रविवार दिल्ली नेटवर्क
नयी दिल्ली : मोदी सरकार कल अपनी तीसरी योजना का पहला बजट पेश करने जा रही है। देश के लोगों को इस बजट को लेकर काफी उम्मीदें हैं। व्यापारी हो या फिर आम लोग सरकार द्वारा कल पेश किए जाने वाले बजट पर हर किसी की निगाहें टिकी है।
इसी बजट को लेकर इनकम टैक्स के सीनियर एडवोकेट राजेश गोयल का कहना है टैक्स छूट में सरकार ने पहले ही काफी राहत प्रदान की हुई है। इसलिए टैक्स छूट की अब और कोई आवश्यकता नहीं है। लेकिन टैक्स का सरलीकरण करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि नई टैक्स प्रणाली और पुरानी टैक्स प्रणाली को लेकर आज भी व्यापारी असमंजस की स्थिति में रहता है। इसलिए टैक्स प्रणाली एक होनी चाहिए। पुराने टैक्स प्रणाली के तहत अभी भी टैक्स काफी अधिक है, जिसे कम करना चाहिए। यही नहीं बल्कि पार्टनरशिप फर्म में 30% टैक्स लगता है, जबकि प्रोपराइटरशिप फार्म पर 25% टैक्स लगता है। ऐसे में दोनों में ही पांच पांच प्रतिशत टैक्स घटना चाहिए। पिछले 10 वर्षों के दौरान सरकार ने जो कार्य किया है, वह काफी सराहनीय है।
कल पेश होने वाले बजट को लेकर व्यापारियों का कहना है की टैक्स प्रणाली समान होनी चाहिए। अलग-अलग टैक्स प्रणाली से व्यापारी और ग्राहक पर अतिरिक्त बोझ भी पड़ता है। व्यापारियों का कहना है की एक एसी जैसी वस्तुएं अब हर घर की जरूरत बन गई है। इसलिए इस पर 28% से टैक्स घटकर कम करना चाहिए। इसके अलावा खाद्य पदार्थों पर भी टैक्स कम होना चाहिए।
व्यापारियों का यह भी कहना है कि अगर मैन्युफैक्चरिंग पर ही टैक्स लग जाए तो व्यापारी के लिए यह और भी सरलीकरण होगा। व्यापारियों ने मोदी सरकार के पिछले 10 सालों में पेश किए गए बजट की भी सराहाना की। उन्होंने कहा कि इस सरकार द्वारा अब तक जो बजट पेश किया गया है उसमें कहीं ना कहीं हर वर्ग को लाभ मिला है।