसात के दौरान ताजा पानी झील में स्टोर हो सके।
डल झील को रिस्टोर करने के उद्देश्य से धर्मशाला पहुंचे भारत के लेकमैन के नाम से प्रसिद्ध आनंद मल्लिगावाद ने कहा कि डल लेक धार्मिक और इकोलॉजिकल लेक है, जिससे केवल मनुष्य ही नहीं, बल्कि ईको सिस्टम भी डिस्टर्ब हो रहा है। डल झील की लीकेज को रोकने के साथ इसकी वॉटर कैपासिटी को भी बढ़ाना है। स्थानीय प्रशासन झील को लेकर 70 फीसदी काम कर चुका है, शेष 20-30 फीसदी कार्य जैसे नाला डायवर्ट करना, गंदगी डायवर्ट करने का कार्य करना है। झील को इस तरह से रिस्टोर किया जाएगा कि 200 से 300 साल तक इस तरह की समस्या फिर न आने पाए। झील को रिस्टोर करने के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जाएगी, इसके लिए कुछ सुझाव आए हैं तथा जो भी एक्सपर्ट सुझाव देना चाहेंगे, उन्हें भी लिया जाएगा।