रविवार दिल्ली नेटवर्क
नई दिल्ली : केंद्रीय इलेक्ट्राॅनिक्स एवं आईटी राज्समंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (डीपीडीपी) बिल-2022 के प्रस्तावित मसौदे पर चल रहे परामर्श की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए शुक्रवार को 200 से ज्यादा हितधारकों और विशेषज्ञों के साथ संवाद किया। कार्यक्रम में कानून और प्रौद्योगिकी क्षेत्र के जानकारों के साथ-साथ सोशल मीडिया इंटरमीडियरीज और पब्लिक पाॅलिसी थिंक टैंक के अलावा उपभोक्ता और नागरिक समूह के लोगों ने हिस्सा लिया। करीब दो घंटे तक चले संवाद के दौरान आईटी राज्यमंत्री ने प्रतिभागियों के सवालों का जवाब दिया और उनकी ओर से आए महत्वपूर्ण सुझावों को नोट किया।
इस मौके पर श्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की अगुवाई में केंद्र सरकार डिजिटल पर्सनल डेटा के दुरुपयोग पर अंकुश लगाने के लिए काूनन का एक ढांचा तैयार कर रही है। उन्होंने बताया कि यह विधेयक डिजिटल व्यक्तिगत डेटा के संरक्षण में ज्यादा कारगर साबित होगा। साथ ही, इससे नवाचार एवं स्टार्टअप इकोसिस्टम को प्रोत्साहन भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन कानून आने के बाद सोशल मीडिया इंटरमीडियरीज और फिड्यूशरीज में व्यावहारिक बदलाव देखने को मिलेगा।
हितधारकों ने बिल के विभिन्न प्रावधानों पर अपने सुझाव दिए, जिनमें डेटा फिड्यूशरीज के लिए दंड की व्यवस्था, बच्चों के लिए माता-पिता की सहमति प्राप्त करना, सीमा पार डेटा प्रवाह और कंसेंट मैनेजर्स यानी सहमति प्रबंधकों से जुड़े सुझाव शामिल थे।
संवाद का संचालन श्री अमित अग्रवाल, अतिरिक्त सचिव, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) और श्री राकेश माहेश्वरी, वरिष्ठ निदेशक और समूह समन्वयक, ( एमईआईटीवाई) ने किया।