- मैं सिडनी टेस्ट से इसलिए बाहर बैठा क्योंकि मेरे बल्ले से रन नहीं बन रहे थे
- माइक और लेपटॉप वाले लोग क्या कहते हैं और लिखते हैं, उससे जिंदगी नहीं बदलेगी
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : भारत के कप्तान रोहित शर्मा ने कहा कि उनके सिडनी में पांचवें और आखिरी क्रिकेट टेस्ट से बाहर बैठने के फैसले को उनके संन्यास का फैसला न समझा जाए। रोहित शर्मा ने सिडनी टेस्ट के दूसरे दिन स्टार स्पोटर्स से बातचीत करते हुए कहा, ’मुझे भरोसा है हालात बदलेंगे। जिनके हाथों में पेन, माइक और लैपटॉप हैं वे यह फैसला नहीं कर सकते हैं हम कम रिटायर होंगे। मेरे सिडनी टेस्ट से बाहर बैठने का फैसला मेरे रिटायर होने का फैसला नहीं है। न ही मैं क्रिकेट से अलग हो रहा हूं। मैं सिडनी टेस्ट से इसलिए बाहर बैठा क्योंकि मेरे बल्ले से रन नहीं बन रहे थे। इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि आगे दो या पांच महीनों में रन नही बनेंगे। मैंने जिंदगी में बहुत क्रिकेट खेली हैं। मैंने क्रिकेट में बहुत कुछ देखा है, जिंदगी हर पल, हर मिनट और हर दिन बदलती है। मुझे खुद पर भरोसा है कि हालात बदल सकते हैं लेकिन साथ ही मुझे हकीकत भी समझनी होगी। इसलिए पेन, माइक और लेपटॉप वाले लोग क्या कहते हैं और लिखते हैं, उससे जिंदगी नहीं बदलेगी। ये पैन, माइक और लेपटॉप वाले लोग ये फैसला नहीं कर सकते कि हमें कब क्रिकेट से संन्यास लेना चाहिए, कब मैच से बाहर बैठना चाहिए और कब कप्तानी करनी चाहिए। मैं एक समझदार और परिपक्व इनसान हूं। में दो बच्चों का पिता हूं और यह जानता हूं कि मुझे जिंदगी में क्या चाहिए। मेरे लिए सिडनी से खुद को बाहर रखने का फैसला एक मुश्किल पर सभी स्थितियों को जेहन में रखेंगे तो यह समझदारी भरी फैसला था। मैं बहुत आगे की नहीं सोच रहा, बस यह सोच रहा हूं हमारी टीम को क्या चाहिए, मैं बस इसके अलावा कुछ नही सोच रहा।‘
टेस्ट और वन डे टीम के कप्तान रोहित शर्मा अपने बेटे के जन्म के समय अपनी पत्नी के साथ रहने के कारण पर्थ में सीरीज के पहले टेस्ट के अधबीच भारतीय टीम से जुड़े थे। केएल राहुल के यशस्वी के साथ पारी का आगाज करने के कारण एडिलेड में दूसरे और ब्रिस्बेन में तीसरे टेस्ट में रोहित मध्यक्रम मे खेले थे। भारत की मेलबर्न में चौथे टेस्ट में हार के बाद रोहित शर्मा के टेस्ट को अलविदा कहने और भारतीय ड्रेसिंग में अलगाव की चर्चा मीडिया में शुरू हो गई थी। रोहित ने कहा, ‘मेलबर्न टेस्ट के बाद मेरी चीफ कोच गौतम गंभीर और चयनकर्ताओं से बहुत सीधी बात हुई कि मेरे बल्ले से रन नहीं बन रहे, मैं रंग में नहीं हूं और सिडनी का पांचवां और आखिरी टेस्ट हमारे लिए बहुत अहम है और हमें इसके लिए ऐसे खिलाड़ियों की जरूरत है , जो रंग में हों। मैंने सिडनी पहुंचने के बाद इस टेस्ट मैच में न खेलने का फैसला किया। हमारे पास चौथे टेस्ट के बाद पांचवें टेस्ट से पहले दो ही दिन थे। नए साल के दिन मैं चीफ कोच और चयनकर्ताओं से इस बाबत बात नहीं करना चाहता था। हालांकि मेरे जेहन में यह बात की मैं पूरी कोशिश कर रहा हूं लेकिन रन नहीं बन रहे । मुझे यह स्वीकार कर खुद रास्ता खाली करना था।
मेरी चयकर्ताओं और चीफ कोच से बहुत सीधी साफ बात हुई सिडनी का टेस्ट हमारे लिए बेहद अहम है न तो मैं रंग में हूं और न ही मेरे बल्ले से रन बन रहे हें और हमें इसके ऐसे खिलाड़ी चाहिए जो रंग में हो साथ ही हमारे लड़के बहुत रंग में नहीं थे। तब मेरे जेहन में सामान्य सी बात आई कि हम उन खिलाड़ियों के साथ मेच में नहीं उतर सकते जो रंग मे न हों। तब मेरे जेहन में जो यह सब चल रहा मैंने इसे कोच और चयनकर्ताओं को बताना की बाबत सोचा और इन दोनों ने मेरे सिडनी टेस्ट में न खेलने के फैसले का समर्थन किया। कोच और चयनकर्ता ने मुझसे कहा कि तुम इतने लंबे समय से खेल रहे हैं और आप इस फैसले को लेने के लिए सबसे अच्छी स्थिति में हो।‘