
गोपेन्द्र नाथ भट्ट
राजस्थान में मीसा बंदियों को लेकर भजनलाल शर्मा की सरकार ने बड़ा फैसला लिया। सरकार ने मीसा बंदियों के लिए सदन में राजस्थान लोकतंत्र सेनानी सम्मान विधेयक 2024 पारित कराया।जिसके तहत मीसा बंदियों को फिर से 20 हजार रुपये मिलेंगे और अन्य सुविधाएं भी मिलेंगी।
इमरजेंसी के दौरान सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों के लिए जेलों या पुलिस थानों में बंद रहे लोकतंत्र सेनानियों को हर महीने सम्मान राशि, चिकित्सा सहायता और मुफ्त परिवहन सुविधाएं फिर से मिलेंगी। इसके लिए राज्य सरकार ने विधानसभा में एक विधेयक लेकर आई थी।
इस बिल में आपातकाल के दौरान सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों के लिए जेलों या पुलिस थानों में बंद लोकतंत्र सेनानियों को सम्मान राशि, चिकित्सा सहायता और मुफ्त परिवहन सुविधा प्रदान करने का प्रावधान किया गया है।
राज्य सरकार की तरफ से संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने राज्य विधानसभा में कहा कि 25 जून 1975 काला दिवस था और कई लोगों को इसलिए गिरफ्तार कर लिया गया, क्योंकि वे लोकतंत्र को बचाने की आवाज उठाकर सड़कों पर आ गए थे। सरकार के इस फैसले के बाद अब फिर से इन लोगों को 20 हजार रुपये की मासिक पेंशन और 4000 रुपये का चिकित्सा भत्ता अलग से मिलेगा। राज्य में 1140 मीसा बंदियों को पेंशन मिल रही थी, जिनमें 921 लोग ऐसे थे, जो खुद जेल गए थे, जबकि 219 दिवंगत मीसा बंदियों की पत्नियों को यह सम्मान राशि दी जा रही थी, जोकि अब फिर से शुरू हो जाएगी।
संसदीय कार्य मंत्री पटेल ने कहा कि भारत की पहचान पूरे विश्व में लोकतंत्र की जननी के रूप में थी, लेकिन आपातकाल कालावधि (25 जून, 1975 से 21 मार्च 1977) लोकतंत्र के लिए काला अध्याय बन गया। इसमें भारतीयों की आजादी छीन ली गई। न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर भी अंकुश लगा दिया गया था। वह एक काला कालखंड था, लेकिन देश के लोकतंत्र सेनानी लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए लड़ाई लड़ी जिससे लोकतंत्र को पुनः प्रवर्तित किया जा सका। हमारी सरकार उन्हीं सेनानियों और उनके परिवार के सम्मान के लिए हमेशा प्रतिबद्धता से खड़ी है। चर्चा के बाद सदन ने राजस्थान लोकतंत्र के सेनानियों का सम्मान विधेयक, 2024 ध्वनिमत से पारित कर दिया।
संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा वर्ष 2019 में राजस्थान लोकतंत्र सेनानी सम्मान निधि नियम 2008 को निरस्त करने का निर्णय लिया गया। इसके बाद वर्तमान सरकार ने 14 मार्च 2024 को इन नियमों को एक जनवरी 2024 से पुनः प्रभावित किया। उन्होंने बताया कि वर्तमान में राजस्थान में कुल 921 लोकतंत्र सेनानी एवं 219 दिवंगत लोकतंत्र सेनानियों के आश्रित (पति/पत्नी) हैं। इस प्रकार कुल 1140 लोकतंत्र सेनानियों एवं उनके आश्रितों को बीस हजार रूपए मासिक पेंशन एवं चार हजार रूपए मासिक चिकित्सा का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को बचाने के लिए जेल जाने वाले लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान करना हमारा प्रथम कर्तव्य है।
पटेल ने कहा कि राजस्थान के मूल निवासी जो कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए सक्रिय रूप से लड़े और ऐसी गतिविधियों में भाग लेने के कारण मीसा या भारत रक्षा नियम,1971 या दंड प्रक्रिया संहिता के अधीन जेल में निरूद्ध रखे गए थे। उन लोकतंत्र सेनानियों को सम्मान राशि, चिकित्सा सहायता एवं निःशुल्क परिवहन सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही राष्ट्रीय उत्सवों पर जिला मजिस्ट्रेट द्वारा उन्हें आमंत्रित किया जाएगा। इनकी मृत्यु होने पर पति/पत्नी को जीवन काल के लिए सम्मान राशि,चिकित्सा सहायता का प्रावधान किया गया है।
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश और कुछ अन्य राज्यों में मीसा बंदियों को पेंशन दी जा रही है।इसी तर्ज पर भजन लाल सरकार भी आपातकाल में जेल गए लोगों को पेंशन देने जा रही है और ऐसा कानून भी बना रही है कि भविष्य में कोई सरकार इसे बदल नहीं सके।
देखना है राजस्थान में भजन लाल सरकार की इस पहल पर प्रतिपक्ष की आगे क्या प्रतिक्रिया और सरकार की ओर से क्या कार्यवाही होती है?