डॉ. वेदप्रताप वैदिक
एक मुस्लिम महिला ने बड़ी हिम्मत का काम किया है। उसने दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका लगाकर मांग की है कि किसी भी मुसलमान के लिए दूसरी शादी करने के पहले अपनी पहली बीवी की इजाजत लेना जरुरी हो। उसकी दूसरी मांग यह है कि दूसरी शादी के पहले उसके पास किसी न्यायाधीश का लिखित प्रमाण पत्र होना भी आवश्यक हों कि वह दोनों बीवियों को एक समान रख सकेगा। अदालत ने इस मुद्दे पर विधि मंत्रालय और अल्पसंख्यक आयोग की राय जानने का भी निर्देश जारी किया है। इस मुस्लिम महिला के वकील ने पाकिस्तान में 1961 में पारित एक कानून का हवाला देते हुए कहा है कि वहां दूसरी शादी करने के लिए अपनी पहली बीवी की इजाजत लेना और दोनों या सभी बीवियों के साथ समान व्यवहार की गारंटी देना जरुरी है। भारत में सरकार समान नागरिकता कानून लाने का ढ़िढौरा पीटती रहती है लेकिन औरतों की आजादी के मामले में वह पाकिस्तान से भी फिसड्डी है। भारत किसी इस्लामी देश से भी ज्यादा इस्लामी बना हुआ है।
इसका मूल कारण यह है कि भारत में इस्लाम की परंपरा को ठीक से समझा ही नहीं गया है। भारत के मुसलमानों को मुगल बादशाहों के आचरण ने जरुरत से ज्यादा प्रभावित किया है। वास्तव में कुरान शरीफ में एक पत्नीव्रत को ही सर्वश्रेष्ठ बताया गया है। उसमें चार पत्नियों की छूट इसलिए दी गई थी कि उहूद के युद्ध में बहुत-से मर्द मारे गए थे। उनकी पत्नियों और अनाथ बच्चों की रखवाली जरुरी थी। इसीलिए कुरान के अध्याय 4 और आयत 3 में कहा गया है कि अनाथ महिलाओं और बच्चों के खातिर तुम चार शादियां तक कर सकते हो लेकिन यह तुम तभी करना जब तुम सबके साथ न्याय कर सको। जो मुसलमान अब एक से ज्यादा शादियां करते हैं, क्या उनका मकसद यही होता है? ज्यादातर बहुपत्नी विवाहों के पीछे कामुकता, यौन लिप्सा, लोभ और शक्ति पिपासा जैसे ही कारण ज्यादा होते हैं। बहुपत्नी विवाह करनेवाले मर्द कौन होते हैं? वे अक्सर मालदार और ताकतवर लोग होते हैं। पैगंबर मोहम्मद के पहले अरब देश में ऐसे लोगों के हरम में दर्जनों बीवियां रहा करती थीं। पैगंबर ने क्रांति की ाअधिक से अधिक चार बीवियों का समर्थन किया।
इस्लाम के कई नामी-गिरामी मौलानाओं ने एक पत्नीव्रत को आदर्श बताया है। मैं दर्जनों मुस्लिम देशों में रहा हूं। एकाध अपवाद के अलावा किसी भी मित्र की चार तो क्या, मैंने दो बीवियां भी नहीं देखीं। कई मुस्लिम देशों में बहुपत्नी प्रथा पर कड़ा प्रतिबंध है जैसे तुर्की और ट्यूनीसिया में! दर्जन भर से भी ज्यादा मुस्लिम देशों में एक से ज्यादा बीवी रखने पर तरह-तरह के अंकुश लगाए गए हैं। भारत में धर्म-निरपेक्षता के नाम पर बहुपत्नी प्रथा की छूट है लेकिन यह इतनी गई-गुजरी प्रथा है कि भारत में इसे माननेवाला मुसलमान आदमी हजारों में एक भी नहीं मिलता। अदालत को इसे शीघ्र ही ताक पर पहुंचाना चाहिए।