विश्व में भारत की साख बढ़ाने की मोदी प्रतिबद्धता

Modi's commitment to enhance India's credibility in the world

ललित गर्ग

दुनिया में भारत एवं भारतीय लोकतंत्र का गौरव एवं सम्मान दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है, पिछले 10 साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक विश्व नेता बनकर उभरे हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनका रुतबा लगातार बढ़ा है। विदेशी धरती से मिलने वाले सर्वाेच्च नागरिक सम्मानों की एक लम्बी शृंखला इस बात का प्रमाण हैं कि प्रधानमंत्री मोदी की छवि वैश्विक स्तर पर सर्वमान्य नेता के तौर पर स्थापित हुई है और उनकी सोच, नीतियों एवं कार्यक्रमों को विश्व स्तर पर मान्यता मिल रही है। यह भारत के लिये गर्व की बात है। इसी शृंखला में अपनी तीन देशांे की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी को डोमिनिका और गुयाना के सर्वाेच्च नागरिक सम्मान और नाइजीरिया का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान मिला है। प्रधानमंत्री मोदी हाल ही में ब्राजील में जी 20 समिट की बैठक के लिए पहुंचे थे और इसके बाद 3 कैरेबियन देशों की यात्रा पर है। कोरोना काल में मानवीय दृष्टि से मदद का हाथ बढ़ाने के लिए डोमिनिका ने प्रधानमंत्री मोदी को ‘डोमिनिका अवॉर्ड ऑफ ऑनर’ और गुयाना ने ‘ऑर्डर ऑफ एक्सीलेंस’ से नवाजा।

भारत के लिये सौभाग्य की बात है कि नरेन्द्र मोदी जैसा महानायक प्रधानमंत्री के रूप में मिला है। वैसे तो दस वर्षों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कई देशों ने अपने सर्वाेच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया है लेकिन इसी सप्ताह उनकी डोमिनिका, गुयाना और नाइजीरिया यात्रा के दौरान उन्हें जो सर्वोच्च सम्मान मिले हैं, वह हर भारतीय को अभिभूत एवं गौरवान्वित कर देने वाले हैं। ये सम्मान उनके व्यापक सोच, मानवीय दृष्टिकोण, कुशल राजनीतिक नेतृत्व और दूरदृष्टि का प्रतिबिम्ब है जिसने वैश्विक मंच पर भारत के उदय एवं उसकी साख को मजबूत किया है। ये सम्मान दुनिया भर के देशों के साथ भारत के बढ़ते संबंधों को भी दर्शाता है। प्रधानमंत्री मोदी ने जिस कुशलता, परिपक्वता एवं दूरदर्शिता से देश का समग्र विकास करते हुए दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थ-व्यवस्था बनाने की ओर अग्रसर किया, इससे पूरा देश तो आत्मविश्वास से भर ही उठा बल्कि पूरी दुनिया में भारत को लेकर सकारात्मकता, उम्मीदें और भरोसा बढ़ा है।

