- ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के साथ ही गरीबों की ईज ऑफ लिविंग के लिए भी कार्य करें लेखपालः सीएम योगी
- सीएम ने नवचयनित लेखपालों को उनके कर्तव्यों के प्रति किया आगाह, समयसीमा में कार्य करने की दी नसीहत
- पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ संपन्न हुई चयन प्रक्रिया, नहीं पड़ी सिफारिश की आवश्यकताः सीएम
- गरीब के जीवन के लिए आपकी ऊर्जा और प्रतिभा, निवेश की संभावनाओं में मिले सकारात्मक सहयोगः योगी
- लोगों के बीच अच्छी छवि बनाएं, ताकि लेखपाल के नाम से लोग घबराएं नहींः योगी
- 4700 नई नियुक्तियों के अधियाचन भी भेजे गए, प्रक्रिया पूर्ण होते ही प्रदेश में खत्म होगी लेखपालों की कमीः मुख्यमंत्री
रविवार दिल्ली नेटवर्क
लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को लोकभवन में आयोजित मिशन रोजगार कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा निष्पक्ष एवं पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के तहत चयनित 7720 लेखपालों को नियुक्ति पत्र वितरित किए। इस अवसर पर सीएम योगी ने नवचयनित लेखपालों को उनके कर्तव्यों के प्रति आगाह किया। उन्होंने कहा कि ये नियुक्ति प्रक्रिया पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ संपन्न हुई है। इसमें कहीं कोई भेदभाव नहीं हुआ, कोई सिफारिश की आवश्यकता नहीं पड़ी। ऐसे में ये आपकी जिम्मेदारी बनती है कि बिना किसी सिफारिश के प्रदेश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के साथ ही एक गरीब की ईज ऑफ लिविंग के लिए आपको अपने स्तर पर विशेष कार्य करना है। एक गरीब के जीवन के लिए आपकी ऊर्जा और प्रतिभा लगे, निवेश की संभावनाओं में आपका सकारात्मक सहयोग मिले, जाति, निवास, आय प्रमाणपत्र के लिए जो समय सीमा तय की गई है उसके अनुसार आम जनमानस और युवाओं को सहयोग प्राप्त हो। वरासत, नामांतरण और पैमाइश से जुड़ी कार्यवाही समय से पूरी हों। लोगों के बीच में आपकी अच्छी छवि बने और लेखपाल के नाम से लोग घबराएं नहीं। कार्यक्रम के दौरा सीएम योगी के समक्ष मिशन रोजगार को लेकर एक लघु फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया। लोकभवन के साथ ही विभिन्न कमिश्नरी में भी कार्यक्रम का लाइव आयोजन किया गया।
ईमानदारी से करें अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन
सीएम योगी ने नव चयनित लेखपालों से अपनी जिम्मेदारियों का ईमानदारी से निर्वहन करने की अपील की। उन्होंने कहा कि आपका जनता के बीच नजदीकी जुड़ाव होता है। किसी को पट्टे की जमीन देनी है, किसी को वरासत का कार्य करना है, किसी के नामांतरण का कार्य करना है, कृषि को अकृषि घोषित करते हुए निवेश की संभावना को आगे बढ़ाना है, कहीं पर पैमाइश की कार्यवाही को बढ़ाना है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में एक फुट, दो फुट के लिए हिंसक घटनाएं होती हैं। अगर हम समय पर पैमाइश करके सीमांकन कर लें तो कोई विवाद नहीं होगा। कोई दबंग भूमाफिया जबर्दस्ती सरकारी या गरीब की जमीन पर कब्जा कर रहा है तो वहां एंटी भूमाफिया टास्क के साथ जाकर हम बड़ी कार्रवाई करें। कहीं पर निवेश के लिए कोई प्रस्ताव आया है तो उसको समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ा दें। बाढ़ जैसी आपदा में समय पर लोगों को राहत दे दें। कृषक दुर्घटना बीमा में कृषक, उसके परिवार के किसी सदस्य या फिर बटाईदार और उसके परिवार के सदस्य की किसी आपदा में मृत्यु होने पर समयबद्ध तरीके से राहत की धनराशि उसके परिवार को मिल जाए। गलत तरीके से कोई भी कार्य न करें और टेक्नोलॉजी का उपयोग करें। राजस्व की पूरी व्यवस्था ही डिजिटाइज हो रही है। लैपटाप और टैबलेट उपलब्ध कराने की कार्यवाही को ट्रेनिंग के समय से ही जोड़ना होगा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वाला कोई भी व्यक्ति अगर परंपरागत रूप से ग्राम समाज की आबादी की जमीन पर मकान बनाकर रह रहा है तो उसकी जमीन का मालिकाना हक उसे घरौनी के माध्यम से मिल सके। अब तक 63 लाख से ज्यादा लोगों को हमने यह व्यवस्था दे दी है और हमारा प्रयास है कि इस वर्ष तक सभी 1.25 करोड़ परिवारों को यह सुविधा उपलब्ध करा देंगे।
जल्द पूरी की जाएंगी 4700 नई नियुक्तियां
