मेरा लक्ष्य इस मौके को पूरी तरह भुनाना है : सुमन देवी

My aim is to make the most of this opportunity: Suman Devi

  • तीन बरस बाद भारतीय टीम में वापस स्थान पाने पर रोमांचित हूं
  • चीफ कोच हरेन्द्र सर ने मुझे मेरा खेल बेहतर करने में मदद की

सत्येन्द्र पाल सिंह

नई दिल्ली : सुमन देवी थोडम 2022 में ने आखिरी बार भारतीय महिला हॉकी के लिए खेली थी। सुमन देवी थोडम ने तीन बरस बाद अब एफआईएच प्रो लीग 2025 के यूरोपीय चरण के लिए भारतीय टीम में वापस जगह बनाई। किले की मजबूत प्रहरी फुलबैक सुमन देवी थोडम ने कहा, ‘मैं भारतीय टीम में वापस स्थान पाने पर रोमांचित हूं और मेरा लक्ष्य इस मौके को पूरी तरह भुनाना है। मैंने पहली बार 2016 में राष्ट्रीय महिला हॉकी शिविर में जगह बनाई और तब मैं भारत की जूनियर और सीनियर दोनों महिला हॉकी टीमों के लिए कुछ बरस खेली। मैं भारतीय महिला हॉकी टीम के लिए आखिरी बार भुवनेश्वर में 2022 में नीदरलैंड के खिलाफ एफआईएच प्रो लीग में खेली। कोर ग्रुप से बाहर किए और राष्ट्रीय टीम से तीन बरस बरस रहने के बावजूद मैंने हॉकी नहीं छोड़ी और भारतीय टीम में वापस स्थान पाने के लिए मेहनत करती रही। मैंने हॉकी उस्तादों के साथ मिल कर अपनी अपने किले की चौकसी को और दुरुस्त और चौकस करने के साथ मैंने बतौर डिफेंडर अपनी टैकलिंग और प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी की मजबूत घेरेबंदी करने के कौशल को भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) में और निखारने में मदद की। मैंने बेहतर डिफेंडर बनने के लिए अपने कौशल को बेहतर करने पर ध्यान लगा अब वापस भारतीय महिला हॉकी टीम में स्थान वापस पाया।
सुमन देवी थोडम की निगाहें अब 14 से 29 जून तक लंदन, एंटवर्प और बर्लिन में एफआईएच प्रो लीग 2024-25 के यूरोपीय चरण में अपनी कूवत दिखाने पर लगी हैं। भारत की महिला हॉकी टीम एफआईएच प्रो लीग कश यूरोपीय चरण में ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, बेल्जियम व चीन से दो दो बार भिड़ेगी,

25 बरस की सुमन देवी थोडम बेहतरीन स्ट्राइकर रही अब बतौर खिलाड़ी अपनी हॉकी टांग चुकी रानी रामपाल की कप्तानी में खेल चुकी हैं। सुमन अपनी पूर्व और मौजूदा हॉकी कप्तानी की विशिष्टताओं की बाबत कहती हैं, ‘हर कप्तान का अपना एक अलग व्यक्तित्व और भूमिका होती हैं। मेरी पूर्व कप्तान रानी रामपाल और अब मौजूदा भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान सलीमा टेटे की बतौर कप्तान अपनी अलग अलग ताकत है। सलीमा फिलहाल भारतीय महिला हॉकी टीम की सबसे वरिष्ठ खिलाड़ियो में से एक हैं और उन्होंने अपने अनुभव से टीम में हर किसी का सम्मान हासिल किया ही है यथ ही रानी रामपाल की कप्तानी की शैली से भी सीख कर खुद को बेहतर कप्तान बनाया है। अब जब मैंने एफआईएच प्रो लीग के अआगामी यूरोपीय चरण के लिए भारतीय सीनियर महिला हॉकी टीम में वापसी की है मैं जानती हूं कि मैं बेहतर प्रदर्शन कर सकती हूं। हमारी सीनियर भारतीय महिला हॉकी टीम के चीफ कोच हरेन्द्र सिंह सर और विजय सर ने मुझे मेरा खेल बेहतर करने में बहुत मदद की और एफआईएच प्रो लीग के लिए वापस भारतीय टीम में शामिल कर जो मौका दिया है मैं इसे यूं ही नहीं खोना चाहती । मेरा दीर्घकालिक लक्ष्य अपना खेल बेहतर कर इसका पूरा उपयोग कर भारत की नुमाइंदगी करना है।‘

इम्फाल, मणिपुर से आने वाले सुमन देवी थोडम की नौजवान हॉकी खिलाड़ियों को बस यही सलाह है कि कभी भी अपने सपनों को नहीं छोड़े बल्कि इन्हें पूरा करने के लिए जुटी रही। सुमन कहती हैं, ‘ जीवन उतार चढ़ावों की यात्रा है। आज नाकामियों का सामना करने का मतलब यह कतई नहीं आप बस वहीं रहेगे। खुद पर भरोसा कायम रखे, अनुशासित रहे , मेहनत करते रहे क्योंकि हर मेहनत का अंतत: फल मिलता ही है।‘