रमेश सर्राफ धमोरा
राजस्थान में उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी द्वारा विधानसभा में पेश किए गए भाजपा सरकार के पहले लेखा अनुदान (अंतरिम बजट) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन परिलक्षित हुआ है। यह बजट पूरी तरह से आगामी लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखकर लोक लुभावना बनाया गया है। हालांकि अंतरिम बजट होने के कारण इसमें अधिक घोषणायें नहीं की गई है। फिर भी बजट में ऐसी अन्य को बातों को शामिल किया गया है जिसका असर सीधे आम लोगों पर पड़ता है। विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कई गारंटी दी थी। प्रधानमंत्री मोदी की बहुत सी गारंटीयों को इस बजट में शामिल किया गया है। अनुभव के हिसाब से उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने वित्तमंत्री के रूप में पहला बजट पेश किया था। मगर जिस तरह से उन्होंने बजट भाषण पढ़ा उसमें पूरा आत्मविश्वास झलक रहा था।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सरकार का यह पहला बजट था। इस कारण सरकार को चुनाव के दौरान किए गए लोक लुभावने वायदों को बजट में शामिल किया जाना बहुत जरूरी था। उसी को ध्यान में रखते हुए उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने अपने बजट में महिलाओं, बुजुर्गों, युवाओं, किसानों, व्यापारियों, धर्माचार्य को खुश करने के लिए बजट में कई तरह के प्रावधान किए हैं। प्रदेश में बुजुर्गों को अभी तक रोडवेज की बसों में 30 प्रतिशत किराए में छूट मिलती थी जिसे बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया है। इसी तरह वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली सामाजिक सुरक्षा मासिक पेंशन को एक हजार रूपये से बढ़कर 1150 रुपए प्रतिमाह कर दिया गया है।
उपमुख्यमंत्री ने बजट में 70 हजार युवाओं को नई नौकरी देने की घोषणा की है। इसके लिए राजस्थान लोक सेवा आयोग व राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के द्वारा भर्ती कैलेंडर भी बनाने की बात कही गई है। राजस्थान में पिछली अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ सबसे बड़ा मुद्दा भर्ती परीक्षाओं में हो रही धांधली को लेकर था। गहलोत सरकार के कार्यकाल में 18 भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक होने के कारण परीक्षाओं को निरस्त करना पड़ा था। बाद में प्रशासनिक परीक्षाओं में भी कांग्रेस के कई बड़े नेताओं के परिजनों के चयन को लेकर विवाद हुआ था। जिसकेे चलते आम जन में गहलोत सरकार की नकारात्मक छवि बनी थी।
इस बात को ध्यान में रखकर भाजपा सरकार ने अपने पहले ही बजट में युवाओं को लुभाने के लिए एक साथ 70 हजार नयी भर्तियों की घोषणा की है। हालांकि भाजपा ने चुनाव से पहले राजस्थान लोक सेवा आयोग में आमूल चूल परिवर्तन करने की बात भी कही थी। मगर उस पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है। भाजपा को पता है कि प्रदेश के युवा मतदाताओं की बदौलत ही उनकी सरकार बन पाई है। ऐसे में उन्हें अपने साथ जोड़े रखना बहुत जरूरी है।
संविदा पर काम कर रही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिन, सहायिकाओं के साथ ही अन्य संविदा कर्मियों तथा पंचायती राज व नगरीय निकायों के निर्वाचित जन प्रतिनिधियों को मिलने वाले मासिक भत्ते में भी 10 प्रतिशत बढ़ोतरी की घोषणा की गई है। प्रदेश में इसका बड़ा असर होगा तथा कई लाख लोगों को इस बढ़ोतरी का लाभ मिलेगा। जिससे आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को फायदा मिल पाएगा। अपने बजट भाषण के दौरान जब कांग्रेस नेता शांति धारीवाल बार-बार उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी को टोक रहे थे तो उन्होंने धारीवाल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह सिर्फ मर्दों का प्रदेश नहीं है। यहां पर महिलाएं भी बराबर की संख्या में है। उनके पास भी वोट की शक्ति है। इसी के चलते राज्य सरकार ने अपने अंतरिम बजट में महिलाओं के हित की कई योजनाओं की घोषणा कर उन पर पूरा फोकस रखा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में एक करोड़ नई लखपति दीदी बनाने की घोषणा की थी उसी की तर्ज पर राजस्थान के बजट में भी 5 लाख परिवार की महिलाओं को लखपति दीदी योजना में शामिल कर उनकी आय को एक लाख से अधिक बढ़ाया जाएगा। गरीब परिवारों में कन्या के जन्म पर एक लाख रूपये का सेविंग बांड दिया जाएगा। प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना में प्रथम प्रसव पर 6 हजार रूपये दिए जाएंगे। जबकि अभी तक यह राशि पांच हजार थी। प्रदेश के सभी ब्लॉकों में एक-एक आदर्श आंगनवाड़ी केंद्र की स्थापना की जाएगी। प्रदेश में महिलाओं के लिए हेल्प डेस्क बनेगी। सभी नारी निकेतनो में सीसीटीवी टीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
किसानों के लिए भी बजट में कई घोषणाएं की गई है। पीएम किसान निधि में मिल रहे 6000 की राशि को बढ़ाकर 8000 रूपये प्रतिवर्ष किया गया है। इस तरह हर किसान को साल में 2000 रूपये का लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि इसे आगे बढ़कर 12000 रूपये तक किया जाएगा। किसान क्रेडिट कार्ड की तर्ज पर गोपाल क्रेडिट कार्ड जारी किए जाएंगे चालू वर्ष में 5 लाख गोपालक परिवारों को एक लाख रूपये तक का ब्याज मुक्त लोन उपलब्ध करवाया जाएगा। करीबन 33 लाख किसानों को विभिन्न फसलों के उच्च गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध करवाए जाएंगे। अल्पआय, लघु सीमांत ,बटाईदार किसानों, खेती और श्रमिकों के बच्चों को केजी से पीजी तक की मुफ्त शिक्षा दी जाएगी। हालांकि सरकारी स्कूलों में आठवीं तक पढ़ाई और 12वीं तक किताबें पहले से फ्री दी जा रही है। 9वीं से 12वीं तक आंशिक फीस ही ली जा रही है।
मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना का नाम बदलकर अब मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना किया गया है। जिसमें कैंसर का डे केयर इलाज को भी शामिल किया गया है। हाईवे पर हादसों में जान बचाने के लिए 25 एडवांस्ड लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस उपलब्ध करवाई जाएगी। प्रधानमंत्री ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में सूर्योदय योजना की घोषणा की थी। जिसके अंतर्गत राजस्थान के 5 लाख घरों पर रूफ टॉप सोलर पैनल लगाए जाएंगे। जिससे उन परिवारों के लोगों को 300 यूनिट तक प्रतिमा बिजली निःशुल्क मिल सकेगी। प्रदेश में मन्दिरों के उन्नयन पर 320 करोड़ रूपये खर्च किये जाने का प्रावधान किया गया है। इससे विभिन्न धर्माचार्यों का सरकार को समर्थन मिलेगा।
हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सभी चुनावी जनसभाओं में प्रदेश में पेट्रोल, डीजल की अधिक कीमतों का विरोध करते हुए भाजपा सरकार बनने पर उन्हें कम करने का वायदा किया था। मगर राज्य सरकार के बजट में उस पर कोई प्रावधान नहीं किया गया है। जबकि प्रदेश के लोगों को अपने पड़ोसी राज्यों की तुलना में आज भी महंगी दरों पर पेट्रोल, डीजल खरीदना पड़ रहा है। इससे लोगों के मन में निराशा व्याप्त हुई है। प्रदेश के लोगों का कहना है कि राज्य सरकार को पेट्रोल, डीजल की कीमतों में अविलम्ब कमी कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी को पूरा करना चाहिए। जिससे आमजन को राहत मिल सकें। हालांकि सरकार ने चीनी व गुड़ से मंडी टैक्स हटाकर महंगाई कम करने का प्रयास किया है। इससे व्यापारिक वर्ग की एक पुरानी मांग पूरी हुयी है।
(लेखक राजस्थान सरकार से मान्यता प्राप्त स्वतंत्र पत्रकार है।)