सीएम योगी ने कहा कि इस नियुक्ति प्रक्रिया को समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ाने के लिए 2022 में राजस्व विभाग ने अपना अधियाचन अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को दिया था। चयन की प्रक्रिया पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ आयोग ने संपन्न की, लेकिन कुछ लोगों की फितरत होती है कि हर अच्छे कार्य में रोड़ा अटकाया जाए। नवचयनित लेखपालों के नियुक्ति पत्र वितरण में भी रोड़े अटकाने के कार्य हुए, लेकिन राजस्व विभाग और अधीनस्थ सेवा चयन आयोग इसके लिए लड़ा और अंततः सुप्रीम कोर्ट से भी फैसला अपने पक्ष में करके आज 7720 नवचयनित युवाओं को उनकी आकांक्षा के अनुरूप ये नियुक्ति पत्र प्रदान किए जा रहे हैं। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद 4700 और नई नियुक्ति के अधियाचन हम भेज चुके हैं और जल्द ही उस प्रक्रिया को भी पूर्ण करने वाले हैं। इस प्रक्रिया के पूरा होते ही 3837 लेखपाल जो प्रदेश में नियुक्त होने चाहिए, उनकी संख्या पूरी हो जाएगी।
प्रदेश की नई पहचान को बरकरार रखने के लिए लगानी होगी ऊर्जा
2017 के पहले की तस्वीर सबने देखी है। लेखपालों के आधे पद खाली पड़े थे,क्योंकि भर्ती नहीं होती थी। भर्ती की प्रक्रिया में तमाम होल थे। प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही चाचा-भतीजे की जोड़ी वसूली के लिए निकल पड़ती थी और पूरे खानदान को जिले आवंटित हो जाते थे। ये वही उत्तर प्रदेश है जिसका युवा बाहर कहीं जाता था तो उसे पहले ही साइड कर दिया जाता था। कुछ जिलों की छवि तो ऐसी बना दी गई थी कि लोग नौकरी की बात तो दूर होटल और धर्माशाला में भी जगह नहीं देते थे। आज युवा कहीं भी जाएगा बड़े सम्मान की निगाहों से देखा जाता है, क्योंकि उन्हें मालूम है कि यह नए उत्तर प्रदेश का नया युवा है, इसकी प्रतिभा का लोहा दुनिया मान रही है। ये जो कार्य हुए हैं, उसने उत्तर प्रदेश को एक पहचान दी है। यह जो नई पहचान बनी है, उसे बरकरार रखने की आवश्यकता है और इसमें पूरी ताकत और ऊर्जा लगानी है।
इस अवसर पर वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, अध्यक्ष राजस्व परिषद डॉ रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव राजस्व पी गुरु प्रसाद, राजस्व विभाग के अधिकारीगण मौजूद रहे।
प्रदेश में निवेश और योजनाओं से करोड़ों नौकरियों का हुआ सृजन
सीएम योगी ने प्रदेश में मिशन रोजगार को लेकर कहा कि पिछले 7 वर्ष में आपने देखा होगा कि प्रदेश सरकार नियुक्ति की प्रक्रिया को पूरी इमानदारी और बिना भेदभाव के युवा की योग्यता और उनकी क्षमता के अनुरूप आगे बढ़ा रही है। इसी का परिणाम है कि 6 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी प्रदान की गई है और आज वो सभी युवा अलग-अलग क्षेत्र में प्रदेश के विकास में अपना योगदान दे रहे हैं। प्रदेश में एक लाख 55 हजार से अधिक पुलिस कार्मिकों की नियुक्ति की गई है, जबकि 1 लाख 54 हजार से अधिक शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया को पूरा किया गया। इसके अतिरिक्त अन्य विभागों में भी इसी प्रकार की भर्तियों की प्रक्रिया को समयबद्ध तरीके से पूरा किया गया है। सीएम ने कहा कि प्रदेश में अब तक हमारी सरकार 15 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश को धरातल पर उतार चुकी है। हमारे पास अभी लगभग 30 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव बाकी है, जिन्हें धरातल पर उतारने की कार्यवाही चल रही है। प्रदेश में निवेश का बेहतरीन माहौल बना है, एमएसएमई सेक्टर को प्रोत्साहित करने का कार्य हुआ, इन सबसे भी हमने प्रदेश में एक करोड़ 62 लाख युवाओं को अपने ही जनपद में नौकरी की संभावनाएं उपलब्ध कराई हैं। पहली बार इतनी बड़ी संख्या में अपने जनपद और गांव में रोजगार की सुविधा प्राप्त हुई। यही नहीं, प्रदेश ने स्वरोजगार के लिए भी केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को आगे बढ़ाने का कार्य किया, जिससे प्रदेश में 62 लाख लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ। आज इसी का परिणाम है कि यूपी का अनइंप्लायमेंट रेट तेजी से नीचे गिर रहा है और अधिक से अधिक युवाओं को नौकरी व स्वरोजगार से जुड़ने का अवसर प्राप्त हुआ है।