अब तक विदेशों में कुल 19 बार प्रधानमंत्री मोदी को सम्मानित किया जा चुका है, जिनमें महाशक्ति कहे जाने वाले देश रूस और अमेरिका के अलावा मालदीव, फिलीस्तीन, इजिप्ट, बहरीन और युएई जैसे मुस्लिम राष्ट्र भी शामिल हैं। इसके साथ ही सबसे ज्यादा बार विदेशी संसद को संबोधित करने का रिकॉर्ड भी मोदी के नाम ही है। मोदी आश्चर्यों की वर्णमाला से गूंथित ऐसा व्यक्तित्व है जिसने अपने हर कीर्तिमान से भारत का मस्तक ऊंचा किया है। ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन के पार्लियामेंट को भी प्रधानमंत्री मोदी संबोधित कर चुके हैं। मोदी ने 14 बार विदेशी संसद में वहां के सांसदों को संबोधित किया। अमेरिका में मोदी ने दो बार संसद को संबोधित किया है। इसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, फिजी, मॉरिशस, युगांडा, नेपाल, भूटान, श्रीलंका, मंगोलिया, अफगानिस्तान और मालदीव की संसद को भी प्रधानमंत्री मोदी ने संबोधित किया है। इससे पहले प्रधानमंत्री रहते हुए मनमोहन सिंह ने 7 बार, इंदिरा गांधी ने 4 बार, जवाहरलाल नेहरू ने 3 बार, जबकि मोरारजी देसाई और पीवी नरसिम्हा राव ने 1-1 बार विदेशी संसदों में संबोधन दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब पापुआ न्यू गिनी पहुंचे थे तो सारे शासकीय प्रोटोकाल को तोड़ कर उस देश के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे ने न केवल मोदी का स्वागत किया साथ ही एयरपोर्ट पर सबके सामने मोदी के पांव भी छूए। यह अपने आप में अभूतपूर्व है कि विश्व के इतिहास में आज तक कभी भी किसी राष्ट्राध्यक्ष ने किसी दूसरे राष्ट्राध्यक्ष के पांव सार्वजनिक रूप से नहीं छूए हो।

भारत की जनता ने महानायक मोदी को एक नए भारत के शिल्पकार के रूप में देखा। मोदी की हर देश की यात्रा ऐतिहासिक एवं अविस्मरणीय बनी है। बात चाहे अमेरिका यात्रा की हो, वहां राष्ट्रपति जो बाइडेन मोदी गले तो मिले ही साथ ही बाइडेन का यह कहना अपने आप में अद्भुत है कि ‘‘आप तो अद्भुत लोकप्रिय हो। मुझे तो आपके आटोग्राफ लेने चाहिए।’’ आस्ट्रेलिया के सिडनी में जिस तरह से पूरा स्टेडियम वहां बसे भारतीयों ने ठसाठस भर दिया और पूरा स्टेडियम मोदी-मोदी के नारों से गुंजायमान हो उठा। उसे देखकर तो आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बानीस भी हैरान रह गए। दुनिया के बडे़ नेता जहां मोदी को सर आंखों पर बैठा रहे हैं, वहीं भारत में मोदी की लगातार बढ़ती साख एवं सम्मान से समूचा विपक्ष बौखलाया हुआ है। मोदी का जितना विरोध किया जा रहा है, उतनी ही उनकी प्रतिष्ठा एवं जनस्वीकार्यता बढ़ती जा रही है। एक तरह से विरोध उनके लिये वरदान बन रहा है। इस युगनायक पर कीचड़ उछालने की जिस तरह की हरकतें की गई, वर्तमान में वे पराकाष्ठा तक पहुंच गयी है। पर इससे मोदी का वर्चस्व धूमिल होने वाला नहीं है। क्योंकि उनकी राजनीति एवं नीति विशुद्ध है और सैद्धान्तिक आधार पुष्ट है।

आज भारत देश की वैश्विक साख और गरिमा में जो वृद्धि हुई है उसका पूरा श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को जाता है। विश्व शांति की स्थापना में भारत का योगदान हो या प्रौद्योगिकी के विशाल क्षितिज में लंबी उड़ान, यह सब प्रधानमंत्री की विशाल दृष्टि से संभव हो रहा है। हम सब बदलाव की इस प्रक्रिया को प्रत्यक्ष देख रहे हैं। यह सौभाग्य से कम नहीं है। मोदी का संपूर्ण व्यक्तित्व एक पाठशाला बन गया है। उनके व्यक्तित्व के कई अनूठे आयाम हम देख चुके हैं, जो हमें आश्चर्यचकित कर देते हैं। उनकी सबसे बड़ी और असाधारण बात है उनके वक्तव्य और भाषण। जितनी स्पष्टता और प्रभावी तरीके से वे अपनी बात रखते हैं वह विलक्षण है। उनकी दूरदृष्टि या विजन बिल्कुल स्पष्ट होता है। उन्होंने लोगों में विश्वास जगाया है कि भारत में आर्थिक विकास करने और दुनिया में अपना प्रभुत्व कायम करने की क्षमता है। कठोर परिश्रम एवं अनुशासित जीवन के प्रति उनके अनुराग ने दुनिया को प्रभावित और प्रेरित किया है। राष्ट्रीय स्वयसेवक संघ में एक बाल स्वयं सेवक बनने से लेकर प्रधानमंत्री बनने तक उनका जीवन अनुशासित रहा है। स्वास्थ्य के प्रति सजग रहते हुए, हर पल उत्साह से बिताना और नियमित योग करना उनकी दिनचर्या है। कई अवसर ऐसे आये जब श्री मोदी ने यह सिखाया और प्रयोग करके दिखाया कि कैसे धैर्य और विनम्रता सबसे भरोसेमंद साथी है। इनके सहारे कठिन चुनौतियों से निपटा जा सकता है।

