संयुक्त संसदीय समिति में कुल 39 सदस्य, लोकसभा के 27 और राज्यसभा हुए 12 सदस्य नामित
गोपेन्द्र नाथ भट्ट
नई दिल्ली : संसद द्वारा एक राष्ट्र-एक चुनाव विधेयक पर गठित संयुक्त संसदीय समिति के चैयरमेन का दायित्व राजस्थान के पाली लोकसभा के सांसद और पूर्व केन्द्रीय विधि और न्याय राज्य मन्त्री पीपी चौधरी को नियुक्त किया गया है।संसद द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार इस जेपीसी में कुल 39 सदस्य बनाए गए है, जिसमें लोकसभा के 27 सांसद और राज्यसभा के 12 सांसद शामिल है।
सांसद चौधरी की अध्यक्षता में बनी इस कमेटी में लोकसभा से प्रमुख पुरुषोत्तमभाई रूपाला, अनुराग सिंह ठाकुर, सीएम रमेश, विष्णु दत शर्मा, डॉ. संजय जयसवाल, बैजयंत पांडा, प्रियंका गांधी वाड्रा, मनीष तिवारी, कल्याण बनर्जी, बांसुरी स्वराज, भर्तृहरि महताब, डॉ संबित पात्रा, अनिल बलूनी, सुप्रिया सुले, श्रीकांत एकनाथ शिंदे, अनिल देसाई, धर्मेन्द्र यादव एवं अन्य शामिल है। वहीं राज्यसभा से प्रमुख घनश्याम तिवारी, डॉ. के लक्ष्मण, संजय कुमार झा, रणदीप सुरजेवाला, संजय सिंह, विजय साईं रेड्डी आदि शामिल रहेंगे।
सांसद चौधरी पाली लोकसभा से लगातार तीसरी बार के सांसद है और उन्हें पूर्व में मिली जेपीसी अध्यक्ष पद की जिम्मेदारियों के कुशल निर्वहन के साथ ही कार्यशैली पर न केवल पक्ष बल्कि प्रतिपक्ष के सांसदों ने भी खूले मन से तारीफों के पूल बांधे हैं। जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक, 2022 और व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, 2019 पर बनी संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष के रूप में सांसद चौधरी के कार्यशैली की समिति में शामिल कांगेस के वरिष्ठ नेता जयराम नरेश और मनीष तिवारी में राज्यसभा एवं लोकसभा कार्यवाही में प्रशंसा की थी।
लगातार मिली महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां
45 साल से ज्यादा कानूनी अभ्यास करने वाले सांसद चौधरी वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में संवैधानिक कानून में विशेषज्ञ हैं और राजस्थान उच्च न्यायालय और भारत के सर्वोच्च न्यायालय में पेश हुए हैं। कानूनी और संवैधानिक मुद्दों की उनकी गहन समझ ने उन्हें कानूनी और राजनीतिक दोनों क्षेत्रों में बहुत सम्मान दिलाया है। इसी कारण उन्हें मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में केन्द्रीय विधि एवं न्याय राज्य मंत्री की जिम्मेदारी मिली। इसके अलावा उनको लगातार रूप से प्रमुख संसदीय स्थाई समितियां का अध्यक्ष बनाया गया है, जिनमें प्रमुख रूप से विदेश मामलों की संसदीय स्थाई समिति, फैलोशिप कमेटी एवं संयुक्त संसदीय स्थाई समिति ऑफिस ऑफ प्रोफिट शामिल है। इसके अलावा विभिन्न महत्वपूर्ण संसदीय समितियों में भी सदस्य बनते रहे है, जिनमें लोकसभा की प्राक्कलन समिति, वित्त संबंधी संसदीय स्थायी समिति कार्मिक, लोक शिकायत, कानून एवं न्याय संबंधी संसदीय स्थायी समिति व्यवसाय सलाहकर समिति, लोकसभा और भारत सरकार के गृह मंत्रालय की परार्मशदात्री समिति आदि प्रमुख रूप से हैं।