प्रधानमंत्री मोदी में समय के साथ चलने और समय के पार देखने की अद्भुत क्षमता है। इसीलिए उन्होंने अपने नेतृत्व में जितनी योजनाएं बनाई वे सब वर्तमान को मजबूत बनाते हुए भविष्य को सुरक्षित करने वाली योजनाएं हैं। वर्ष 2047 तक विकसित भारत समृद्ध भारत का मिशन पूरा करने और भारत को विश्व की प्रथम 5 अर्थव्यवस्थाओं में शामिल करने के महान लक्ष्य को पूरा करते हुए भारत एक महाशक्ति के रूप में उभरते हुए विश्व नेतृत्व की क्षमताओं को उजागर कर रहा है। मोदी की सभी योजनाओं का उद्देश्य देश को विकसित बनाना और आर्थिक अर्थव्यवस्था को सुधारना है। नागरिकों को अच्छी सुविधाएं, आत्मनिर्भर जीवनयापन के अच्छे विकल्प, अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं, अच्छा रोजगार, बेहतर वातावरण आदि उपलब्ध कराना है।

प्रधानमंत्री जन धन योजना, स्वच्छ भारत मिशन, स्किल इंडिया मिशन, बेटी बचाओ बेटी पढाओ, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, अमृत योजना, डिजिटल इंडिया मिशन, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, आत्मनिर्भर भारत ने वर्तमान भारत की तस्वीर बदल दी है। भारतीय लोकतंत्र में एक स्वर्णिम अध्याय शुरू हुआ है और उसमें निरंतर नये-नये आयाम जुड़ते जा रहे हैं जिसे समूची दुनिया आश्चर्य से देख रही है। ‘सबका साथ-सबका विकास और सबका विश्वास’ के मंत्र अब हर नागरिक का सूत्र वाक्य है। मोदी के नेतृत्व में कई परिवर्तनकारी पहल की गई हैं, जिनका भारत पर स्थायी प्रभाव पड़ा है। उनके ‘स्वच्छ भारत’ अभियान ने पूरे देश में स्वच्छता और सफाई के बारे में जागरूकता बढ़ाई है, जबकि ‘मेक इन इंडिया’ पहल का लक्ष्य भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र में बदलना है। इसके अतिरिक्त, मोदी के ‘डिजिटल इंडिया’ कार्यक्रम ने देश के डिजिटल बुनियादी ढांचे में काफी सुधार किया है, जिससे प्रौद्योगिकी सभी के लिए अधिक सुलभ हो गई है। दस वर्ष का कुशल देश संचालन, विकास की नयी इबारत लिखना, विश्वमंचों पर भारत की साख को बढ़ाना आदि घटनाओं के साक्षी रहे लोगों का अनुभव है कि इस अवधि में जितना एवं जैसा भारत बना है, उसमें विश्व को नयी दिशा देने की क्षमता है। भारत की जनता उन्हें एक नए भारत के अभ्युदय के आधारस्तंभ के रूप में देख रही है।